संकल्प बनाओ कि अगले साल हम कोई गलती नहीं करेंगे, वक़्त का आदेश मानेंगे और मांगो गुरु महाराज से माफी, भक्ति और शक्ति
जीवों की हत्या से नाराज देवता इंसानों को सजा देने को हैं तैयार, वक्त के सन्त उमाकान्त जी महाराज अभी इनको हैं रोके, थोड़ा और समझा लेने दो
उज्जैन (म.प्र.)। निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 31 दिसम्बर 2023 प्रातः उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि दैविक प्रकोप किसको कहते हैं? जैसे आँधी आ गई, घर उजड़ गया। भूकंप आ गया तो धरती हिल गई, नुक़सान हो गया। भूस्खलन, बाढ़, सूखा, अकाल, महामारी आदि ये सब क्या है? ये सब प्राकृतिक आपदा है। जब इनके नियम के खिलाफ़ लोग काम करने लगते हैं तब ये नाराज होकर सज़ा देने लगते हैं, जैसे इस समय पर ये सज़ा देने के लिए तैयार है। क्यों? क्योंकि धरती पर लोग गंदगी कर रहे हैं। कौन सी गंदगी? जो जानवरों को मार रहे हैं, काट रहे हैं, हड्डियाँ चमड़िया धरती पर फैंक रहे हैं, धरती पर खून बह रहा है, रंग ही धरती का बदरंग कर दे रहे हैं।
देखो यही ज़मीन है, जब यह अपने असली हालत में है तब बहूत अच्छी लगती है और इसी पर काला पेंट लगा दो तो बदसूरती आ जाएगी, कालिख लग जाएगा, अच्छा नहीं लगेगा। ऐसे ये धरती नाराज हो रही। जो लोग जानवरों का मांस खाते हैं, जानवरों को मारने काटने से हवा भी ख़राब होती, दूषित होती है। पवन देवता ख़ुश नहीं रहेंगे। मेघराज भी नाराज़ हो जा रहे हैं। सब तो नाराज़ खड़े हैं वो तो गुरु महाराज जैसी शक्ति इनको रोके हुए है कि थोड़ा सा इनको समझा लेने दो, बता लेने दो, मान जाएंगे ये लोग, अज्ञान हैं, इनको ज्ञान नहीं है, इन बेचारों को ज्ञान हो जाएगा, बुद्धि सही हो जाएगी तो थोड़ी इन पर दया कर दो।
आज संकल्प बनाओ कि अगले साल हम कोई गलती नहीं करेंगे
आज के दिन आपको देखना है कि यह साल कैसा निकला, कितना हमने अपराध किया, कितना हम झूठ बोले, कितना बेईमानी ठगी धोखा दिया, कितना अन्य गलत काम किया। आज के दिन यह संकल्प बना कि अगले साल नहीं करेंगे, जो हमने पीछे किया। गुरु महाराज से माफी मांगो कि हमको माफ कर दीजिए, हम कान पकड़ते हैं, माफी मांगते हैं, अब हम कोई गलती नहीं करेंगे, जान करके या अनजान में गलती नहीं करेंगे। जानकार जो गलती करता है, उसको सख्त सजा मिलती है।
आत्म सुख की चिंता करो
अभी तक आपके जो भी बुरे कर्म बने, बने चाहे इंद्रियों के भोग में या शरीर के सुख के लिए, मान सम्मान के लिए करते रहे उस सुख को भूलो, आत्मसुख की चिंता करो। आत्म सुख जब मिल जाएगा, वो आनंद जब मिल जाएगा तो यह सब सुख फीका पड़ जाएगा, मिट्टी की तरह से हो जाएगा तो उसको आप भूलो, अपने-अपने गलती की क्षमता मांगो।
गलती न दोहराने की गुरु महाराज से मांगो भक्ति शक्ति
गलती न दोहराने की गुरु महाराज से प्रार्थना करो कि हमको शक्ति भक्ति दो, हम उन गलतियों को दोहरावे नहीं और नए वर्ष में जो आदेश आपका मिला है, जो वक्त का संदेश मिला है, उसका हम सब लोग पालन करो।
0 टिप्पणियाँ
Please don't enter any spam link in the comment Box.