प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अक्टूबर यानी मंगलवार को राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम सभी भारतवासियों ने बहुत लंबा सफर तय किया है। समय के साथ आर्थिक गतिविधियों में भी धीरे-धीरे तेजी नजर आ रही है। हम में से अधिकांश लोग, अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए, फिर से जीवन को गति देने के लिए, रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं। त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है। पीएम ने कहा कि हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है। कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में टेस्ट की बढ़ती संख्या हमारी एक बड़ी ताकत रही है। उन्होंने कहा कि सेवा परमो धर्म: के मंत्र पर चलते हुए हमारे डॉकटर्स, नर्स, हेल्थ वर्कर्स इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ''बरसों बाद हम ऐसा होता देख रहे हैं कि मानवता को बचाने के लिए युद्धस्तर पर काम हो रहा है। अनेक देश इसके लिए काम कर रहे हैं। हमारे देश के वैज्ञानिक भी वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। मोदी ने चेताया कि याद रखिए, जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। एक कठिन समय से निकलकर हम आगे बढ़ रहे हैं, थोड़ी सी लापरवाही हमारी गति को रोक सकती है। हमारी खुशियों को धूमिल कर सकती है। जीवन की ज़िम्मेदारियों को निभाना और सतर्कता ये दोनो साथ-साथ चलेंगे तभी जीवन में ख़ुशियां बनी रहेंगी। दो गज की दूरी, समय-समय पर साबुन से हाथ धुलना और मास्क का ध्यान रखिए।
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