Seven Special News : बांदा जनपद में बीते दिन में क्या हुआ और आने वाले दिन क्या होगा? आईए जानें



अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

एडीएम ने किया मतगणना स्थल का निरीक्षण

बांदा। जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग पटेल के निर्देशानुसार अपर जिलाधिकारी न्यायिक अमिताभ यादव ने विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2022 के मतगणना स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने सहायक निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए कि विधानसभा वार मतगणना पंडाल, प्रेक्षक कक्ष,जिला निर्वाचन अधिकारी कक्ष तथा मीडिया सेंटर की स्थापना मतगणना से 2 दिन पूर्व कर ली जाए।

यादव ने निर्देश दिए कि मतगणना पंडाल में निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित कर ली जाएं जिससे किसी भी प्रकार कठिनाई ना हो। निरीक्षण के समय सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी पुरुषोत्तम नारायण एवं प्र0 अपर जिला सूचना अधिकारी कुमारी शारदा उपस्थित रहीं।

जिले में तीन चरणां में चलेगा मिशन इन्द्रधनुष अभियानः डीएम

  • जिला समन्यवय समिति की बैठक सम्पन्न

बांदा। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला अधिकारी अनुराग पटेल की अध्यक्षता में सघन मिशन इन्द्रधनुष 4.0 अभियान एवं आगामी सघन पल्स पोलियो अभियान 20 मार्च 2022 की तैयारियों के संबंध जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गयी। सघन मिशन इन्द्रधनुष 4.0 अभियान तीन चरणों में क्रमशः प्रथम चरण 07 मार्च, द्वितीय चरण 04 अप्रैल 2022 एवं तृतीय चरण 02 मई 2022 को आयोजित किया जाना है। इसके अन्तर्गत 0-2 वर्ष के छूटे हुये बच्चों एवं टी0डी0 के टीकों से छूटी हुयी गर्भवती महिलाओं को आच्छादित किया जाना है । सघन पल्स पोलियो अभियान 20 मार्च से 28 मार्च 2022 तक आयोजित किया जाना है।  

इसके अतिरिक्त टी0बी0 के रोगियों को खोजने का एक सघन 10 दिवसीय अभियान दिनांक-09 माहर्च 2022 से संचालित किया जाना है। इसके अन्तर्गत टीमें घर-घर जाकर टी0बी0 रोगियों को चिन्हित कर उन्हें उपचारित करेगीं। इस अवसर पर डा0 अनिल कुमार श्रीवास्तव मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बांदा, डा0 संजय कुमार शैवाल जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, बांदा, डा0 मनोज कौशिक अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बांदा, डा0 साकिब अनवर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बांदा, डा0 हामिद सैय्यद, एस0आर0टी0एल0, डब्लू0एच0ओ0 डा0 मीनाक्षी एसएमओ एनपीएसपी यूनिट बांदा, राहुल सिंह डी0एम0सी0 यूनीसेफ, दिगम्बर सिंह, प्रतिनिधि सी0एच0ए0आई0 यूनिट, समस्त अधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्सा अधिकारी साथ ही अन्य विभागों से आये हुये अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

हेमेन्द्र के यूक्रेन से घर लौटने पर खुशी से गदगद हुए परिजन

  • घर की दहलीज पर मां ने किया स्वागत सत्कार

बांदा। रूस-युक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन में फंसे मेडिकल छात्र के वतन लौटने पर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जिगर के टुकड़े को देखते ही मां ने उसे कलेजे से लगा लिया और लिपटकर रोने लगी। माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यूक्रेन से वापस लौटे मेडिकल छात्र ने अपने ऊपर गुजरी मुसीबतों से परिजनों और पड़ोसियों को रूबरू किया तो उनकी भी सांसें थम गईं। छात्र के वापस घर लौटने पर अब परिवार में जश्न का माहौल है।

दरअसल शहर के सेढ़ू तलैया निवासी डा.चुन्ना सिंह का पुत्र हेमेंद्र सिंह यूक्रेन में पढ़ाई करने के लिए गया हुआ था। जहां पर रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। युद्ध के दौरान वह भी यूक्रेन के खारकीव में फंस गया। पिछले एक सप्ताह से जारी युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसा मेडिकल छात्र हेमेंद्र सिंह शुक्रवार को तड़के अपने घर सकुशल पहुंच गया है। मुसीबतों के पहाड़ से निकल घर पहुंचा तो मां शकुंतला सिंह ने देखते ही जिगर के टुकड़े को अपने कलेजे से लगा लिया। बेटे को देखते ही मां की आंखों में खुशी के आंसू भर आए। 

