मांस मछली शराब का उत्पादन, बिकना, सेवन अगर बंद नहीं होगा तो बीमारी को कोई रोक नहीं सकता, बढती जाएंगी

  • अंतर में साधना बनने पर भूत प्रेत जिन्न पिशाच छोड़ो काल भी आना पसंद नहीं करता, चलती ही नहीं उसकी
  • बाबा उमाकान्त जी ने गिनाए जयगुरुदेव नाम ध्वनि बोलने बुलवाने के फायदे

उज्जैन (म.प्र.)। वक़्त के पूरे सन्त की बातों चेतावनी प्रार्थना को बार-बार अनसुना करते हुए जानबूझकर गलत कर्मों में लिप्त होते मनुष्य को उसकी गलतियों की कुदरत द्वारा दी जाने वाली भयंकर सजा, बीमारियों को देखते हुए बचे हुए थोड़े समय में तकलीफों में आराम पाने का जयगुरुदेव नाम ध्वनि जैसा सर्व सुलभ रास्ता बिना भेदभाव के सबको बताने वाले, बाहर की मुसीबतों के साथ-साथ अंतर में साधना में आने वाली बाधाओं को चुटकी में हटा देने वाले, अपने गुरु के सबसे प्यारे शिष्य, इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु त्रिकालदर्शी उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 13 अप्रैल 2020 सांय उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बीमारियों से बचने का तरीका बताया।

बीमारियां बढती जाएंगी

महाराज जी ने बताया कि मांसाहार अगर बंद कर दिया लोग बंद कर दे मांस का आहार दुकाने मांस की अपने आप नैतिकता में जनहित में बंद कर दें तो यह बीमारी अभी कम हो जाए। और अगर मांसाहार बंद नहीं होगा, मछली व शराब का उत्पादन बिकना अगर बंद नहीं होगा तो बीमारी को कोई रोक नहीं सकता है। यह रुक नहीं सकती है, बढ़ती ही जाएगी। और अगर कुछ महीना साल लगा, रुकी भी तो दूसरी फिर आ जाएगी। इसलिए हमारी यही प्रार्थना है वातावरण को दूषित मत करो। देश दुनिया के जितने भी जिम्मेदार हैं राजा प्रधानमंत्री राष्ट्रपति मुख्यमंत्री कलेक्टर कमिशनर सब लोगों को राय मिलाकर और एक राय हो जाना चाहिए और यह चीजें बंद हो जाए। सब जगह, पूरे विश्व में बंद कर दिया जाए- जीवों का गाय भैंस बकरा काटना, मछली पालन काटना, शराब उत्पादन, बेचना, दुकान, फैक्ट्री सब बंद कर दिया जाए तो देखो कुदरत की तरफ से मदद मिलती है या नहीं मिलती है (जरूर मिलेगी)। ईश्वरवादी खुदा परस्त लोगों को बनाना बहुत जरूरी है।

जयगुरुदेव नाम ध्वनि के फायदे

महाराज जी ने 1 सितंबर 2022 दोपहर वापी (गुजरात) में दिए गए संदेश में बताया कि जयगुरुदेव नाम की ध्वनि सुबह-शाम बोलो और जो बोलने लगे तो उनके घर का झगड़ा झंझट खत्म, बीमारियों में बहुत राहत, रुपया पैसा बरकत होने लगी कमी पूरी हो गई, सुकून शांति मिलने लगी, बिगड़ा हुआ मांसाहारी शराबी जयगुरुदेव नाम की ध्वनि जब बोलने लग गया, माताएं पकड़-पकड़ के लड़कों को बैठाकर के बुलवाने लग गई तो उनकी भी विचार भावनाएं बदल गई, खानपान सही हो गया। अब जो नए लोग आए हो आप भी विश्वास करो। आपके घर में किसी के कोई भी तकलीफ हो, जयगुरुदेव नाम की ध्वनि बोलो और बुलवाना शुरू कर दो। यदि आप कहोगे कि जब मुसीबत तकलीफ आएगी या बिगड़ा घर होगा तब हम बोलेंगे तो ऐसा नहीं मुसीबत आवे ही क्यों,लोग बिगड़े क्यों? इसलिए स्टे ले लो अभी से। जयगुरुदेव नाम बोलकर के जयगुरुदेव नाम की ध्वनि अगर बोलने बुलवाने लग जाओगे तो तकलीफ आपके घर आने में भी संकोच करेगी। जिसकी साधना अंदर में बनने लगे गयी, आत्मा में शक्ति आ गयी तो भूत प्रेत जिन्न पिशाच ये सब नजदीक आते ही नहीं। काल भी वहां आना पसंद नहीं करता है जहां अच्छे साधक होते हैं, उसकी भी नहीं चलती।

