अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ |
- डीएम ने किया मतगणना स्थल का निरीक्षण
बांदा। सोमवार को जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग पटेल द्वारा विधान सभा सामान्य निर्वाचन 2022 के मतगणना स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने समस्त रिटर्निंग आफिसर को निर्देशित किया गया कि निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गये निर्देशों का भलिभांति अध्ययन करते हुये अपने-अपने विधान सभाओं में मतगणना स्थल की सभी तैयारियों को शीघ्र पूर्ण करायें। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं सहायक निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए कि विधानसभा वार मतगणना पंडाल, प्रेक्षक कक्ष, जिला निर्वाचन अधिकारी कक्ष तथा मीडिया सेंटर की स्थापना मतगणना से 02 दिवस पूर्व कर ली जाए।
मतगणना पंडाल में निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित कर ली जाएं जिससे किसी भी प्रकार कठिनाई ना हो। निरीक्षण के समय उप जिला निर्वाचन अधिकारी उमाकान्त त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) अमिताभ यादव, समस्त रिटर्निंग आफिसर, अपर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निसा मिश्रा, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी पुरुषोत्तम नारायण सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहें।
मतगणना के दिन इन मार्गों पर रहेगा प्रतिबंध
- बड़े वाहनों के संचालन पर रहेगी रोक
बांदा। टांडा-बांदा राष्ट्रीय राजमार्ग पर 10 मार्च को होने वाली मतगणना के दौरान पूरे दिन बड़े वाहनों के संचालन पर रोक रहेगी। छोटे वाहनों को भी मंडी के सामने की बजाय अन्य रूटों से डायवर्ट कर आगे की ओर गुजारा जाएगा। पुलिस ने यातायात प्लान तैयार कर लिया है। पर्याप्त पुलिस बल भी लगाया जाएगा। कृषि उत्पादन मंडी समिति में 10 फरवरी को होने वाली मतगणना के दौरान कालूकुआं चौराहे से कोई भी वाहन मंडी समिति की तरफ नहीं जाएंगे। छोटा बाईपास की तरफ से भी कोई भी वाहन मंडी की तरफ नहीं आएगा। चिल्ला चौराहे से कालूकुआं की ओर भी वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक रहेंगी।
इसी प्रकार से तिंदवारी बाईपास से कोई भी वाहन मंडी की तरफ नहीं आएंगे। उन्हें बाईपास की तरफ से रास्ता दिया जाएगा। इसी प्रकार से बिसंडा एवं बबेरू की ओर से शहर में आने वाले चार पहिया वाहन कालूकुआं चौराहा न जाकर आरटीओ तिराहा से तिंदवारी बाईपास होते हुए मवई बाईपास से महाराणा प्रताप चौराहा होकर शहर में जा सकेंगे। ऐसे ही अतर्रा, नरैनी, गिरवां की तरफ से आने वाले वाहन बाबूलाल चौराहा होकर रेलवे स्टेशन होते हुए चिल्ला चौराहा की ओर जाएंगे। कालूकुआं की ओर कोई भी वाहन नहीं जाएगा।
इसके अलावा जिला निर्वाचन अधिकारी के दिशा निर्देश पर यह भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है कि तिंदवारी बाईपास से बाबूलाल चौराहे तक सड़क के किनारे कोई भी वाहन खड़ा नहीं रहेगा। इसके साथ ही मतगणना दिवस के दिन 10 मार्च को तिंदवारी रोड पर छोटा बाईपास से कालूकुआं चौराहे तक सभी दुकानें बंद रहेगी तथा कोई भी ई-रिक्शा, आटो व टेंपो भी इस मार्ग पर नहीं चलेंगे।
विश्व महिला दिवस (8 मार्च) पर विशेष
- पाठा में पढ़ा रहीं परिवार नियोजन का पाठ
- दस्यु प्रभावित क्षेत्र में कराईं 100 महिला नसबंदी
- आशाओं के साथ दंपतियों को भी प्रेरित कर रही संगिनी सुधा
- 31 आशा कार्यकर्ताओं का उठा रहीं जिम्मा