वहीं पिता सेवानिवृत्त प्राचार्य डा. चुन्ना सिंह की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने भी कलेजे के टुकड़े को दिल से लगा लिया। वहीं दूसरी ओर हेमेंद्र के लौटने पर पड़ोसियों और रिश्तेदारों की कुशलक्षेम पूछने के लिए घर पर भीड़ लग गई। हेमेंद्र ने बातचीत के दौरान मीडिया को बताया कि वह कितनी बाधाएं पार करके और मुसीबत से वतन लौटा है। बताया कि खारकीव स्टेशन से स्पेशल ट्रेन से वह लवीव पहुंचे। वहां से पोलैंड की सीमा पर दाखिल हुए। पोलैंड से सरकार के विशेष विमान से स्वदेश लौट आए हैं।

बुन्देंलखण्ड के विकास मे औद्यानिक आधारित कृषि एवं उद्योगो की महत्वपूर्ण भूमिका हैः उपमहानिदेशक उद्यान

  • 250 मिलीयन जनसंख्या आज भी कुपोषण का शिकार

बांदा। बुन्देलखण्ड का बड़े भूभाग मे औद्यानिकि की आपार संभावनाएं है। देश के आजादी के पहले कि परिस्थितियाँ बहुत ही बदली है, आज हम खाद्य पदार्था के साथ फल और सब्जियो मे भी आत्मनिर्भर हुए है। आज वैज्ञानिक एवं व्यवसायिक खेती समय की मांग है। वैज्ञानिको के द्वारा तकनिकि विकास का परिणाम है कि खाद्य पदार्थ हमारी निर्भिरता बढी है, परन्तु आश्चर्य की बात यह भी है कि लगभग 250 मिलियन जनसंख्या आज भी कुपोषण की शिकार है। इसे दूर करने मे पोषण युक्त खाद्यान के साथ साथ सब्जियो एवं फलो का महत्वपूर्ण योगदान है। हमे जागरूकता के साथ साथ तकनिकि विकास पर भी जोर देना होगा। 

गेहुँ धान के अलावा हमे मोटे अनाज पर विशेष बल देना होगा। इसके लिये निति के साथ साथ तकनिकि एवं जागरूकता भी आवश्यक है। लेह लदाख से लेकर अरूणांचल प्रदेश तक हिमालय क्षेत्र फैला है जो बहुमूल्य फलो के लिये उत्तम क्षेत्र है। आज गेहुँ पर लगभग 11रू प्रति कि0 का उत्पादन खर्च आता है परन्तु यह खर्च फलो और मोटे अनाजो मे कम हो जाता है, यह बाते डा0 ए0के0 सिंह, उपमहानिदेशक उद्यान, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली, ने विश्वविद्यालय के 12वें स्थापना सप्ताह के तीसरे दिन आयोजित कार्यक्रम मे बतौर मुख्य अतिथि कही। 

डा0 सिंह ने अपने संबोधन मे कहा कि यहाँ अध्ययनरत छात्रो से विशेष तौर पर यह आग्रह किया कि कृषि का क्षेत्र बहुत ही व्यापक इसमे उद्यम एवं उद्यमिता विकास कि आपार संभवानाएं है। शिक्षा ग्रहण करने के बाद इस ओर अपना ध्यान लगाये जिससे अन्य दक्ष लोगो को रोजगार भी दे सके। वर्तमान भारत सरकार द्वारा 2025 तक 10000 कृषक उत्पादक समूह गठन की योजना रखी है, जोकि एक बहुत ही  सुनहरा अवसर है। डा0 सिंह ने यह भी कहा कि देश के माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा वैज्ञानिको से यह आह्वान किया है कि जिन फसलो के उत्पाद का आयात हो रहा है उसके उत्पादन को बढ़ाने के लिये प्रजाति, संसाधन एवं तकनिकियां विकसित करे। 

