UN ने 'भांग' को किया खतरनाक ड्रग्स की कैटेगरी से बाहर

भारत में शराब पीते हैं करीब 16 करोड़ लोग, 3 करोड़ करते हैं भांग का सेवन

नई दिल्ली। आज के समय में नशीले पदार्थ का सेवन करना लोगों के लिए फैशन बन गया है। उन्हीं नशीले पदार्थों में से कुछ नशे ऐसे भी होते हैं जो आपकी जान भी ले सकते हैं। सभी देशों की बात करें तो इसका उपयोग कही कम तो कही ज्यादा होता है। इसका उपयोग चोरी छुपे किया जाता है। 

अगर भारत की बात करें तो यहां की World Meter बेवसाइट के अनुसार साल 2020 में देश की जनसंख्या कुल आबादी एक अरब 36 करोड़(1,369,046,200) है और करीब 16 करोड़ लोग शराब पीते हैं तथा तीन करोड़ लोग भांग का सेवन करते हैं।


नशा करने वालों के लिए बड़ी खुशी की बात है क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन(Who) के विशेषज्ञों की गुजारिश के बाद संयुक्त राष्ट्र(United Nations) ने इस फैसले पर मुहर लगा दी है। संयुक्त राष्ट्र के मादक पदार्थ आयोग ने भांग को उन ड्रग्स की लिस्ट से हटा दिया है जिसमें हेरोइन जैसे खतरनाक ड्रग्स भी शामिल थे।

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दरअसल, प्रतिबंधित मादक पदार्थों की लिस्टद से निकाले जाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने मतदान भी कराया था। इसमें 27 देशों ने भांग को लिस्ट से हटाए जाने के पक्ष में वोट दिए। जबकि 25 सदस्यों  ने इसके खिलाफ मतदान किया। इस ऐतिहासिक वोटिंग के दौरान अमेरिका और ब्रिटेन ने बदलाव के पक्ष में मतदान किया। वहीं भारत, पाकिस्तान, नाइजीरिया और रूस ने इस बदलाव का विरोध किया था।  

नशीले पदार्थों की एक लिस्ट होती है जिसमें उन सभी ड्रग्स को रखा जाता है जो बेहद एडिक्टिव होते हैं या इंसानों के स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक होते हैं और जिनके मेडिकल फायदे बेहद कम या न के बराबर होते हैं। अब इस लिस्ट से भांग को हटा लिया गया है। लेकिन यूएन के कानून के अनुसार, भांग को अब भी गैर मेडिकल इस्तेमाल के तौर पर एक प्रतिबंधित ड्रग ही माना जाएगा।

किसमें होता है भांग का ज्यादा उपयोग

संयुक्त राष्ट्र के इस फैसले के बाद भांग से बनी दवाओं के इस्तेमाल में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा भांग को लेकर साइंटिफिक रिसर्च को भी काफी बढ़ावा मिलेने की उम्मीद है। उम्मीद  ये भी लगाए जा रहे हैं कि कई देश भी भांग और गांजे के इस्तेमाल को लेकर अपनी पॉलिसी में बदलाव ला सकते हैं। गौरतलब है कि 50 से अधिक देशों ने भांग की मेडिकल वैल्यू को समझते हुए इसे किसी न किसी तरह पर वैध करार दिया है।

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जबकि कनाडा, उरुग्वे और अमेरिका के 15 राज्यों में इसके रिक्रिएशनल और मेडिकल इस्तेमाल को वैध किया जा चुका है। वहीं भारत में गैर-कानूनी रूप से गांजे की दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में जमकर खपत होती है। हालांकि ये अब भी देश में प्रतिबंधित बना हुआ है।


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