कोशिश करो कि ज्यादा से ज्यादा लोग नामदान लेने के लिए आ जाएं

  • आगे आने वाले समय में महात्माओं द्वारा ही एक नई व्यवस्था का सूत्रपात होगा, उसका भी एक अनोखा समय होगा
  • परिवार और समाज, राज और काज की व्यवस्था बिना महात्माओं के ठीक नहीं होगी

उज्जैन मध्य,प्रदेश सदैव याद रखो कि यह मनुष्य शरीर किराए का मकान है और एक दिन सांसो की पूंजी समाप्त होने पर इसे खाली करना पड़ेगा। इसके बाद यह जीवात्मा कर्मों के अनुसार नर्कों, 84 में डाल दी जाएगी। इसलिए इसे मुक्ति-मोक्ष दिलाने के लिए वक्त के महात्मा, मुर्शिद-ए-कामिल से रास्ता (नामदान) लेकर 24 घंटे में से कुछ समय उस ईश्वर की सच्ची पूजा इबादत में लगाओ जिससे आप का लोक परलोक दोनों बन सके।

देश की संपत्ति आपकी अपनी है, इसको नष्ट करने का कोई कार्य मत करो।

जिस धरती पर जन्म लिया है उसकी शान को बनाए रखने के लिए देश भक्त बनो।

देश की सेवा का मौका पाने के लिए देश भक्त बनना ही पड़ेगा।

हड़ताल, तोड़फोड़, आंदोलन, धरना, प्रदर्शन, आगजनी यह किसी समस्या का हल नहीं है। इनसे सदा दूर रहो।

भारत धर्म परायण देश है। यहां धर्म का बड़ा महत्व है इसलिए धर्म पर राजनीति नहीं होनी चाहिए बल्कि राजनीति में धर्म लाना चाहिए।

सारे विश्व में ऐसा परिवर्तन होगा कि लोग सोच भी नहीं सकते और इसी भारत देश के माई के लाल, बच्चे करके दिखा देंगे।

मैं (बाबा उमाकांत जी महाराज) अपने गुरु महाराज के संकल्प जैसे इस धरती पर गौ हत्या ही नहीं बल्कि किसी भी जीव की हत्या नहीं होगी, लोग धार्मिक बनें, सतयुग का नजारा पूरे विश्व में दिखे इसके लिए दृढ़ संकल्पित हूँ और बराबर इस काम में लगा हुआ हूं। बस आप लोगों के सहयोग की आवश्यकता है।

कोशिश करो कि ज्यादा से ज्यादा लोग नामदान लेने के लिए आ जाएं

आपको मालूम होगा कार्यक्रम होने वाला है 29 तारीख को सतसंग और नामदान की तारीख मिल गई है आपको। कोशिश करो कि ज्यादा से ज्यादा लोग नामदान लेने के लिए आ जाएं। अब जितने लोग हैं, जिनको सत्संगी मानते हो, उन्हीं को आप फोन करके बता दो। आदमी-आदमी को, बच्ची-बच्चियों को जब भी सतसंग में आओ दो-चार लोगों को सतसंग में नामदान दिला दो। नामदान दिलाने का अच्छा अवसर है।

गोपी और ग्वालों की तरह सबको लाठी लगाना है

प्रेमियों 30 मार्च को कार्यक्रम हुआ करता था बराबर हुआ है। एक आध साल नहीं हो पाया है बाकी तो आप लोग करते ही रहे। 30 मार्च का कार्यक्रम, आपके जिम्मेदार प्रेमी लोग आए। मैंने पूछा कैसा कार्यक्रम कराना चाओगे? क्या योजना है आपकी? बोले हम बड़ा कार्यक्रम कराएंगे। हमने कहा बात तो ठीक है, भावना तो अच्छी है, विचार तो अच्छे हैं। बड़े लोग ही बड़ी चीज सोचते हैं, बड़े ही बड़ा काम कराते हैं। इसलिए बड़ी भावना तो होनी ही चाहिए लेकिन अकेला आदमी या दो चार आदमी बड़ा काम नहीं सोच सकते हैं। उनको सहयोग, मदद, सलाह की जरूरत होती है। हर जगह पर सहारे की जरूरत होती है इसलिए आप सबको लाठी लगाना चाहिए जैसे श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाया था, गोपी ग्वालों ने उसमें लकड़ी लगा दिया था तो कृष्ण के साथ गोपी और ग्वालों की भी रास लीला रचाई जाती है, उनका भी नाम इतिहास में लिख गया है, उनको भी लोग याद करते हैं। प्रेमियों जो जिसके लायक हैं सबको सहयोग करना चाहिए।

प्रेमियों कानों-कान सब को खबर कर दो बड़ा कार्यक्रम है

सबसे बड़ा सहयोग तो यही रहेगा कि आप लोगों को बताओ और वह आपके सहयोगी बन जाएं। यहां की जो व्यवस्था करनी है, प्रचार-प्रसार करना है, सतसंग में लोगों को लाना है, इस व्यवस्था में लग जाएं, रहने-खाने, बिजली, पखाने की करने में मददगार हो जाएं क्योंकि कोई काफी मददगार हो सकता है काफी अनुभव है उसको खबर नहीं हो पाई है। कानों-कान खबर करोगे यह बड़ा कार्यक्रम है, सबको मिलकर के कराना है, सबके साथ अपने लोगों का भी सहयोग हो जाएगा, अपना भी खाता खुल जाएगा सेवा का लाभ मिल जाएगा यह बात लोगों को बताने की जरूरत है।

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