भारतीय कृषि एवं उससे जुडे़ व्यवसाय पूरी दुनिया मे व्यवसाय करने के लिये सक्षम है, आने वाले समय मे हम बहुत बड़े पैमाने पर खाद्यान के निर्यातक बनेगे। बुन्देलखण्ड मे पलायन रोकना है तो कृषि को सुदृढ़ करना होगा, इसमे कृषि शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है अब समय आ गया है कि कृषि शिक्षा प्राप्त छात्र वैज्ञानिक किसान या कृषि उद्यमी बने। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 नरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि उपमहानिदेशक, उद्यान का विश्वविद्यालय के भ्रमण से यहाँ वैज्ञानिको मे नयी उर्जा का संचार करेगा। आपने अपने क्षेत्र भ्रमण मे जो महत्वपूर्ण सुझाव दिये है उससे निश्चित तौर पर हम क्रीयान्वन करेगे। 

इस विश्वविद्यालय को अभी आपके मार्गदर्शन एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली, से आर्थिक मदद एवं अनुदान की अति आवश्यकता है। इस विश्वविद्यालय मे युवा वैज्ञानिक अपनी क्षमता से भी ज्यादा सीमित संसाधनो मे शिक्षा, शोध एवं प्रसार गतिविधियो को बढ़ा रहा है। इन्हे मार्गदर्शन के साथ साथ आवश्यक उपकरणो, आधारभूत ढांचा एवं विभिन्न संसाधनो की आवश्यकता भी है। कार्यक्रम मे उद्यान महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा0 एस0वी0 द्विवेदी ने अतिथियो के साथ साथ विश्वविद्यालय के स्थापना वर्ष 2010 से लेकर अबतक की उपलब्धियो के बारे मे विस्तार से बताया। 

कार्यक्रम के दौरान पादप रोग विज्ञान के विभागाध्यक्ष डा0 वी0के0सिंह द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन मंचासीन अतिथियो के द्वारा भी किया गया। मुख्य अतिथि द्वारा प्रातःकाल उद्यान के विभिन्न इकाइयो का भ्रमण तथा पोध रोपण भी किया। डा0 सिंह द्वारा संरक्षित खेती एवं फलो के बाग लगाये जाने तथा स्थापित किये गये प्रयोगशाला के लिये वैज्ञानिको के कार्या को सराहा। कार्यक्रम मे स्वागत भाषण डा0 ए0के0 श्रीवास्तव, निदेशक, पी0एम0इ0सी0, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डा0 वी0के0 सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन एवं डा0 विज्ञा मिश्रा ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी, प्रध्यापक गण, छात्र एवं छात्राए उपस्थित रहे। अधिष्ठापन सप्ताह मे कल 5 मार्च को को बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुन्देला जी मुख्य अतिथि के रूप मे कार्यक्रम की शोभा बढायेगे।

धान खरीद केन्द्र की धांधली के विरोध में बुंकियू का प्रदर्शन

  • किसान नेताओं ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

बांदा। शुक्रवार को धान खरीद केन्द्रों की धांधली को लेकर किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम को सौंपन सौपा है। बुंदेलखंड किसान यूनियन के द्वारा उप जिला अधिकारी अतर्रा को ज्ञापन देकर बताया कि अतर्रा तहसील के बाघा मंडी धान खरीद केंद्र में बाघा के मंडी प्रभारी किसानों के साथ जुलम बाजी करते हैं किसानों का धान 1 महीने से नहीं खरीदा जा रहा है और  प्रभारी धान की खरीदारी किसानों का कम और व्यापारियों का माल ज्यादा खरीदते हैं किसानों को मंडी प्रभारी द्वारा आश्वासन देते हैं केवल।

किसान यूनियन के पदाधिकारी पंकज मिश्रा जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा ने बताया कि तत्काल प्रभाव से मंडी चालू कराई जाए जिससे किसानों की धान खरीद हो सके अगर मांगे पूरी नहीं होंगी तो सभी किसान 6 मार्च को धरना प्रदर्शन और चक्का जाम करेगा। ज्ञापन देने के दौरान अनुपा सिंह राघवेंद्र सिंह कुशवाहा कृष्णकांत दुर्गेश चुन्नू पांडे भानु जय सिंह संतोष कुमार राकेश बलबीर सहित आदि किसान मौजूद रहे।

