संकट में जयगुरुदेव नाम बोलने से जान बचेगी, सबको बता दोगे तो जान बचाने का भारी पुण्य आपको मिलेगा

  • लोगों को बार-बार बताते-समझाते रहो, कर्म कटेंगे तो बुद्धि सही हो जाएगी

उज्जैन (मध्य प्रदेश) । तेजी से बिगड़ते समय में जान बचाने के लिए सरल से सरलतम उपाय समय रहते बताने वाले, इस समय के मनुष्य शरीर में मौजूद उज्जैन वाले पूरे सन्त सतगुरु बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 20 मार्च 2022 को दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर प्रसारित लाइव संदेश में बताया कि जयगुरुदेव नाम कोई सुने न सुने, बोलते जाओ, बोलते ही जाओ। कहते जाओ, शाकाहारी रहो, जयगुरुदेव नाम प्रभु का नाम है। आप अपने-अपने देश के अनुसार व्यवस्था अपनी बना लो, प्रचार-प्रसार की जहां जिस तरह से कर सकते हो। कहीं का नियम अलग है। नियम अगर सख्त है इस तरह से आप नहीं कर सकते हो अपने-अपने तौर-तरीके ही से करो। जो आप लोग विकसित राष्ट्र में रहते हो, जहां विज्ञान तरक्की पर है, आप अपने-अपने तरीके से व्हाट्सएप मैसेज और भी बहुत सी चीजें हैं, जैसे भारत में चलती है, उसी तरह से आप खोज लो और जन-जन तक पहुंचाओ जयगुरुदेव नाम।

जयगुरुदेव नाम की ध्वनि अगर शाकाहारी रहकर बोलोगे तो जल्दी फायदा मिलेगा

जितने आदमी सुन रहे हो, लग जाओ इस काम में तो कोई बहुत बड़ी चीज नहीं है। जयगुरुदेव नाम को तो लोग जान ही जाएंगे, उसके साथ जो शाकाहार जुड़ा रहेगा, शाकाहारी रहकर के करोगे तो ज्यादा फायदा दिखेगा। तब दो चीज तो जान जाएंगे। आप कहते रहो, कहते रहो।

बार-बार बताते रहो, समझाते रहो कर्म कटेंगे तो बुद्धि सही हो जाएगी

जब कोई कपड़ा, गाड़ी, घोड़ा, कोई भी चीज ज्यादा गंदा हो जाता है तब उसको बार-बार धोना पड़ता है, रगड़ कर साफ करना पड़ता है। लेकिन जब रगड़ते रहो, साफ करते रहो तो एक दिन साफ हो ही जाता है। ऐसे ही जब जयगुरुदेव नाम लोगों को बताओगे, कहते-कहते, सुनते-सुनते उसके कर्म कटेंगे फिर एक दिन बोलने लगेगा फिर एक दिन शाकाहारी नशा मुक्त हो जाएगा। गुरुमहाराज ने जयगुरुदेव नाम का जब प्रचार शुरू किया तब कुछ लोग कहते थे आप कितना भी प्रचार कर लो, हम जयगुरुदेव नाम बोलेंगे ही नहीं। कहा आप बोल तो रहे हो, तो कैसे भी बोलना और बुलवाना है।

होकर लाचार नाम लोगे हमारा, सुनते तो जाओ संदेश हमारा

हम लोग प्रार्थना बोला करते थे। आप लोग पढ़े-लिखे हो, बुद्धिजीवी हो, समझते हो हर बात को कि देश-विदेश की क्या परिस्थितियां बन रही हैं, क्या समय ऐसा आ रहा है। एक समय यही आ जाएगा कि उस समय जयगुरुदेव नाम बोलने से ही जान बचेगी तो लोग बोलेंगे ही बोलेंगे। बाधा जब टलेगी, जयगुरुदेव नाम की आवाज लगेगी, जयगुरुदेव नाम ध्वनि बोलेंगे, तकलीफ ऐसे सामने आती हुई दिखाई तो पड रही हैं और वह जब हटेगी तो लोग बोलेंगे ही बोलेंगे, अपने आप बोलने लगेगे।

जान बचाना बहुत बड़ा पुण्य का है, जान बचाने का पुण्य आपको भारी मिलेगा

लेकिन जब जानकारी आप करा दोगे, मुसीबत में जब वह बच जाएंगे, उनकी जान जब बच जाएगी तब। यदि नहीं मालूम होगा तो बेचारे क्या बोलेंगे? मुसीबत तकलीफ में जब बच जाएंगे, उनकी जो जान बचेगी, उसका लाभ आपको मिलेगा। जान बचाना बहुत बड़ा पुण्य का काम होता है। आदमी का मारना बहुत बड़ा पाप होता है। बचा लो उसको किसी भी तरह से जिसकी जान जाने वाली है, आपको भारी पुण्य मिलेगा।

अपने लिए तो सब करते हैं लेकिन परमार्थी दूसरों के लिए करते हैं जो परमार्थी होते हैं जो सन्तों के जीव, बंदे होते हैं, इनको दूसरे के लिए सोचना चाहिए क्योंकि परमारथ के कारने, संतन धरा शरीर

सन्त दूसरे के लिए ही आते हैं। पेड़ अपना फल नहीं खाता, नदी अपना पानी नहीं पीती, ये दूसरे को फल-पानी खिलाते-पिलाते हैं। इसी तरह से संत हुआ करते हैं। अपनी नहीं दूसरों की फिक्र करते हैं। और आप संत के बंदे हो। जो गुरु का काम है उस काम में मदद करो, जीवों की भलाई, कल्याण में मदद करो, प्रचार करके गुरु की बातों को बता कर के। नए आदमी को सिर्फ जयगुरुदेव नाम के बारे में बताओ। जयगुरुदेव नाम की परीक्षा लेकर देखें, जयगुरुदेव नाम से फायदा दिखने लगेगा। शाकाहारी नशा मुक्त रह कर के आप खुद भी करो। जयगुरुदेव नाम बोल करके घर से निकलो। कभी भी परेशानी आवे, उस समय आप बोलो। जो शाकाहारी नशा मुक्त होकर के बोलेगा उसको लाभ ज्यादा मिलेगा।

अभी आपको सेवा करने का मौका मिला हुआ है

देखो सब लोग शाकाहारी, भजनानंदी ही मिले होते तो सेवा आपको कहां से मिलती? यह जो प्रचार प्रसार सतसंग सुनाया, समझाया, बताया जा रहा, ये सेवा कैसे मिलती? सेवा से ही कर्म कटते हैं इसलिए सेवा जरूरी होती है।

सन्त उमाकान्त जी के वचन

तीसरा नेत्र सबके पास है। समरथ गुरु की दया से खुल सकता है। सन्तमत की साधना सभी लोगों के लिए सरल है। देश की सेवा का मौका पाने के लिए देश भक्त बनो। निन्दा-बुराई को मन से हटाओ। दिल में प्रेम की जगह बनाओ। तामसी चीजों के खाने से वासनाएं जागती हैं।

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