बाबा उमाकान्त जी ने बताया इतने पूजा-पाठ, जप-तप के बावजूद प्रभु के खुश नहीं होने का कारण

  • ये शराब और मांस विनाश का कारण बनता जा रहा है, जानकर गलती करने वालों को सख्त सजा मिलती है
  • कोई भी डॉक्टर गारंटी नहीं ले सकता कि अंडा खाने से रोग ठीक हो जाएगा। अंडा से दूसरा रोग पकड़ लेगा

उज्जैन (म.प्र.)। पूरी दुनिया में शाकाहार की अलख जगाने वाले महान सन्त बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, इस समय के मनुष्य शरीर में मौजूद पूरे सन्त सतगुरु उज्जैन वाले सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 5 जनवरी 2022 को उज्जैन (म.प्र.) में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि कुछ लोग जो मांस खाते हैं आप कहोगे कि हम मारते नहीं, केवल खरीद कर लाते हैं और कभी-कभी ही खाते हैं। चाहे कभी खाओ, चाहे एक बार खाओ तो सजा मिलेगी। मार के काट के, खरीद के लाओगे, पकाओगे, खाओगे, खिलाओगे तो भी सजा मिलेगी। सजा का उसका इस तरह का विधान है। उसके (प्रभु के) जीव को जो मारेगा, काटेगा, मांस को लाएगा, पकाएगा, खाएगा, खिलाएगा - सबको पाप लगेगा। इसलिए अब घर में पकना नहीं चाहिए। मांस, अंडा, मछली नहीं पकना चाहिए। यह बात अब समझ लो आप लोग। जो खाते हो संकल्प बना लो तो छूट जाएगा।

कोई भी डॉक्टर गारंटी नहीं ले सकता कि अंडा खाने से ठीक हो जाएगा, गंदी चीजें खाने से बच्चा स्वस्थ हो ही नहीं सकता

अंडा पता ही नहीं, डॉक्टर को कि क्या चीज है। यह माताएं मासिक धर्म होती हैं, खराब खून इकट्ठा होकर बच्चा बन जाता है। मुर्गियों का खराब खून, टट्टी-पेशाब का खराब हिस्सा इकट्ठा होकर अंडा बन जाता है। अंडा खाने से बच्चा स्वस्थ नहीं हो सकता है। कोई भी डॉक्टर गारंटी नहीं ले सकता कि अंडा खाने से बच्चा ठीक हो जाएगा।

जैसे जानवरों को ज्ञान नहीं रहता की मेरी बहन है या माँ है, ऐसे ही जब आदमी उनको खाएगा तो कैसे बुद्धि सही रह सकती है

मछली गंदी चीज है। तालाब की सफाई के लिए बनाई गई। कोई भी गंदी चीज डाल दो, मछली खा जाएगी। देखो जब मर जाती है, पानी के ऊपर तैरती है तो गाय, बैल, भैंस कोई मछली खाते हैं? नहीं खाते। ये पानी पीकर चले आते हैं। जानवर चारा खाते हैं। मछली किसका भोजन है? गिद्ध और कौवा का। उनका भोजन जब आदमी खायेगा तो बुद्धि खराब हो जाती है, ज्ञान नहीं रह जाता  जैसे पशु-पक्षियों को ज्ञान नहीं रहता, मां बहन बेटी की पहचान नहीं हो पाती है।

जिससे पूजा-उपासना करते हो, वह जगह ही गंदी हो गयी

इतना पूजा-पाठ, जप-तप होते हुए भी प्रभु क्यों नहीं खुश होते हैं? क्योंकि उसके बनाए हुए मानव मंदिर को ही गंदा कर लिया। मुंह से स्तुति प्रार्थना बोलते हो, हाथ से फूल-पत्ती, प्रसाद चढ़ाते हो, यही गंदा कर लिया। मंदिर में गंदी चीज ले जाकर के डाल दे तो लोग कहते हैं जगह गंदी हो गई। इसकी सफाई करनी पड़ेगी तब भगवान की पूजा की जाएगी। इसलिए मनुष्य शरीर की सफाई जरूरी है। प्रायश्चित अगर कर लोगे तब तो दया हो सकती है नहीं तो गलती बार-बार जान कर करते रहोगे तो समझ लो जानकर गलती करने वालों को सख्त सजा मिलती है।

मुसलमान भाइयों की मजहबी किताब में लिखा है एक कतरा शराब का जिस्म पर यदि पड़ जाए तो उसे काट कर फेंक देना चाहिए

मांस, मछली, अंडा मत खाना और शराब मत पीना। 1000 बुराईयां शराब में। मुसलमानों की किताबों में लिखा है कि एक कतरा भी शराब का अगर जिस्म पर पड़ जाए तो काट करके फेंक देना चाहिए। हिंदुओं के यहां भी लिखा है-

गंगाजल कृत बरहु जाना। तदक न सन्त करहि तहि पाना।।

गंगाजल जैसे जल में शराब बनाया गया हो तो भी नहीं पीना चाहिए। तेज नशे वाला कोई भी नशा मत करना। ऐसी कोई भी जड़ी-बूटी या गोली मत खाना। ऐसे नशे का सेवन मत करना जिससे होश में न रह जाओ, मां बहन बेटी की पहचान आंखों से खत्म हो जाए।

सन्त उमाकान्त जी के वचन

  • मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा में शाकाहारी नशा मुक्त व्यक्तियों के मेहनत, ईमानदारी की कमाई ही लगना चाहिए। 
  • व्यवस्था को सही करने के लिए फकीर और मुरीद दोनों को मेहनत करना पड़ता है।
  • भूखे को भोजन कराना, प्यासे को पानी पिलाना पुण्य का काम होता है।
  • सरकारी नियम का पालन करो, अधिकारी व कर्मचारियों का सम्मान करो, उनके कार्य में यथा संभव सहयोग भी करो।
  • प्रार्थना से ध्यान दुनिया की तरफ से हटकर एकाग्र होने लगता है।

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