राम लला के प्राण-प्रतिष्ठित होने के अवसर पर राष्ट्रीय सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के लिए लिखा गया पत्र


नई दिल्ली। अखिल भारतीय सन्त समिति सनातन हिन्दू धर्म के 127 सम्प्रदायों का सर्वोच्च निकाय है। पूज्य सन्तों, हिन्दू समाज के वरिष्ठ जनों से परामर्श कर के अखिल भारतीय सन्त समिति कहा कि विगत 495 वर्षों के संघर्ष तथा 77 युद्धोपरान्त आपके प्रधानमन्त्रित्व काल में सुप्रीम कोर्ट के संविधान बेंच के सर्वसम्मत निर्णय से भगवान श्रीराम की जन्मभूमि हिन्दू समाज को प्राप्त हुई, परन्तु हम कानून की कोई समस्या पैदा न हो इसलिए प्रसन्नता व्यक्त करने से बचते रहे। 5 अगस्त, 2020 को आपके द्वारा भूमि-पूजन के कालखण्ड में कोरोना प्रकोप के कारण सार्वजनिक उत्सव नहीं हो सके थे, जबकि हिन्दू समाज के लिए पिछले हजार वर्ष में यह एक ऐतिहासिक क्षण था। 

आपको बता दें कि जब मन्दिर के प्रथम तल के निर्माण के बाद भगवान राम लला अपनी जन्मभूमि पर पौष शुक्ल पक्ष द्वादशी संवत 2080 तद्नुसार 22 जनवरी, 2024 को विराजेंगे, उस समय पूरे विश्व का सनातन धर्मावलम्बी हिन्दू समाज यह उत्सव मनाएगा। जब रामजन्मभूमि के गर्भगृह में बैठकर आचार्यों के साथ प्राण-प्रतिष्ठा कर रहे होंगे, उस समय टीवी चैनलों पर पूरी दुनिया आपको और श्रीरामजन्मभूमि को पवित्र भाव से देख रही होगी। ऐसे में पति ऑफिस में, पत्नी घर पर और बच्चे स्कूल में रहेंगे तो सबका मन दर्शन से अधूरा रह जाएगा। श्रीरामचरितमानस की यह उक्ति मैं सेवक समेत सुत नारि का भाव अधूरा रह जाएगा। 

आपको बता दें कि 500 वर्षों के संघर्षों के समापन तथा भारत राष्ट्र के परमवैभव के प्रारम्भ काल के ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी बनने के लिए सपरिवार घर और मन्दिरों में होना आवश्यक है।संविधान के मूल अधिकार में धर्म-स्वतन्त्रता के हमारे अधिकार को पोषित भी करता है। अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि पौष शुक्ल पक्ष द्वादशी संवत २०८० तद्नुसार २२ जनवरी, २०२४ राष्ट्रीय अवकाश (केवल इस वर्ष) घोषित कर समस्त हिन्दू समाज को श्रीरामजन्मभूमि प्राण-प्रतिष्ठ महोत्सव के ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी बनने में भारत सरकार महती कृपा करें। अखिल भारतीय सन्त समिति आपकी सदैव आभारी रहेगी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