उच्च न्यायालय के निर्देश पर हुई मतगणना में अफसरी खातून जीतीं
- हरदौली ग्राम पंचायत की हुई मतगणना
अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ
बाँदा। उच्च न्यायालय के आदेश पर बबेरू विकासखंड के हरदौली ग्राम प्रधान पद के लिए दोबारा मतगणना तहसीलदार अजय कुमार कटिहार के कोर्ट में संपन्न हुई जिसमें हरदौली के ग्राम सभा में वार्ड नंबर 5 के बूथ संख्या 103 में कुल 250 मत पड़े जिसमें 10 अवैध रहे और अफसरी खातून को 85 मत मिले वही प्रशासन द्वारा जिताए गए प्रधान शादाब को 68 मत मिले अफसरी ने 40 मतों से हराया और आप सभी को जीत का प्रमाण पत्र सौंपा गया। चुनाव में अफसरी पत्नी जाहिद खान मतगणना स्थल पर दोबारा मत डालना की मांग कर रही थी।
लेकिन प्रशासन ने दोबारा मतगणना नहीं कराया और वह दर-दर भटक भटकता रहा और अंततः कोर्ट की शरण लिया उच्च न्यायालय के आदेश पर दोबारा मतगणना कराई गई जिसमें अफसरी खातून ने जीते प्रधान को 40 मतों से हरा दिया और 2 मई 2021 को हुई मतगणना में मिले पचासी मतों को 05 मत दिखा दिया गया 80 मत गायब कर दिए गए थे इसी के चलते दोबारा मतगणना की मांग कर रहा था लेकिन प्रशासन ने अफसरी की बात नहीं मानी और शादाब को विजयी घोषित कर दिया।
इसके बाद अफसरी खातून ने कोर्ट का सहारा लिया और आज उच्च न्यायालय के आदेश पर पुनः मतदान उप जिला अधिकारी सुरभि शर्मा तहसीलदार अजय कुमार कटिहार आर ओ एनके सिन्हा,सीओ सत्य प्रकाश शर्मा कोतवाली प्रभारी अरुण कुमार पाठक खंड विकास अधिकारी प्रभात कुमार द्विवेदी व सर्किल के पुलिस बल की कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना हुई और विजयी प्रत्याशी को कड़ी सुरक्षा के बीच घर भेजा गया वही शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए हरदौली गांव में एक बटालियन पीएसी तैनात कर दिया। विजयी प्रत्याशी अफसरी खातून ने सभी अधिकारियों को बधाई दी और निष्पक्ष न्याय मिलने पर कोर्ट व प्रशासन का धन्यवाद ज्ञापित किया।
भीषण अग्निकाण्ड में उजड़ गया कई परिवारों का आशियाना
- खुले आसमान के नीचे पेड़ो के सहारे सोने को मजबूर पांच परिवार
कमासिन/बाँदा। थाना अंतर्गत दादो चौकी क्षेत्र के ग्राम सांडी मजरा बीरा में सोमवार को लगी भीषण आग पांच परिवारों के घरों के जलने के साथ-साथ घर पर रखा गृहस्ती व सारा सामान जलकर राख हो गया है वही पांच मवेशी भी जिंदा जल गये है।फायर विग्रेड की गाड़ी यदि समय से पहुँच गयी होती तो एक दो घरो को छोड़कर बाकी सभी घरों को तबाही से बचाया जा सकता था सूचना के घण्टो बाद मौके पर पहुची है फायर ब्रिगेड तब तक ग्रामीणों व पुलिस बल द्वारा निजी नल कूपो के सहारे आग पर काबू पा लिया गया था।
इस अग्नि कांड में अनाज कपड़े नगदी तथा जेवरात सब कुछ जल कर खाक हो गया है अब केवल उनके पास वही कपड़े बचे हैं जो उन्होंने पहन रखे थे खेती बाड़ी कर के जीवन यापन करने वाले लोग अब इस तरह की भीषण गर्मियों में पेड़ो के सहारे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं तबाही के शिकार हुये लोग रामराज यादव पुत्र रामऔतार,शिवशरण पुत्र रामचरण, भोलिया पत्नी सतेंद्र, शिवशरण व रामशरण पुत्र भवानीदीन शामिल हैं हल्का लेखपाल द्वारा आग हुई छति का आंकलन कर प्रशासन को रिपोर्ट तो भेज दी गई है।
