गुरु महाराज के मिशन में जो लगेगा, उसका नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा - बाबा उमाकान्त

प्रेमियों आप गुरु के बंदे हो सतयुग लाने, सबको सुख-शांति पहुंचाने के काम में लगो

अपने गुरु के आदेश का पालन कर गुरु भक्ति की मिसाल कायम करने वाले, गुरु की मौज मर्जी में सदा रहने वाले, सभी जीवों की भौतिक और आध्यात्मिक भलाई के गुरु के मिशन में निरंतर लगने और सबको लगने के लिए प्रेरित करने वाले, इस समय के पूरे पहुंचे हुए सभी प्रकार से समर्थ, प्रारब्ध में भी जो न हो, उसे भी दे सकने वाले, इस समय के पूरे त्रिकालदर्शी अंतर्यामी सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने तपस्वी भंडारा कार्यक्रम में देश-विदेश से आये अपार जान समूह को 28 मई 2022 सायंकालीन बेला में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि गुरु महाराज, बाबा जयगुरुदेव जी ने बहुत रचनात्मक कार्य किए जो आप लोग करते हो। उनके रास्ते, पद चिन्हों पर चलने के लिए बताया गया क्योंकि वह जो काम छोड़ करके गए हैं उन्हीं का काम हमको, आपको पूरा करना है। हम तो कर ही रहे हैं लेकिन आप भी अगर मन बना लो कि हमको इस काम को करना है और करने लग जाओ तो जल्दी और आसान हो जाएगा नहीं तो- होनी तो होकर रहे, मेट सकै न कोय।

महापुरुष जब संकल्प बनाते हैं तो पूरा होता ही होता है

महापुरुष का जो संकल्प बन जाता है वह तो पूरा होता ही होता है। बराबर आवाज लगाते रहे- कलयुग में कलयुग जाएगा, कलयुग में सतयुग आएगा। यह वाणी कभी गलत नहीं हो सकती है।

वृथा न जाये देव ऋषि वाणी। संत वचन पलटे नहीं, पलट जाय ब्रह्मांड।।

चाहे ब्रह्मांड पलट जाए लेकिन सन्तों की वाणी गलत नहीं हो सकती। यह जरूर है कि थोड़ा देर लगेगा, कोई दूसरा आएगा, वह इस काम को करेगा। कलयुग में सतयुग लाने का काम कोई दूसरा करेगा, आदमी नहीं कर पाएगा तो कुदरत करेगी। परिवर्तन तो होना ही होना है।

जैसे राम-कृष्ण का साथ बंदर, भालूओं, ग्वालों ने दिया ऐसे ही प्रेमियों! स्वर्ण अक्षरों में आपका नाम लिखा जायेगा

अब अगर इस काम में आप लग जाओगे तो जैसे कृष्ण के साथ गोपी, ग्वालों का, राम के साथ बंदर, भालू का इतिहास में नाम है, ऐसे प्रेमियों आपका नाम हो जाएगा। बाबा जयगुरुदेव के, कहेंगे लोग, भक्तों का नाम है। जो उसमें आगे बढ़ करके करेगा उनका स्वर्ण अक्षरों में नाम लिखा जाएगा। उनका नाम पहले रहेगा बाकी अन्य भक्तों का रहेगा। इसलिए कोशिश यही करनी है कि काम जल्दी से पूरा हो जाए।

सारा दु:ख परेशानी टेंशन मृत्युलोक में ही है, ऊपर सुख ही सुख है

सतयुग कौन नहीं चाहेगा? सतयुग में तो बहुत अच्छा वातावरण था। उस समय पर सारी जीवात्माएं वहीं से उतारी गई थी, निर्मल थी। पवन, पानी, सूर्य, आकाश, धरती सब साथ देते थे, अच्छे काम में मदद करते थे। कोई टेंशन, झगड़ा झंझट नहीं जैसे ऊपर दु:ख नाम की कोई चीज ही नहीं है। ऊपरी लोकों में सुख ही सुख, आनंद ही आनंद है। सारा दु:ख, गंदगी, टेंशन, परेशानी यहीं मृत्युलोक में ही है। 

बाबा उमाकान्त जी महाराज के वचन

देश-विदेश, धर्म, जाति, मजहब इंसानों ने बनाया है। अंडा, मांस, मछली, शराब एवं नशीली चीजों का सेवन इंसान के लिए खतरनाक है। प्रकृति के नियमानुसार न चलने से सजा मिल जाती है। समय के महापुरुष की बात न मानने पर सजा मिल जाती हैं। सन्त सिर्फ समझाते हैं, सजा नहीं देते हैं। सन्त उमाकान्त जी का सतसंग प्रतिदिन प्रातः 8:40 से 9:15 तक (कुछ समय के लिए) साधना भक्ति टीवी चैनल और अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर प्रसारित होता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