नई दिल्ली/पीआईवी। केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री सुश्री मीनाक्षी लेखी ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के अभिन्न हिस्से के रूप में दक्षिण पश्चिम दिल्ली के आर.के. पुरम में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सक्रिय रूप से शामिल हुईं। इस समारोह के दौरान उन्होंने ‘विकसित भारत’ से जुड़े संकल्प की अगुवाई की और विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ संवाद किया। प्रभावकारी गवर्नेंस की महत्वपूर्ण भूमिका पर विशेष जोर देते हुए मंत्री महोदया ने आम जनता के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने और उनकी सहायता करने के लिए सरकार की संयुक्त पहलों पर विशेष जोर दिया। उन्होंने नागरिकों की आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए उन तक सीधी पहुंच सुनिश्चित करने की मोदी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई।
सुश्री लेखी ने कहा कि सरकार का ध्यान निरंतर यह सुनिश्चित करने पर है कि इस अवधि के दौरान किसी भी व्यक्ति, विशेषकर आर्थिक रूप से वंचित व्यक्ति को संसाधनों या स्वास्थ्य सेवा की कमी के कारण कोई परेशानी न हो। तपेदिक (टीबी) जैसी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का निराकरण करते हुए सरकार टीबी रोगियों के लिए नौ माह तक मुफ्त दवाएं और राशन सुनिश्चित करती है। इसके साथ ही उन्होंने गरीब लोगों के बीच वित्तीय सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा मुहैया कराए गए प्रमुख लाभों पर प्रकाश डाला। पहले बैंक मुख्यत: अमीर लोगों को ही ऋण दिया करते थे और इसके लिए वे उनके द्वारा गिरवी रखी जाने वाली परिसंपत्तियों पर भरोसा किया करते थे। हालांकि, अब सरकार की बैंकिंग सुविधाओं की मदद से ऐसे लोग जिनके पास परिसंपत्ति तो नहीं है, लेकिन वे कड़ी मेहनत करने और सफल होने के इच्छुक हैं, वे भी ऋण लेने के लिए बैंक से सीधे संपर्क कर सकते हैं। इस तरह से उनकी गारंटी सरकार का आश्वासन बन गई।
राज्य मंत्री ने बचपन की एक घटना सुनाते हुए ग्रामीण अवसंरचना में किए गए व्यापक निवेश पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘मुझे याद है कि मेरी मां सिलेंडर के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़ी रहती थीं और कभी आपूर्ति कम हो जाने पर कालाबाजारी का सहारा लेती थीं। लेकिन आज जमाना बदल गया है। अब बदलाव स्पष्ट रूप से नजर आता है क्योंकि सरकार पूरे देश में बुनियादी आवश्यकताओं को निरंतर पूरा कर रही है। ग्रामीण अवसंरचना में किए गए निवेश ने अब उन चुनौतियों को कम कर दिया है जिसने काफी लंबे समय तक ग्रामीणों को त्रस्त कर रखा था।’
‘वीबीएसवाई’ अभियान के तहत श्रीमती लेखी ने लोगों से प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), और पीएम उज्ज्वला योजना जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया। सुश्री लेखी ने देश के विकास के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को साझा किया जो कि व्यक्तिगत लाभ से दूर है और जिसके तहत इस दृष्टिकोण को साझा करने वाली टीम को निरंतर एकजुट किया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में चार करोड़ मकानों की गारंटी का संकल्प दोहराया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी दृष्टिकोण पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘हमारे कर्म ही हमारी किस्मत तय करते हैं, और सही नेतृत्व चुनने से पूरे देश को इसका फल मिलता है। अब हर घर में जल सुलभ है, और जहां मकान होता है, वहां बुनियादी ढांचागत सुविधाएं भी उपलब्ध हो जाती हैं - चाहे वह गैस कनेक्शन हो या सीवेज सिस्टम।’
अपनी इस यात्रा के दौरान श्रीमती लेखी ने पीएम स्वनिधि शिविर, स्वास्थ्य शिविर, आयुष्मान कार्ड शिविर, आधार अद्यतन शिविर, और बैंक खाता खोलने जैसी ऑन-स्पॉट सेवाओं का अवलोकन किया। विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी की महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ‘वीबीएसवाई’ पहल द्वारा हासिल किए गए व्यापक जन उत्साह और समर्थन को रेखांकित करती है। उनकी यात्रा कल्याणकारी कार्यक्रमों के प्रभावकारी कार्यान्वयन और इस बारे में व्यापक जागरूकता सुनिश्चित करने की सरकारी प्रतिबद्धता का एक अहम प्रमाण है।
सुश्री मीनाक्षी लेखी ने इन पहलों को व्यवस्थित करने में शहरी स्थानीय निकायों और जिला प्रशासन के अथक प्रयासों की सराहना की और इस तरह से आम जनता की भागीदारी बढ़ाने और आवश्यक योजनाओं तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया। ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा (वीबीएसवाई)’ अपनी यात्रा निरंतर जारी रख रही है, और यह देश के हर कोने तक पहुंचने के लिए समर्पित है, और इस तरह से यह अधिक जागरूक एवं सशक्त समाज बनाने के अपने मिशन में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने अधिक समृद्ध और समावेशी राष्ट्र के निर्माण में निरंतर प्रयास करने के विशेष महत्व पर बल देते हुए इस तरह के प्रभावशाली प्रयासों के लिए अपने व्यापक सहयोग की पुष्टि की।
0 टिप्पणियाँ
Please don't enter any spam link in the comment Box.