- पीछे की गई भविष्यवाणियों को पढ़, सुन, याद कर लो, वो तो सब होता रहेगा
- जो शरीर को साफ रखने में अपने मन को साध लेगा वही बचेगा बाकी भोगी पापियों का खात्मा हुआ है होगा
पूर्वी चंपारण ( बिहार )। इस पूरी सृष्टि के संचालनकर्ता, कभी न थकने वाले, मनुष्य के न रुक रहे गलत कर्मों से देवी-देवताओं प्रकृति की बढ़ती नाराजगी को और उनके सजा देने की तत्परता को अपनी दिव्य दृष्टि से देखकर होने वाली भारी जन हानि को रोकने के लिए सार्वजनिक रूप से अपने सतसंग में सबको सजग कर विनाश को टालने में अनवरत लगे इस समय के समर्थ सन्त सतगुरु त्रिकालदर्शी उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 18 अक्टूबर 2022 प्रातः पूर्वी चंपारन (बिहार) में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि मांस मनुष्य के लिए कुदरत ने नहीं बनाया। भगवान मालिक खुदा गोड के बनाए हुए जीवों पर आप दया करो और इस मनुष्य शरीर के अंदर मांस मछली अंडा शराब डालकर इसको गंदा मत करो। देखो कितना पूजा-पाठ अनुष्ठान लोग करते हैं लेकिन फायदा नहीं मिलता है क्योंकि मंदिर ही गंदा है। लोगों के बनाये मिट्टी पत्थर के मंदिर गिरजाघर गुरुद्वारा में कोई गंदी चीज मुर्दा मांस डाल दे तो वहाँ पूजा पाठ नहीं करते हो, कहते जगह गंदी हो गई। ऐसे ही मनुष्य शरीर को मंदिर बताया गया ।
जैसे दुनिया की चीजों को पाने के लिए कर्म करते हो, ऐसे ही प्रभु को पाने के लिए थोड़ा करो कर्म
सब कुछ यहीं पर है लेकिन जो कर्म नहीं करता है उसको नहीं मिलता है। दुनिया की चीज जैसे पैसा पाने के लिए नौकरी मजदूरी दुकान, अनाज के लिए खेती करनी पड़ती है ऐसे ही प्रभु को पाने के लिए कर्म करना पड़ता है। अगर वह कर्म कर लिया जाए, थोड़ा समय निकाल लिया जाए प्रभु को पाने के लिए, जब वह मिल जाएगा तो यह दौड़ कम हो जाएगी, यह दु:ख भी धीरे-धीरे चला जाएगा, घर-घर में चल रहे लड़ाई-झगड़ा, वैमनस्यता, तलाक, दहेज के मुकदमे सब खत्म हो जाएंगे।
सभी सन्त महात्माओं ने मनुष्य शरीर को भगवान का बनाया हुआ मानव मंदिर बताया
क्योंकि इसमें चलते-फिरते भगवान दिखाई पड़ते हैं। आदमी के बनाए मंदिरों में तो न चलने-फिरने-देखने वाले मिट्टी पत्थर की मूर्ति की श्रद्धा की पूजा होती है लेकिन इसके अंदर जो प्रभु है, चलता-फिरता दिखाई पड़ता है। ये मंदिर है तो इसको गन्दा मत करो, साफ सुथरा रखो नहीं तो कोई भी पूजा उपासना आपको बताई जाएगी उसमें आपको कामयाबी नहीं मिलेगी।
शाकाहारी रहोगे तो रोगों से मुक्ति रहेगी
नहीं तो आपने अभी रोग देखा ही नहीं। ज्यादा नहीं बोल रहा हूं नहीं तो लोग कहते हैं बाबा डरवाते है। अब ज्यादा नहीं बोलता हूँ। अब तो यही कहता हूं जो बताया गया है पीछे, उसी को पढ़ लो सुन लो याद कर लो, वो तो सब होता रहेगा ।
भोगी और पापियों का खात्मा हमेशा हुआ है
तकलीफें आएंगी। बचत उसी की होगी जो मन को साध लेगा। बचेगा साध जन कोई जो सत से लौ लगाएगा। जैसे बैल घोड़ा आदि जानवरों को साधते सेट करते हैं ऐसे ही शरीर को और मन को साधा जाता है। जो शरीर को साध लेगा जो इसे स्वच्छ साफ रखने में अपने मन को साध लेगा वही बचेगा बाकी भोगी पापियों का खात्मा तो हमेशा हुआ है और फिर हो ही जाएगा। हमारी यही प्रार्थना सब लोगों से है-
हाथ जोड़कर विनय हमारी। तजो नशा बनो शाकाहारी।।
और थोड़ा कम खाओ, गम खाओ यानी बर्दाश्त करो।
0 टिप्पणियाँ
Please don't enter any spam link in the comment Box.