जानवरों के मारने काटने से हो रही धरती दूषित, आगे होगी हवा जहरीली और धरती की उपजाऊ शक्ति ख़त्म : बाबा उमाकान्त महाराज

नीयत सही रहने से बरकत होती है, नीयत दुरुस्त करने की जरूरत है

उज्जैन (म.प्र.)। तीनों कालों के जानकार, बड़ी सोच रखने वाले, प्रभु से ही सीधी दया दिलवाने वाले, इस वक़्त के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज जी ने उज्जैन आश्रम पर आयोजित नव वर्ष कार्यक्रम में 1 जनवरी 2024 प्रात: दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि मैं भविष्यवाणी नहीं कर रहा मैं आगाह कर रहा हूं। प्रकृति के नियम को खराब कर दे रहे हैं। धरती को गंदा करके हवा को दूषित कर रहे हैं। आगे हवा जहरीली हो जाएगी। लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाएगा। अगर यही हाल रहा, जानवर ऐसे ही मारे काटे जाएंगे तो धरती की उपजाऊ शक्ति भी ख़त्म हो जाएगी। फिर कितना भी खाद डालो तो भी पैदावार लागत के हिसाब से नहीं हो पाएगी। अभी तो मिट्टी में थोड़ा तत्व मौजूद है तो ज्यादा लागत लगा रहे हो और आमदनी बढ़ाने में लगे हुए हो। जब तत्व ख़त्म से हो जायेंगे तब कहां से आएगा अन्न? सोचो।

नीयत सही रहने से बरकत होती है, नीयत दुरुस्त करने की जरूरत है

नीयत दुरुस्त करने के बारे में बोलने की जरूरत है सभी बुद्धिजीवियों क्रीम ब्रेन वालों को चाहे राजनेता, अधिकारी, कर्मचारी, प्रबुद्ध नागरिक हो, चाहे देश के पंडित मुल्ला पुजारी हो, इनको इन सब चीजों पर विचार करने की जरूरत है। हमारी प्रार्थना है कि देश, देश की जनता, देश की संपत्ति आपकी है तो आपको इस देश से प्रेम होना चाहिए। आप इस देश की धरती का अन्न खाते हो, इस देश में रहते हो, यहां की जलवायु में पलते हो, आप अपने बच्चों को यहां पढाते लिखाते हो, अपने परिवार को यहां रखते हो तो आपको इस देश से प्रेम होना चाहिए। आपको इस देश की मर्यादा को, आन बान शान को बनाए रखना चाहिए। इसी में आपकी प्रतिष्ठा है, इज्जत है। और अगर यह देश तरक्की करेगा, देश के लोग तरक्की करेंगे, अगर देश के लोगों का खान-पान चरित्र सही होगा, इसकी नकल यदि विदेशी करेंगे, यहां की भाषा संस्कृति को विदेशी सीखेंगे और जब आप किसी भी देश में जब जाओगे कहोगे कि हम भारतीय हैं, भारत से आये हैं तब आपकी इज्जत बढ़ेगी। 

आप अगर कोई यह कहो कि हम हिंदू मुस्लिम सिख या ईसाई हैं तो आपकी उतनी क़द्र नहीं होगी जितनी आप कहो कि हम विकसित भारत देश के हैं। विकास चाहे आध्यात्मिक हो या ऐसे अन्य विकास हो तब आपका लोग सम्मान करेंगे, आपको माल पहनाएंगे। इसलिए नए वर्ष में आप सब देशवासियों को सोचने की जरूरत है कि हम भारत के नागरिक हैं और गर्व से कहो कि हम भारतीय हैं। भारत की इज्जत, भारत का सम्मान तभी बढ़ेगा जब भारत के लोग हर मामले में एकता स्थापित करके मानवता स्थापित करके आध्यात्मिक मानव धर्म का पालन करके धार्मिक बन करके एक जुटता दिखाएंगे और तरक्की करेंगे तब आपकी इज्जत इज्जत बढ़ेगी।

सभी देशवासियों के लिए सन्देश

आज सभी देशवासियों को यह याद करने की जरूरत है कि सब लोग मानव धर्म का पालन करके, लोगों के अन्दर मानवता लाकर के देश को विकसित करेंगे, लोगों को देश प्रेम सिखाएंगे और देश की शक्ति को हर तरह से बढ़ाएंगे। अगर आध्यात्मिक शक्ति देश की बढ़ जाए, लोग अध्यात्मिक हो जाएं तो अध्यात्म के आगे सभी चीज बौनी पड़ जाती हैं, तो क्यों न आध्यात्मिक बन जाया जाए, आध्यात्मिक बना दिया जाए। 

ताकी एकै साधे सब सधे, सब साधे सब जाए। एक प्रभु को प्राप्त कर लिया जाए जो सबका सृजनगार है, सबको देता है,  दूसरे देश से, दूसरे लोगों से मांगने की बजाय उस प्रभु से ही दिला दिया जाए तो कहते हैं कि जब वह देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है और जब लेता है तो झाड़ू से बुहार कर लेता है, यह कहावत चरितार्थ किया जाए, उसी से क्यों न दिल दिया जाए। तो लोगों को ईश्वरवादी मानववादी बनाओ। और आप जिनको नामदान मिल गया है, आप सुमिरन ध्यान भजन बराबर करते रहो।

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