राम कथा के चौथे दिन राम विवाह का किया गया वर्णन

बबेरु/बांदा। बबेरू तहसील क्षेत्र अंतर्गत बेर्राव गांव में ओम शिव शक्ति के द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री रामकथा, श्री रामलीला व मेला महोत्सव का आयोजन पांच दिवसीय किया गया है। जिसमें चौथे दिन राम कथा पर राम विवाह का वर्णन किया गया। जिसमें श्रद्धालुओं के द्वारा सुंदर झांकियां सजाई गई, कथा के बाद सभी को प्रसाद वितरण किया गया। बबेरू तहसील क्षेत्र अंतर्गत बेर्राव गांव पर संयोजक शिव विलास द्विवेदी व ग्राम वासियों के सहयोग से ओम शिव शक्ति श्री राम कथा, श्री रामलीला, मेला महोत्सव का पांच दिवसीय आयोजन किया गया है। जिसमें शुक्रवार को राम कथा के चौथे दिन नैमिष धाम से आई पूज्य व्यास सुश्री प्रियंका जी के द्वारा श्री राम कथा में राम विवाह का विस्तार से वर्णन किया गया।  

वहीं श्रद्धालुओं के द्वारा सजाई गई सुंदर झांकियां में दर्शकों का मन मोह लिया। वही राम विवाह होते ही संगीतमय गीत से माताएं और बहनों ने नृत्य कर झूमने लगी, वही श्री राम कथा का भक्तों के द्वारा खूब आनंद लिया गया। वही रामचरितमानस की आरती सभी लोगों के द्वारा की गई, और आरती के बाद सभी भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। वही इस मेला रामकथा के साथ-साथ कैलाशपति मंदिर के पास मेले का आयोजन भी किया गया। जिसमें लोगों ने खूब खरीदारी किया, और मेले का लुफ्त उठाया। कैलाशपति मंदिर पर पहुंचकर लोगों ने माथा टेक कर आशीर्वाद लिया, इस मौके पर संयोजक शिव विलास द्विवेदी, व्यवस्थापक श्री राम द्विवेदी, संचालन उमानंद सिंह, अरविंद गोस्वामी अरुण कुमार द्विवेदी, विनय सिंह सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।

पुनः लगवाई जाये महाराणा प्रताप की प्रतिमा

  • विहिम गौरक्षा समिति जिलाध्यक्ष ने की मांग

बांदा। तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आकर ध्वस्ज हुई महाराणा प्रताप की प्रतिमा को पुनः लगवाने की मांग लगातार जोर पकड़ती जा रही है। इसी बीच विश्व हिंदू महासंघ गौ रक्षा समिति के जिला अध्यक्ष कहा कि जनमानस में फाइल रहा आक्रोश को देखते हुए जनता जनार्दन की भावनाओं का सम्मान व्यक्त करते हुए प्रताप और चेतक की प्रतिमा पुनः स्थापित कराई जाए वह चौराहे का सुंदरीकरण  कराएं की भी मांग की जिला अध्यक्ष श्री प्रजापति पदाधिकारियों से वार्ता के दौरान बता रहे थे कि इतिहास में घोड़ों के अनेक उदाहरण मिलते हैं, जिन्होंने युद्ध -भूमि में पड़े हुए अपने स्वामियों की रक्षा की ,राणा प्रताप के चेतक नामक घोड़े का नाम किसने नहीं सुना है? 

आगे जिला अध्यक्ष जी ने अपने वार्ता में बताया कि हल्दीघाटी के युद्ध में चेतक की मृत्यु पर राणा प्रताप को जो दुख हुआ,  उससे प्रकट होता है कि राणा कि उसने इतनी सेवा की थी,  उपस्थित गौ रक्षा समिति के वरिष्ठ जिला प्रवक्ता  भरत बाबू गुप्ता ने अपने वार्ता में पदाधिकारियों व सदस्यों को बताया कि इस पशु में मानव जाति की तो सेवक की है, वह कभी भुलाई नहीं जा सकती  है, मानव जाति के लिए घोड़ा सदैव बड़ा लाभदायक रहा है। उन्होंने जिलाधिकारी मांग की है कि अविलंब ऐतिहासिक स्मारक बनवाए साथ ही उस रास्ते से भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाई जाए।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