लेकिन अभी तक पीड़ितों के पास न ही कोई जिले का जिम्मेदार अधिकारी शुध ली है न ही खाने व रहने का कोई इंतेजाम किया गया है, वही ग्राम प्रधान शकुंतला साहु व खटान कोटेदार सुनील यादव द्वारा पीड़ितों को खाने के लिये गेहूं व चावल मुहैया करवाया गया है।वही पीड़ितों को एक टैंट की सख्त जरूरत थी।
जिला चिकित्सालय स्थित ब्लड बैंक में अचानक लगी आग
- कर्मचारियों की सूझबूझ से जलने से बच गये कीमती उपकरण
बांदा। जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक के पैनल बाक्स में अचानक आग लगने से हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य कर्मियों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए ब्लड बैंक में रखे अग्निशमन यंत्र की मदद से आग पर काबू पाया। ब्लड बैंक में रखे करोड़ों रुपये के उपकरण जलने से बच गए। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल परिसर स्थित ब्लड बैंक के सभी कमरों में एसी लगा है। ब्लड निकालने वाले कक्ष के अलावा, एक कक्ष में आफिस, दूसरे कक्ष में स्टोर व तीसरे में डी फ्रीजर रखा गया है, जिसमें ब्लड रखा जाता है।
सोमवार की रात में अचानक शार्ट सर्किट से पैनल बाक्स में आग लग गई। आग का गुबार उठमे पर ब्लड बैंक में काम कर रहे लैब टेक्नीशियन की नजर पड़ी तो वहां मौजूद अग्निशमन यंत्र से आग बुझाने का प्रयास करने लगे। खबर पाकर अन्य कर्मचारी भी मौके पर पहुंच गए। लैब टेक्नीशियन ने अग्निशमन विभाग को सूचना दी। कुछ ही देर में दमकल की दो गाडियां मौके पर पहुंच गई। दमकल के पहुंचने से पहले ही स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए अग्निशमन यंत्रों की मदद से आग पर काबू पा लिया।
घटना के बाद से जिला चिकित्सालय में अफरा-तफरी रही। कर्मचारियों की सतर्कता से ब्लड बैंक में रखे करोड़ों रुपये कीमत के उपकरण जलने और बड़ा हादसा होने से टल गया। मंगलवार को सुबह बिजली विभाग कर्मचारियों ने जले पैनल बाक्स की मरम्मत करते हुए दोबारा बिजली आपूर्ति बहाल की।
खाद्य पदार्थ की स्वच्छता का रखे विशेष ध्यानः कुलपति
- विश्व फूड सेफ्टी डे पर कुलपति ने व्यक्त किये विचार
बांदा। बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय बांदा मे विश्व फूड सेफ्टी डे, 2022 का आयोजन किया गया। विश्व फूड सेफ्टी डे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो0 नरेन्द्र प्रताप सिंह रहे। उन्होने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्व में दस में से एक व्यक्ति प्रतिवर्ष खाद्य जनित बीमारियों से ग्रस्त होता है। ऐसी लगभग 200 बीमारियाँ सिर्फ खान पान में सुरक्षा एवं स्वच्छता का ध्यान रख कर दूर की जा सकती है। फूड सेफ्टी के अन्तर्गत फसल प्रबन्धन कटाई उपरान्त प्रबन्धन, भण्डारण ट्रान्सपोर्टेशन से लेकर अपभोक्ता द्वारा पदार्था की खरीद घर मे भण्डारण प्रोसेसिंग तथा भोजन खाने तक की सुरक्षा तथा स्वच्छता के मानक आते है।
खाद्य जन्य बीमारियाँ विशेषतः बैक्टीरिया वायरस फफूंद कृषि मे प्रयुक्त रसायन, मिलावट आदि के कारण फैलती है। हमारे देश मे ही ई-कोलाई बैक्टरिया के इन्फेक्शन के हजारो मामले प्रतिवर्ष आते है। कार्यक्रम मे विश्व फूड सेफ्टी दिवस के उद्येश्यो के बारे मे बताते हुए निदेशक पी.एम.ई.सी. डा0 अखिलेश श्रीवास्तव ने कहा कि मानव जीवन के लिए रोटी कपड़ा और मकान मूलभूत आवश्यकताएँ है जिसमें से भोजन एवं पानी अति आवश्यक है। आज समय आ गया है कि यदि हम अपना भविष्य रोगमुक्त एवं सुरक्षित रखना चाहते है तो हमें अपने खान-पान की सुरक्षा एवं स्वच्छता का ध्यान रखना पडे़गा।
