मदर टेरेसा ने अपना सारा जीवन गरीबो, व बेसहारों की सेवा में गुज़ार दिया : राजेश कुमार सिंह

पचपेड़वा, बलरामपुर। छात्र छात्राओं के चतुर्मुखी विकास व बौद्धिक स्तर को ऊंचा उठाने के लिए ये ज़रूरी है कि वो राष्ट्रनायकों,युग पुरुषों के जीवन और उनके संघर्षों से परिचित हों,वो उनके सिद्धांतों, एवं आदर्शों को आत्मसात करके सफलता के नए नए कीर्तिमान बना सकते हैं। इसी उद्देश्य के तहत बलरामपुर जिले के पचपेड़वा स्थित जे.एस. आई.स्कूल में हर शनिवार को एक नए श्रृंखला "ज़रा याद उन्हें भी कर लो"की शुरुआत की गई है। जिसके तहत युग पुरुषों और महानायकों के जीवन से बच्चों को रूबरू कराया जाता है।

इस शनिवार 26 नवम्बर  को श्रृंखला की 13 वीं  कड़ी में नोबेल प्राइज से सम्मानित शांति और करुणा की प्रतीक मदर टेरेसा के व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा की गई। मुख्यवक्ता राजेश कुमार सिंह, प्रिंसिपल एलएमटी इंटर कालेज पचपेड़वा ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि मदर टेरेसा ने अपना सारा जीवन गरीबो, व बेसहारों की सेवा में गुज़ार दिया। उन्होंने 68 साल तक निःसहाय लोगों की सेवा की। वो अलबानिया मूल की थीं और मेसीडोनिया में उनका जन्म हुआ था। 

भारत के कोलकाता को उन्होंने अपना कर्म स्थल बनाया और जीवन के आखिरी दिनों तक गरीबों की सेवा करती रही। सिंह ने कहा कि उन्हें नोबेल प्राइज से भी सम्मनित किया था। दिलचस्प बात यह है कि नोबेल प्राइज के बाद उनके सम्मान में दिए जाने वाले भोज को मदर टेरेसा ने आयोजित न करने का अनुरोध किया था ताकि उस धन से गरीबों की सेवा की जा सके।

स्कूल के प्रबंधक/स्वतंत पत्रकार सग़ीर ए ख़ाकसार ने कहा कि मदर टेरेसा के पास एक मिशन था ।सेवा का लक्ष्य था। तभी तो वो एक अजनबी देश मे जहां का जलवायु, भाषा ,रहन सहन सब कुछ अलग था वो इसकी परवाह नहीं करती है और सेवा में पूरा जीवन गुजार देती है।पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन,जर्मन चांसलर हेलमेट कोल, मिखाइल गोरवाच्यूब , इंदिरा गांधी,ज्योति बसु , यासर अराफात आदि को मदर टेरेसा से विशेष अनुराग था।

इस अवसर पर रवि प्रकाश श्रीवास्तव,किशन श्रीवास्तव, अलका श्रीवास्तव, किशोर श्रीवास्तव,मुदस्सिर अंसारी, साजिदा खान, नेहा खान, सुशील यादव, सचिन मोदनवाल, शमा, पूजा विश्वकर्मा, महजबीन, फरहान खान, तबस्सुम, वंदना चौधरी, अंजली कसौधन, आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

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