अगले साल से IIT और NIT की पढ़ाई होगी मातृ भाषा में


अगले साल से IIT और NIT की पढ़ाई होगी मातृ भाषा में

नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान अगले शैक्षिक सत्र से छात्रों को उनकी मातृ भाषा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराएंगे। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक' की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तकनीकी शिक्षा विशेष रूप से इंजीनियरिंग की शिक्षा मातृ भाषा में देने का लाभकारी निर्णय लिया गया और यह अगले शैक्षिक सत्र से उपलब्ध होगा। इसके लिए कुछ आईआईटी और एनआईटी को चुना जा रहा है।

इसके अलावा बैठक में यह भी तय किया गया कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी स्कूली शिक्षा बोर्ड से जुड़े समकालीन हालात का जायजा लेने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम लाएगी। अधिकारी ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को निर्देश दिया गया है कि वह सभी छात्रवृत्तियों, फेलोशिप आदि को समय पर दिया जाना सुनिश्चित करें और इस संबंध में हेल्पलाइन शुरू करके छात्रों की सभी समस्याओं का तुरंत समाधान करें। अगर बात करें एनटीए की तो पिछले महीने ही हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा नौ क्षेत्रीय भाषाओं में जेईई की मुख्य परीक्षा कराने की घोषणा की थी। हालांकि आईआईटी ने अभी तक यह फैसला नहीं किया है कि क्या जेईई एडवांस की परीक्षा भी क्षेत्रीय भाषाओं में करायी जाएगी।

एनआईटी क्या है?

आज के समय मे सभी लोग अच्छी हायर एजुकेशन पाना चाहते हैं। इसके लिए अत्यधिक स्टूडेंट एनआईटी में एडमिशन लेते है। उच्च स्तर की शिक्षा पाने का ये एक बहुत ही अच्छा तरीका है। पहले इसे क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज (REC) कहा जाता था। इसकी स्थापना 1951 में हुई थी। भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2002 में 17 इंजीनियरिंग महाविद्यालयों को बढ़ाकर इसका नाम राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कर दिया। भारत मे तकनीकी पढ़ाई के लिए आईआईटी (IIT) के बाद इसका ही नाम आता है।
अगले साल से IIT और NIT की पढ़ाई होगी मातृ भाषा में

आईआईटी क्या है?

आईआईटी का फुल फॉर्म भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(Indian Institute of Technology) है। यह एक इंजीनियरिंग शिक्षण संस्थान है। यह संस्थान भारत सरकार के अंतर्गत काम करती है जहां से हर साल इसके सभी शाखाओं से स्नातक की डिग्री हासिल करके कई योग्य इंजीनियर बनते हैं। सबसे पहला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान 1951 में बनाया गया था जिसकी स्थापना खड़गपुर में की गई थी।

IIT एजुकेशनल इंस्टिट्यूट का एक ग्रुप है जो भारतीय सरकार द्वारा अच्छे और योग्य वैज्ञानिक, इंजीनियर और टेक्नोलॉजिस्ट्स बनाने के लिए शुरू किया था और ये अपने उद्देश्य को तब से पूरा करता आया है। इसे भारतीय सरकार द्वारा विशेष मान्यता प्राप्त है। भारत में इंजीनियरिंग प्रतिभा को आगे बढाकर औद्योगिक विकास और मैन्युफैक्चरिंग को बेहतर बनाने के लिए शुरू किया गया था।

अगले साल से IIT और NIT की पढ़ाई होगी मातृ भाषा में

इस में ग्रेजुएशन लेवल के पढाई के लिए एडमिशन ली जाती है जिसके बाद छात्र बैचलर डिग्री की पढाई पूरी करते हैं। हालांकि इसकी प्रवेश परीक्षा बहुत ही ज्यादा कठिन होती है। आईआईटी Act 1961 के अधिनियम के अनुसार IIT’s ऑटोनोमस संसथान हैं। जिसमें इसके खुद के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर होते हैं।


 

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