आगे सन्त-महात्मा फकीर लोगों को याद आएंगे, अध्यात्म से ही अब लोगों को मिलेगी सुख-शांति और होगी जान-माल की रक्षा : बाबा उमाकान्त

  • जो नामदान लेकर नाम की कमाई करने लग जाते हैं, उनको धरती पर मौजूद सतगुरु की हो जाती है पहचान 
  • ऐसा समय दिखाई पड़ रहा है कि सतसंग लोगों के समझ में धीरे-धीरे आने लग जाएगा 

उज्जैन, मध्य प्रदेश। इस धरती पर विलक्षण महापुरुष स्वयं अनामी महाप्रभु के साक्षात अवतार प्रकट सन्त भूत-भविष्य-वर्तमान का ज्ञान रखने वाले उज्जैन के पूज्य सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 17 दिसंबर 2020 को उज्जैन आश्रम से दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर प्रसारित संदेश में बताया की अब ऐसा समय धीरे-धीरे आता दिखाई पड़ रहा है कि लोगों के समझ में सतसंग आने लग जाएगा। सन्त महात्मा फकीर लोगों को याद आएंगे। ऐसा समय आएगा जब अध्यात्म से लोगों को शांति मिलेगी, सुख मिलेगा, शरीर की रक्षा होगी। 

सच्चे सन्त का सतसंग बड़े भाग्य से मिलता है, उनका एक-एक वचन अमल करके जीवन में उतारना चाहिए 

अभी लोगों से लाइन में जब मैं मिल रहा था तो एक देवी ने मुझसे कहा अब सतसंग मेरे समझ में धीरे-धीरे आने लग रहा है। 40 साल से कुछ समझ में नहीं आया। मुख्य चीज यह है कि आदमी अगर ध्यान दे तब तो समझ में आता है नहीं तो नहीं आता। एक कान से सुना और दूसरे कान से निकाल दिया, सुना और गुना नहीं, अमल नहीं किया तो उसका लाभ फायदा नहीं होता है। आप बहुत से लोग गुरु महाराज जी के शिष्य हो जो बहुत समय से जुड़े हो। आपको देखना है कि आपने गुरु महाराज को कितना समझा, कितना जाना और कितना गुरु के आदेश का पालन किया। कहा गया कि कोई काम जब करो, समझ करके करो और करने लग जाओ तो लगन के साथ करो, उसमें कुछ कामयाबी हासिल करो। 

जो नामदान लेकर नाम की कमाई करने लग जाते हैं उनको धरती पर मौजूद सतगुरु की हो जाती है पहचान 

आप जो नामदानी गुरु महाराज के हो, जो गुरु महाराज के बारे में समझ लिए, मनुष्य शरीर के बारे में समझ लिये और नामदान लेकर नाम की कमाई में लग गए, उनके समझ में तो पूरा आ गया। और जो केवल सतसंग सुने, चले गए या गुरु महाराज के पास स्वार्थ में, दुनिया की चाह में आये उनके बहुत से लोगों के समझ में अभी नहीं आये गुरु महाराज, उनका मिशन अब भी समझ में नही आया। 

विश्व में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सेना अध्यक्षों से बाबा उमाकान्त जी की प्रार्थना- विश्व युद्ध को टालो, लोगों की जान बचाओ : बाबा उमाकान्त 

जीवात्मा का कल्याण जब तक न हो जाय इस शरीर को स्वस्थ रखने के लिए थोड़ा कम खाओ 

आपको याद दिलाता हूं, यह मनुष्य शरीर किराए के मकान की तरह से है। एक दिन खाली कर देना पड़ेगा। जिस काम के लिए उसने इसे दिया है उसे करो। इसको स्वस्थ रखो, गर्मी-ठंडी से बचा कर रखो और अपना असला काम बना लो। इस चीज को बराबर याद रखो कि दुनिया, दुनिया की चीजें, यह शरीर हमारा अपना नहीं है। यह तो क्षणिक है। कुछ समय के लिए है। कभी भी छूट जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता है, इसको बराबर याद रखो। जब तक इस शरीर से अपना काम न हो जाए अपने जीवात्मा का कल्याण न हो जाए, अपने घर अपने वतन न आने-जाने लग जाए तब तक इसको स्वस्थ्य रखो। 

सन्त उमाकान्त जी के महत्वपूर्ण वचन 

  • गुरुदेव तुम्हारे चरणों में सतकोटि प्रणाम हमारा है।
  • सन्तों की दया से अर्थ, धर्म, काम व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • असली धर्म निरपेक्षता जनता को रोजी-रोटी और न्याय सुरक्षा देना-दिलाना है।
  • परमार्थ के तीन स्तम्भ सतसंग, सेवा और भजन।
  • गुरु में पूर्ण विश्वास ही सफलता की कुंजी है।
  • जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयजय गुरुदेव।
  • रोज रात को सोने से पहले बराबर कुछ दिन बोलने से फायदा दिखने लगेगा।
  • शाकाहारी सदाचारी नशामुक्त लोगों के लिये मुसीबत में जयगुरुदेव नाम मददगार होगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