सहायक प्रध्यापक समुदायिक विज्ञान महाविद्यालय डा0 सौरभ ने बताया कि सर्वप्रथम विश्व फूड सेफ्टी डे 20 दिसंबर 2018 को संयुक्त राष्ट्र की जनरल सभा में विश्व को स्वच्छ भोजन के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया गया। जब से प्रतिवर्ष यह दिवस विश्व भर में 07 जून को मनाया जाता है। इस वर्ष इसकी थीम सेफ फूड बेटर फ्यूचर रखी गयी है।
कार्यक्रम मे अधिष्ठाता उद्यान महाविद्यालय डा0 एस0वी0 द्विवेदी, अधिष्ठाता वानिकी महाविद्यालय डा0 संजीव कुमार, सह अधिष्ठाता सामुदायिक महाविद्यालय डा0 वन्दना, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा0 वी0के0 सिंह, अधिष्ठावा परास्नातक डा0 मुकुल कुमार, निदेशक शोध डा0 ए0सी0 मिश्रा, वित्त नियंत्रक डा0 अजीत सिंह तथा अन्य प्रध्यापक गण माजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डा0 ए0के0 श्रीवास्तव ने किया।
खाद्य प्रसंस्करण के उद्योगों की स्थापना पर मिलेगा सरकारी अनुदान
बाँदा। जनपद में खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित सभी खाद्य उद्योगों की स्थापना एवं विस्तारीकरण पर 35ः का अनुदान दिया जाएगा। आत्मनिर्भर भारत योजना व प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत तेल उद्योग, दूध डेयरी, चावल, ब्रेड बेकरी, दाल मिल, मशरुम उद्योग, आटा उद्योग, मसाला चक्की, नमकीन उद्योग, मिठाई उद्योग, आचार मुरब्बा, सिरका, उद्योग के अंतर्गत नई इकाई व विस्तारीकरण करने वाले उद्यमियों को यह अनुदान मिलेगा।
जनपद में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग पहले से ही एक जनपद एक उत्पाद योजना के अंतर्गत सरसों के तेल की इकाई में अनुदान देता है। उद्योग स्थापित करने से पहले उद्यमी को परियोजना की 10ः धनराशि लगानी होगी। यह जानकारी देते हुए जिला उद्यान अधिकारी राजेंद्र कुमार ने बताया दूध विक्रय, शहद पालन, बकरी, मुर्गी, पालन को छोड़कर खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित सभी खाद उद्योगों की स्थापना में अनुदान दिया जाएगा। उद्यान विभाग में कार्यरत जिला रिसोर्स पर्सन शिवम द्विवेदी 8423921948 की मदद लेकर उद्यमी अपना आवेदन करा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि पहले केवल सरसों के तेल की उद्योग स्थापना में अनुदान दिया जाता था, लेकिन अब बदलाव किए जाने के बाद सभी खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित उद्योगों में अनुदान प्रदान किया जाएगा। अनुदान की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपए है। उन्होंने बताया कि संचालित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की उच्चीकरण का भी इन्हीं नियमों के साथ प्रावधान किया गया है। योजना का लाभ स्वयं सहायता समूह, सहकारी समितियों को भी मिलेगा। एक जनपद एक उत्पाद को वरीयता दी जाएगी।
उच्चीकरण व नवीन उद्योगों के लिए भी अनुदान अनुमन्य होगा स उन्होंने बताया कि योजना से उद्योग स्थापित करने पर उद्यमी को परियोजना लागत का 10 प्रतिशत धनराशि स्वयं लगानी होगी। शेष धनराशि बैंक से मुहैया होगी। इसके लिए आवेदक को योजना का लाभ लेने के लिए जिला रिसोर्स पर्सन शिवम द्विवेदी मोबाइल नंबर 8423921948 व अन्य जानकारियों के लिए जिला उद्यान कार्यालय पर संपर्क कर सकते हैं।
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