जानवरों का कटना मारना खून बहना बंद नहीं हुआ तो आगे त्राहिमाम की नौबत आ सकती है

  • मांसाहार बंद नहीं हुआ तो आगे बहुत गर्मी पड़ेगी, हवा जहरीली और धरती की उपजाऊ शक्ति बहुत कम हो जाएगी

सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)। इस पूरी सृष्टि के संचालनकर्ता, कभी न थकने वाले, मनुष्य के न रुक रहे गलत कर्मों से देवी-देवताओं प्रकृति की बढ़ती नाराजगी को और उनके सजा देने की तत्परता को अपनी दिव्य दृष्टि से देखकर होने वाली भारी जन हानि को रोकने के लिए सार्वजनिक रूप से अपने सतसंग में सबको सजग कर विनाश को टालने में अनवरत लगे इस समय के समर्थ सन्त सतगुरु त्रिकालदर्शी उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 24 अप्रैल 2022 प्रातः सहारनपुर (उ.प्र.) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि मांसाहार मत करो।

जानवरों में भी वोही जीवात्मा है जो मनुष्य में है

अगर किसी का लड़का मर जाए तो जाते हैं जलाने गाड़ने के लिए, आते नहाते हैं। पूछो बिना टाइम क्यों नहा रहे हो तो कहते हैं मुर्दा जलाने गए थे। उसमें जो जीवात्मा थी वही मुर्गा भैंसा बकरा भेड़ में भी है। और उसको अगर मार कर के खा जाओगे तो शरीर गंदा होगा कि नहीं? आदमी का मुर्दा अगर कोई खाने लग जाए तो कहोगे इसको अपने बगल नहीं बैठने देंगे, अपनी थाली में नहीं खिलाएंगे, अपनी जाति बिरादरी से निकाल देंगे।

मांस खाने से बने दूषित खून से बीमारियां बढ़ती चली जा रही है

अन्न, फल, मेवा मिष्ठान आदि जो भी चीज़ खाते हो उसी का खून बनता है। आदमी द्वारा जानवरों का मांस खाने पर बना खून पहले के खून से तालमेल नहीं खाता इसीलिए तरह-तरह की बीमारियां हो रही हैं और यह बीमारियां बढ़ती चली जा रही हैं।

जानवरों के मांस खाने से बने दूषित गंदा खून से पूजा पाठ रोजा नमाज ग्रंथ का पाठ स्वीकार नहीं हो रहा

पूजा-पाठ आदमी किससे करता है? हाथ से करता है। पैर से पूजा करने के लिए, गुरुद्वारा जाता, मुंह से नमाज पढ़ता, हाथ से कुरान के, ग्रंथ के, रामायण के पन्नों को पलटता है। रग-रग में खून है, खून से हाथ पैर चलते हैं। यदि खून बंद हो जाए तो सूख जाएगा। खून कैसा है? वह जानवरों का दूषित गंदा खून है। इसीलिए इतना पूजा पाठ रोजा नमाज ग्रंथ का पाठ कर रहे हैं लेकिन मालिक सुनवाई नहीं करता है।

जानवरों की बलि चढ़ाने से देवी-देवताओं की नाराजगी बढ़ती चली जा रही है

लोग देवी-देवताओं की पूजा करते, उन्हें खुश करने की कोशिश करते हैं लेकिन न जानकारी में बकरा भैंसा काट करके देवी के मूर्ति के सामने चढ़ा देते हैं तो और पाप हो जाता है और ये नाराज हो जाते हैं। धरती पर खून बहा तो धरती नाराज हो गई। आपके हाथ कपड़े में कोई खून लगा तो आप नाराज हो जाते हो, आपसे जब धरती पर खून गिरेगा तो धरती माता कैसे खुश होंगी? नहीं होंगी।

धीरे-धीरे धरती उपजाऊ शक्ति खत्म कर दे रही

धरती धीरे-धीरे यह उपजाऊ शक्ति खत्म कर दे रही है। पहले खेत में कम लागत में अच्छी आमदनी हो जाती थी। अब लागत ज्यादा लगती है उस हिसाब से आमदनी कम होती है तो धरती की शक्ति धीरे-धीरे खत्म होती जा रही हैं।

हड्डी, मांस, चमड़े खून की बदबू हवा में फैलती जा रही है

देखो यह मुर्दा मांस कटे पड़े रहते हैं। हड्डी, मांस, चमड़े खून की बदबू हवा में फैलती है। हवा खराब, गंदी होती जा रही है। ये नाराज होते जा रहे हैं। अभी किसी के सामने कोई खड़ा हो करके अपान वायु (पाद) छोड़ दे तो कितने नाराज हो जाओगे। ऐसे ही है धीरे-धीरे देवता नाराज होते जा रहे हैं। समय पर जाड़ा गर्मी बरसात नहीं हो रही है।

आगे बहुत ज्यादा गर्मी, हवा जहरीली हो जाएगी

कुछ समय के बाद इतनी गर्मी पड़ेगी, सूरज इतनी तपन पैदा कर देगा कि लोगों का जीना मुश्किल हो जाएगा। कुछ दिन के बाद हवा इतनी जहरीली हो जाएगी, नोट कर लो इस बात को हवा इतनी जहरीली हो जाएगी कि सांस लेना मुश्किल हो जाएगा।

धरती की उपजाऊ शक्ति, अन्न पैदा करने की ताकत बहुत कम हो जाएगी

धरती की उपजाऊ शक्ति, अन्न पैदा करने की ताकत बहुत कम हो जाएगी। खाद दवा न डालो, फसल का इतना ध्यान न रखो जिस हिसाब से आप खेती करते हो तो पैदावार अभी भी पहले जैसी नहीं मिलेगी। तो इसकी शक्तियां धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगी। अगर मांसाहार बंद नहीं हुआ, जमीन पर जानवरों का कटना मारना खून बहना बंद नहीं हुआ तो आगे चलकर के त्राहिमाम की नौबत आ सकती है।

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