सन्त किसी एक शिष्य को नाम दान देने का आदेश देते हैं

महाराज जी ने 9 सितंबर 2022 दोपहर देवरी सागर (म.प्र.) में दिए गए संदेश में बताया कि आप जो नए लोग आए हो, आपको (आत्म कल्याण का) रास्ता बताया जाएगा क्योंकि गुरु का आदेश है। देखो जितने भी सन्त हुए, सब लोगों ने आदेश किया था। किसको? अपने किसी प्रेमी को भक्त को। कबीर साहब ने, नानक साहब ने भी, राधा स्वामी ने भी आदेश दिया। गुरु महाराज के गुरु महाराज ने आदेश दिया गुरु महाराज के लिए। और गुरु महाराज ने मुझ (बाबा उमाकान्त जी महाराज) नाचीज को जाने से बहुत पहले नयों को नामदान और पुरानों की संभाल का आदेश दे दिया था। शिष्य तो बहुत होते हैं इन लोगों के लेकिन आदेश किसी एक को ही दिया करते हैं जिसको वह उचित समझते हैं, जिससे उनको काम लेना होता है, जो समझते हैं यह भक्त समर्पित भाव का है, दुनिया की इच्छा वाला नहीं है, परमार्थी इच्छा वाला है, दूसरों के लिए यह कर सकता है, अपने लिए न अपने शरीर के लिए न अपने खानदान परिवार के लिए रिश्तेदार मित्र के लिए नहीं चाहता, सबके लिए हित चाहता है, सियाराम मय सब जग जानीयानी यह समझता है कि सबके अंदर जीवात्मा परमात्मा की अंश है, जिसके अंदर कोई भी भाई भतीजावाद जातिवाद कौमवाद एरियावाद आतंकवाद कोई भी वाद नहीं केवल मानववाद है, उसको हुक्म दे दिया करते हैं।

अंतर में गुरु बाधा को हटा देते हैं

महाराज जी ने 10 सितंबर 2022 प्रातः देवरी सागर (मध्य प्रदेश) में दिए गए संदेश में बताया कि दिक्कत आएगी ही नहीं जब सच्चे हृदय से, सच्चे दिल से लगन के साथ लगे रहोगे, तन मन को सच्चा रखोगे, इसको गंदा नहीं करोगे। तो समझो लगे रहोगे तो धीरे-धीरे धीरे रास्ता खुल जाएगा। तन मन जब गंदा हो जाता है तो रुकावट आ जाती है। किसी-किसी का (अंतर में साधना) बंद भी हो जाता है। (अंतर में साधना में) देखते सुनते एक दम अचानक बंद हो गया तो समझ लो कहीं से कोई चीज ऐसी पेट में आ गई या कोई हमारी नजर खराब हो गई या हमारे शरीर से कोई गलत काम बुरा कर्म ऐसा बन गया जिसकी वजह से बंद हो गया। अगर लगातार देखते रहोगे तो बंद नहीं होता है। यदि कोई बाधा बीच में आती है और उस समय पर गुरु को याद किया जाता है तो गुरु अंदर में आकर के उस बाधा को हटा देते हैं। जैसे मान लो लड़के को जाना है और रास्ते में कोई चीज कांटा पड़ा है। जब आवाज लगाया पिता को तो पिता आकर के उस कांटे को निकाल देते हैं, कहते हैं जा आगे बढ़ जाए। इसी तरह से समझो वह हटा देते हैं तो (गुरु को) याद कर लिया जाता है।

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