बांदा। कभी दस्युओं की दहशत से सहमे पाठा क्षेत्र में अब परिवार नियोजन का शोर सुनाई दे रहा है। परिवार खुशहाल बनाने के लिए ग्रामीण महिलाएं भी आगे आकर जिम्मेदारी निभा रही हैं। दंपतियों व क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए आशा संगिनी सुधा पूरी शिद्दत से अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रही हैं। पाठा क्षेत्र में इस साल 100 से ज्यादा महिला व एक पुरूष नसबंदी कराकर सुधा परिवार नियोजन का पाठ पढ़ा रही हैं। नरैनी क्षेत्र के सढ़ा गांव की रहने वाली आशा संगिनी सुधा देवी ने वर्ष 2006 में आशा कार्यकर्ता के पद पर कार्यभार संभाला था। अपना कार्य बेहतर ढ़ग से करने की वजह से उन्हें वर्ष 2013 में पदोन्नति मिली और आशा संगिनी बना दिया गया।
संगिनी के तौर पर सुधा को 31 आशा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी दे दी गई। इसमें आधा दर्जन से ज्यादा गांव दस्यु प्रभावित क्षेत्र के हैं। इन गांवों में डकैतों सबसे ज्यादा आंतक रहा है। जिससे यहां स्वास्थ्य सेवाएं भी बाधित रहती थीं। यह ऐसे गांव हैं जहां पुलिस भी जाने से कतराती थी। लेकिन अब पाठा क्षेत्र के गांवों में परिवार नियोजन पाठ पढ़ाया जा रहा है। सुधा ने बताया कि अपनी आशा कार्यकर्ता के साथ इस साल इन गांवों में 100 से ज्यादा महिलाओं को प्रेरित कर नसबंदी करवा चुकी हैं। इसमें 18 महिलाओं की नसंबदी सिर्फ उसने ही करवाई हैं।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके श्रीवास्तव का कहना है कि दस्यु प्रभावित गांव होने से स्वास्थ्य सेवाओं को संचालन नहीं हो पाया। लेकिन अब ग्राम स्तर पर मिलने वाली सभी सेवाएं ग्रामीणों को बेहतर ढ़ग से दी जा रही हैं। आशा संगिनी सुधा की कड़ी मेहनत का नतीजा है कि यहां ग्रामीण छोटे परिवार के महत्व को समझ पाए। परिवार नियोजन के संसाधनों को अपना रहे हैं।
पुरूषों को भी किया प्रेरित, एक हुई नसबंदी : आशा संगिनी सुधा बताती हैं कि महिलाओं की अपेक्षा पुरूषों को परिवार नियोजन के लिए प्रेरित करना बहुत मुश्किल है। लेकिन कई पुरूष बात को समझकर परिवार नियोजन के अस्थाई संसाधन अपना रहे हैं। बघेलाबारी गांव में इस साल एक पुरूष ने आगे आकर नसबंदी करवाई है। उन्होंने बताया कि बघोलन गांव जहां एसटीएफ जवानों को चलती वैन में गोलियां बरसा कर शहीद कर दिया गया था, वहां इस साल सबसे ज्यादा 8 महिला नसबंदी हुई हैं।
दस्यु प्रभावित क्षेत्र में यह गांव हैं शामिल : आशा संगिनी सुधा ने बताया कि उस पर 31 आशा कार्यकर्ताओं का जिम्मा है। सढ़ा, रक्सी, मूड़ी, गोरेमऊ, छतैनी, महुई, कुलसारी, कल्यानपुर, खेरिया गांवों की आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य सेवाओं को घर-घर पहुंचा रही हैं। इसके अलावा दस्यु प्रभावित क्षेत्र के बघेलाबरी, डढ़वामानपुर, कुरूहूं, बघोलन, बरछा डड़िया, संग्रामपुर गांव उनके क्षेत्र में शामिल हैं।
12 मार्च को होगी राष्ट्रीय लोक अदालत
बांदा। राष्ट्रीय व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निदेर्शानुसार 12 मार्च दिन शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का वृहद आयोजन जनपद मुख्यालय व तहसील मुख्यालयों में किया जाएगा। जिसमें आपसी सुलह समझौते के आधार पर वादों का निस्तारण किए जाएंगे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रभारी सचिव एवं सिविल जज सी.डि. नदीम अनवर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 12 मार्च को आयोजित होने वाली मेगा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन सुबह 10 बजे से किया जाएगा।
जिसमें बैंक वसूली, किराएदारी, मोबाइल फोन, केबल नेटवर्क संबंधी, आयकर, बैंक व अन्य वित्तीय संस्थाओं से संबंधित प्रकरण के अलावा दीवानी वाद, उत्तराधिकार वाद, पारिवारिक वाद, मोटर दुर्घटना, प्रतिकर वाद, चेक बाउंस के मामले, जनोपयोगी सेवाओं, वाणिज्यकर संबंधी मामले, राजस्व, चकबंदी, श्रम, चालानी, शमनीय प्रकृति के लघु आपराधिक वाद आदि मामलों का निस्तारण आपसी सुलह-समझौते के आधार पर किया जाएगा।
