- गुरु से दया लेकर आने वाली पीढ़ीयों, हजारों वर्ष तक के लोगों के लिए यादगार बना दो
- आज सब संकल्प बनाओ, उन्ही से प्रार्थना करो कि आपही के दिया इस तन मन धन विद्या बुद्धि से सेवा ले लो, करवा लो
ग्वालियर (म.प्र) । निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने कार्तिक पूर्णिमा 8 नवम्बर 2022 को ग्वालियर में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि प्रेमियों! घोषणा कर दी गई है। हिम्मत करो, आगे बढ़ो, समय देकर के काम को रोकना नहीं चाहिए। कल किसी ने नहीं देखा। जो अभी पूजन करते, नींव भरते हुए वहां देख सकते हैं, कोई जरूरी है कि 2-4 महीना साल बाद बनता देख ही लेंगे। गुरु महाराज ने अकेले अपने दम पर इतना बड़ा काम किया। गुरु महाराज के बहुत प्रेमी हैं। उनके जाने के बाद हमको प्रेमी मिले, नामदान लिए, भजन किये, अंतर में उनको गुरु की दया दिखाई पड़ी, वह तो प्रेमी बढ़े ही हैं। जयगुरुदेव नाम से जुड़े नए-पुराने सभी प्रेमी, जो भी हम से प्रेम करते हैं, हमें विश्वास है, सब मिलकर गुरु महाराज का मंदिर बना लेंगे।
आज सब संकल्प बनाओ, उन्ही से प्रार्थना करो कि आपही के दिया इस तन मन धन विद्या बुद्धि से सेवा ले लो, करवा लो
2 दिसंबर 2022 प्रात: को पूजन और 8 दिसंबर अगहन पूर्णिमा पर नींव पड़ जाएगी और बाबा जयगुरुदेव मंदिर बनना शुरू हो जाएगा। गुरु महाराज की मौज और प्रेमियों की भाव भक्ति सहयोग के अनुसार कुछ ही समय में गुरु महाराज का मंदिर खड़ा होता चला जाएगा। जैसी गुरु महाराज की दया मौज होगी, आप प्रेमियों से, हमसे सेवा काम ले लेंगे और दया खुद करके अपने लोगों से अपना मंदिर बनवा लेंगे। गुरु महाराज से आज आपको यह प्रार्थना करना है कि आप दया करो, कमाने खाने के बाद जो बरकत आपने दिया उसे अपने नाम पर लगवा दो, कुबूल कर लो। आने वाले हजार वर्षों तक की पीढ़ी की याद के लिए हमारे तन मन धन जो कुछ भी है उससे सेवा ले लो, करवा लो। सब लोग संकल्प बनाओ।
यह संदेश सब तक पहुंचा दो
जिसके लायक जो काम, सेवा है, गुरु महाराज ने जो बुद्धि आपको दी है, आपकी पढ़ाई-लिखाई, इंजिनियर अधिकारी मिस्त्री आदि बनाने, तरक्की के लिए आपके सतसंगी बाप दादा ने गुरु महाराज से प्रार्थना किया था, दया हुई और आप बन गए, कई देशों में सतसंगियों के बच्चे पहुंच गए हैं, आज सब प्रार्थना करो गुरु महाराज से कि आपके दिए हुए दिल-दिमाग बुद्धि विद्या से हमारी सेवा ले लो, सेवा करवा लो। जिससे जिस भी तरह का हो सके वैसा करके मंदिर बना लो।
आने वाली पीढ़ीयों, हजारों वर्ष तक के लोगों के लिए यादगार बना दो
प्रेमियों! मैं तो अपनी औकात भर कर रहा हूं और करता ही रहूंगा। लेकिन इस बुढापे 74 की उम्र में ज्यादा मेहनत नहीं कर सकता हूं। पहले हमेशा 24 घंटा सेवा में लगे रहने की इच्छा रहती थी। 2-3 घंटा सोने को मिल गया उसी में संतुष्टि हो जाती है। गुरु महाराज इतनी दया देते थे कि लोग कहते थे कि सेवा कैसे कर पा रहे हैं, दुबले-पतले दिन-रात सेवा में लगे रहते हैं। लेकिन अब शरीर वैसा नहीं रह गया कि गुरु की दया लेकर वैसा किया जा सके। क्योंकि कमजोर पोल में ज्यादा करेंट दौडाने से ख़तरा रहता है। तो हम तो सेवा करते रहेंगे लेकिन आप जिनके शरीर में ताकत है, दिल-दिमाग बुद्धि गुरु महाराज की दया से मिली है, आप लगकर के गुरु महाराज का एक स्थान हजारों वर्ष के लिए तैयार कर दो कि जिससे आने वाली पीढ़ी यह समझे कि बाबा जयगुरुदेव महाराज ये थे, ऐसा उनका चेहरा, काम था, ऐसा बगीचा लगाया जिसका फल हमको खाने को मिल रहा है, हमें शांति सुकून सतयुग का आनंद मिल रहा है, जिन्होंने सतयुग लाने की, सतयुग देखने लायक लोगों को बनाने की आवाज लगाई थी। जैसे राम-कृष्ण के जाने के हजारों वर्षों बाद भी रामलीला, रासलीला हो रही, स्थान बने हैं उसी तरह से गुरु महाराज को लोग याद करें। अवतारी शक्तियों से अलग गुरु महाराज ने संहार का कोई भी काम नहीं किया। केवल दया की ही अमृत वर्षा किया इसलिए हमारे गुरु को लोग याद करेंगे ही करेंगे। आप सब लोग लगोगे, गुरु महाराज जी का चिन्ह बन जाएगा। आपके साथ हम भी आज प्रार्थना करते हैं कि आप अपना स्थान, अपना मंदिर अपने ही इन प्रेमियों से बनवा लो। दया आप करो और श्रेय इन प्रेमियों को दे दो कि आपका यह स्थान बनाकर के आने वाली पीढ़ी, हजारों वर्ष तक के लोगों के लिए यादगार बना दें। तारीख जगह याद रखो। आगे आपके काम आएगा और उसकी आप सब लोग अपने-अपने स्तर से जो भी हो सके तैयारी करो, योजना बनाओ, आप आगे बढ़ो। हम भी लगे रहेंगे।
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