जानो समझो परखो, साधक का संग करो : बाबा उमाकान्त जी महाराज

  • खराब समय से बचने का हथियार है सुमिरन ध्यान भजन
  • आओ अपने मन से और जाओ पूछ करके

जयपुर (राजस्थान)। साध का संग देने वाले, खराब समय से बचने का हथियार देने वाले, नामदान की दौलत लुटाने वाले, इस समय के त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 8 जुलाई 2017 प्रातः जयपुर में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि जानो समझो परखो। जो वास्तव में भगत हो उनका साथ करो। वो जो गुरु की बातों को बतावे, समझावे और उस रास्ते पर आपको चलावे। चलावे ही नहीं, खुद भी चलते हो। देख लो चल रहा है, ठीक से कर रहा है। जो बात कह रहा है, उसका खुद पालन कर रहा है या नहीं कर रहा है। इन सब चीजों को देखते हुए अगर साध का संग करो तो नहीं बनती साधना भी बनने लग जाएगी। सतगुरु से मांगा भक्तों ने- साध संग मोहे देव नित, परम गुरु दातार। या मेरे मालिक या मेरे गुरु, मुझे साध का संग दो। 

साध साधना करते हैं, ऊंचे स्थान तक आते-जाते रहते हैं। पहले के बहुत से साधक पड़े रह गए, पुनर्जन्म उनको लेना पड़ा क्योंकि उस समय पर उन्हें सतलोक तक की पूरी जानकारी वाले सन्त नहीं मिले जिनको सतलोक, जहां से यह जीव आया, वहां तक पहुंचाने का ज्ञान उनको रहा हो। इसीलिए जिसको जहां तक की जानकारी थी, वहां तक की साधना उन्होंने बताया, करवाया। तो वह साधक कहलाए। ऋषि, मुनि, योगी, योगेश्वर, साध, सन्त, परम सन्त अलग होते हैं। तो उन्हें परम सन्त नहीं मिले। लेकिन जब कलयुग आया तो कलयुग में जीव फंसने लग गए क्योंकि रास्ता ही नहीं मिला। रास्ता मिला भी तो रास्ते पर चलने के लिए प्रेरणा देने वाला कोई नहीं मिला। प्रेरणा देने वाला भी मिला और करने भी लग गए तो अंदर के लोकों में बहुत से लोग फंस गए। निकल पाना बड़ा मुश्किल लोगों का हो गया। (तब जीवों के उद्धार के लिए सन्तों का प्रादुर्भाव हुआ)

खराब समय से बचने का हथियार है सुमिरन ध्यान भजन

बाबा उमाकान्त जी ने 28 दिसंबर 2020 प्रातः ढकल गांव, खरगौन में बताया कि क्रोध आदमी का दुश्मन है। करा कर आया सब गया, जब आया अंहकार। अंहकार, लोभ और मोह को जीतने के लिए सुमिरन ध्यान भजन  रूपी हथियार गुरु महाराज ने आपको दे दिया। आप हथियार पा गए हो और अब सीख करके सुमिरन बराबर करना चालू कर दो। जो बराबर कर रहे हो, रोज करते रहो और ध्यान भजन में ज्यादा समय दो क्योंकि आगे का समय बहुत खराब आ रहा है। खराब समय में बचने का एक आपका हथियार है- सुमिरन ध्यान भजन, इसको आप मत छोड़ना। कलयुग में अभी और प्रकोप बढ़ेगा।

आओ अपने मन से और जाओ पूछ करके

बाबा उमाकान्त जी ने 8 जुलाई 2017 प्रातः जयपुर में एक प्रसंग सुनाते हुए बताया कि सतसंग में सुना था कि आओ अपने मन से और जाओ पूछ करके। बगैर आदेश के मत जाओ। क्योंकि तुमको यह मालूम नहीं रहता है कि आगे का समय कैसा है। जो महात्मा त्रिकालदर्शी होते हैं उनको भूत वर्तमान भविष्य, सब की जानकारी होती है। तो उनसे तुम को पूछ करके चलना-फिरना, करना चाहिए। यह सब सतसंग सुना था, तो उसने कहा था बगैर आदेश के नहीं जाएंगे तो कहा महाराज, अब आदेश दे दो, अब हम चले जाएं। बोले अरे! जिस काम के लिए तू आया, वह तो तेरा काम हुआ नहीं। तो अभी तू फिर क्यों जा रहा है? फिर सोचा बात तो सही है। खाली हाथ ऐसे क्या जाना, रुक गया।

हर सतसंगी कार्यक्रमों में दो-चार नए लोगों को नाम दान दिलाओ

बाबा उमाकान्त जी ने 1 जनवरी 2023 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि आप संकल्प अगर बना करके जाओगे तो जो संकल्प नही बनाते हो तो नहीं पूरा होता है। संकल्प एकदम से भी नहीं पूरा होता है, यह भी जान लो। क्योंकि फिर अहंकार आ जाएगा। तब कहोगे, कुछ नहीं, हमारी कम मेहनत में ऐसा हो गया। इसलिए गुरु अपने हाथ में भी कुछ रखते हैं कि अहंकार न आ जाए। लेकिन जब आगे नहीं बढ़ोगे तो मंजिल तक कैसे पहुंचोगे? 10-50 को नहीं ला सकते हो तो दो-चार लोगों को बच्चे और बच्चीयों नये लोगों को समझा करके, जहां (भी सतसंग कार्यक्रम में) जाओ, वहीं उन्हें लेते जाओ, उनका भी भला हो जाएगा। सबसे बड़ा परमार्थी काम यही है कि इसी शरीर और आत्मा को सुख पहुंचाया जाए। पशु नहीं, केवल मनुष्य ही परमार्थी काम को कर सकता है।

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