साथ ही यातायात संबंधी चालानों का निस्तारण भी लोक अदालत के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लोक अदालत की अध्यक्षता जनपद न्यायाधीश गजेंद्र कुमार करेंगे। उन्होंने सभी विधि व्यवसाइयों, वादकारी जनता एवं अन्य संबंधित व्यक्तियों से अपील की है कि वह अपने-अपने वादों को अधिक से अधिक संख्या में 12 मार्च को आयोजित होने वाली लोक अदालत में नियत कराते हुए सुलह-समझौते के आधार पर वाद का निस्तारण कराकर अवसर का लाभ उठाएं।
मिशन इंद्रधनुषः गर्भवतियों व बच्चों को लगे टीके, रोगों से होगा बचाव
- जनपद में शुरू हुआ सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान
बांदा। सघन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई)-4 का पहला चरण सोमवार को शुरू हुआ। इस अभियान में नियमित टीकाकरण से वंचित रहे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को बीमारियों से बचाव के टीके निशुल्क लगाए जाएंगे। जनपद में 9509 बच्चों और 2992 गर्भवती महिलाओं को टीके से प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित है। जिला अस्पताल में अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. नरेश सिंह तोमर ने फीता काटकर सत्र की शुरुआत की। अपर निदेशक ने कहा कि अभियान का मुख्य उद्देश्य ऐसे बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण करना है, जो किन्हीं कारणों से नियमित टीकाकरण से वंचित हैं।
इसके लिए उन क्षेत्रों का चयन किया गया है, जहां टीकाकरण का कवरेज कम है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. संजय कुमार शैवाल ने कहा कि अभियान का अगला चरण चार अप्रैल से शुरू होगा। 66 सुपरवाइजर, 288 एएनएम, 1458 आशा और 1443 आंगनबाड़ी 1818 सत्र के जरिए अभियान को सफल बनाएंगे। सर्वेक्षण के दौरान ऐसे गांव, पुरवा, मजरा, कच्ची बस्तियों में टीकों से छूटे दो साल तक के 9509 बच्चों और 2992 गर्भवती को टीके के लिए चिन्हित किया गया है। इस मौके पर एसीएमओ डा. आरएन प्रसाद, सीएमएस डा. एसएन मिश्रा व डा. सुनीता सिंह, डा. मीनाक्षी, राहुल सिंह, डा. अंजना पटेल, दिगंबर सिंह, राधा शर्मा, राजकुमार पाल सहित स्टाफ मौजूद रहा।
11 बीमारियों से होंगे प्रतिरक्षित
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. संजय कुमार शैवाल ने बताया कि अभियान में छूटे बच्चों को पोलियो, टीबी, हेपेटाइटिस-बी, गलघोंटू, काली खांसी, निमोनिया, टिटनेस, मेनिनजाइटिस खसरा रूबेला, रोटावायरस दस्त से बचाव संबधी 11 तरह के टीके निशुल्क लगाए जाएंगे। अभियान में वंचित गर्भवती को टीडी-1 व टीडी बूस्टर की डोज लगाई जाएगी।
सघन मिशन इंद्रधनुष टीकाकरण की शुरुवात हुई
पैलानी/बांदा। जसपुरा ब्लाक क्षेत्र में 1007 बच्चें (दो साल से कम) एवं 321 गर्भवती महिलाओं को टीका लगाने के लिए आज से मिशन इंद्रधनुष अभियान शुरू हो गई है। मिशन इंद्रधनुष अभियान 7 से 13 मार्च तक चलेगा। इसमें नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जाएगा। डोर टू डोर सर्वे करके नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का चयन किया गया है।यह टीका बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को कई बीमारियों से बचाता है।
जसपुरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ अंकुर ने बताया कि क्षेत्र के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण किया जाएगा। जसपुरा क्षेत्र में कुल 161 सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा 9 से 22 मार्च तक एसीएफ अभियान चलेगा, जिसमें घर-घर जाकर क्षय रोग से मिलते-जुलते लक्षण वाले व्यक्तियों की जांच की जाएगी।
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