वर्तमान समय में जिस तरह से जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण करना मुश्किल है उसी तरह से समाज में न्यूज चैनलों का भरमार भी है। आपको बता दें इस समय कुछ ही लोग होंगे जो जनर्लिस्ट बनना नही चाहते होंगे, नहीं तो बहुत से लोग बनना चाहते है जिससे वह समाज में घूमकर लोगों से पैसे एठ सके और तो और कार्ड दिखाकर गैर कानूनी कार्य करना जैसे बिना हेलमेट एवं लैसेंस के गाड़ी चलाते समय पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर उन से बच कर निकलना। बहरहाल, समाज में भ्रष्टाचार व्याप्त है हर कोई अचानक में ऊचाईयों की बुलंदियों पर पहुचना चाहता है। हम उसी से संबंधित एक घोटाले का खुलासा हुआ है। जिसे जानकर आप सोच में पड़ जाएंगे। सोसाइटी में अधिक न्यूज चैंनल हो जाने से एक दूसरे चैंनल वालों से मुकाबला होना तो आम बात हो गया है। अपने न्यूज चैंनल की टीआरपी बढ़ाने के लिए कई तरह के गेम खेलते है।
रेटिंग बढ़ाने के लिए दर्शकों को दिए पैसे
टीवी रेटिंग में हेराफेरी मामले में मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के सीएफओ को आज पूछताछ के लिए बुलाया है। पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के सीएफओ को पेश होने के लिए समन भेजा है। मुंबई पुलिस ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का इस मामले का खुलासा किया था और इसमें तीन चैनलों के खिलाफ शिकायत मिलने की बात कही थी जिसमें रिपब्लिक टीवी का नाम भी शामिल था। अधिकारियों ने बताया कि इस बात की जांच की जा रही है कि चैनल ने अपनी रेटिंग बढ़ाने के लिए दर्शकों को पैसे दिए ताकि उसे विज्ञापन से ज्यादा आय हो सके।
फर्जी रेटिंग का खेल
मुंबई के पुलिस कमिश्नर ने खुद गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का इस रैकेट में तीन चैनलों पर शामिल होने के आरोप लगाये थे, जिसमें सबसे बड़ा नाम रिपब्लिक टीवी का है। मुंबई पुलिस आयुक्त ने दावा किया था कि दो छोटे चैनलों फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा के मालिकों को गिरफ्तार कर लिया गया है और रिपब्लिक टीवी की जांच चल रही है। पुलिस के मुताबिक फर्जी इस रैकेट की सूचना मिलने पर सबसे पहले विशाल भंडारी नामका शख्स पकड़ में आया। विशाल टीआरपी एजेंसी बीएआरसी के लिये काम करने वाली एजेंसी हंसा का कर्मचारी रह चुका है और उसे कहां कहां बैरोमीटर लगे हैं ये पता था। दूसरे आरोपी संजू राव के साथ मिलकर उसने फर्जी रेटिंग का खेल शुरू किया। जिस घर मे बैरोमीटर लगा था वहां जाकर उन्हें रिपब्लिक टीवी और बाकी के दो चैनल देखने के लिए महीने का 400 रुपया देने का लालच दिया।
रिपब्लिक और दूसरे आरोपी चैनलों को देखने का दिया गया था प्रलोभन
पुलिस मामले में अब तक कुल चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। बार्क और हंसा एजेंसी के साथ कुछ घरवालों के भी बयान लिए गये हैं, जिन्हें रिपब्लिक और दूसरे आरोपी चैनलों को देखने का प्रलोभन दिया गया था। इस बीच रिपब्लिक टीवी ने बयान जारी कर मुम्बई पुलिस आयुक्त पर बदले की भावना से झूठा केस बनाने का आरोप लगाया। इस मामले में वो रिपब्लिक चैनल के प्रमोटर औऱ डायरेक्टर की भूमिका की जांच तो कर ही रही है। साथ ही उस चैनल को मिले विज्ञापनों की भी जांच होगी क्योंकि फर्जी रेटिंग के बल पर मिला विज्ञापन अपराध का हिस्सा माना जायेगा। इसलिए चैनल के बैंक अकाउंट की भी जांच होगी। पुलिस ने मामले में फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
शिवसेना नेता ने बताया कितने का है ये ‘खेल’


0 टिप्पणियाँ
Please don't enter any spam link in the comment Box.