जयगुरुदेव नाम हर मर्ज में करेगा फायदा - सन्त उमाकान्त जी महाराज

  • सोहबत के असर से घर में कोई बिगड़ गया हो तो नामध्वनि बोलने से सुधर जाएगा
  • किसी को किसी भी तरह की तकलीफ हो, कुछ समय लगातार नामध्वनि बोल करके देख लो, फायदा हो तो मानो नहीं तो कोई जबरदस्ती नहीं

शाहजहांपुर, उ.प्र.। लोगों के दुःख से दुःखी होकर तकलीफ, परेशानियों में आराम पाने का सरल रास्ता बताने वाले इस समय के पूरे पहुंचे हुए महात्मा, उज्जैन वाले परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 2 दिसम्बर 2021 को शाहजपुर (उ. प्र.) में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि ये जयगुरुदेव नाम हर मर्ज में  फायदा करेगा। इसी (उपस्थित लोगों) में खोजोगे तो आपको ऐसे लोग मिल जाएंगे जिन्होंने नियम से सुबह-शाम एक घंटा जयगुरुदेव नाम की ध्वनि बोलना शुरू किया और धीरे-धीरे उनके घरों से तकलीफें खत्म होने लग गई, बिगड़े काम उनके बनने लग गए।

जयगुरुदेव नाम ध्वनि बोलने से जान-अनजान में बने बुरे कर्मों की होगी सफाई

जयगुरुदेव नाम ध्वनि क्या है? जैसे पारस पत्थर से ऊपर जंग लगे लोहे को छुवाओ तो सोना नहीं बनता है। सफाई कर दो, जंग छुड़ा दो फिर छुआ दो तो सोना बन जाएगा। इसी प्रकार नामध्वनी बोलने से आपके, परिवार वालों के जो जान-अनजान में कर्म बन गए, कर्मों की गंदगी जमा हो गयी, उनकी होगी सफाई और आपको आपकी तकलीफ में आराम मिलेगा।

पहले घर में सबका एक ही तरह का खानपान और विचार भावनाएं थी

एक घर में कई लोग रहते हो। कोई जरूरी नहीं है कि सब के सब सतसंगी हो। कोई राम, कृष्ण, दुर्गा को मानता, कोई कावड़ लेकर जाता, कोई मजार में चद्दर चढ़ाता, तरह-तरह के एक ही घर में लोग हो गए। पहले क्या था? एक जैसा खाना-पीना, पहनावा, विचार-भावना थी। अब जिसको जैसा साथी मिल गया, उसी तरह हो गया। आप शाकाहारी हो, आपके पिता जी कभी तंबाकू का नशा नहीं किया, लड़के को शराबी साथी मिल गए तो शराबी हो गया। कहते हैं-

संगत से गुण होत है, संगत से गुण जाय। बांस-फांस और मिश्री, सबै एकै भाव बिकाय।

मिश्री के अंदर पड़ी रस्सी भी मिश्री के भाव बिक जाती है। साथ का असर होता है। इसीलिए साधक ने सतगुरु से क्या मांगा? साध संग मोहे देव नित, परम गुरु दातार। या मेरे मालिक, या मेरे गुरु, साधक का संग मुझे दो। साधक सब सीखा देगा।

सोहबत के असर से घर में कोई बिगड़ गया हो तो नामध्वनि बोलने से सुधर जाएगा

यदि गलत संगति के असर से कोई घर में बिगड़ गया हो तो जयगुरुदेव नाम की ध्वनि जब बोलने लगेगा तो मन उसका बदल जाएगा। जब सुबह-शाम नाम ध्वनि में उसको प्यार से बैठा ले जाओगे तो सुधर जाएगा। कैसे भी हो आप उसको समझा कर के बैठाना शुरू करो। जयगुरुदेव नाम की ध्वनि ऐसे बोलना रहेगा-

जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयजय गुरुदेव

जयगुरुदेव नाम की ध्वनि चाहे आप नए हो या पुराने हो, किसी को भी किसी भी तरह की तकलीफ रहती है, कुछ महीना लगातार बोल करके देख लो। फायदा होता है तो मानो नहीं तो कोई जोर जबरदस्ती नहीं। अर्जी हमारी, मर्जी आपकी।

सन्त उमाकान्त जी के वचन

नाम रस के आगे दुनिया के सारे रस फीके लगते हैं। मोक्षदायी गंगा, यमुना व सात समुद्र शरीर के अंदर ही हैं। शराब अपराध और भ्रष्टाचार की जननी है। नाम से जुड़ने वाली आत्मा नर्क में कभी नहीं जाती है। प्रार्थना, ध्यान और भजन- निर्बल का बल है।

  • नाम रस के आगे दुनिया के सारे रस फीके लगते हैं।
  • मोक्षदायी गंगा, यमुना व सात समुद्र शरीर के अंदर ही हैं। 
  • शराब अपराध और भ्रष्टाचार की जननी है।
  • नाम से जुड़ने वाली आत्मा नर्क में कभी नहीं जाती है।
  • प्रार्थना, ध्यान और भजन- निर्बल का बल है।

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