नशीले पदार्थों में सबसे खतरनाक कौन? आइए जाने

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हेरोइन

हेरोइन को ड्रग्स की रानी कहा जाता है। इसका इस्तेमाल करने से एक बार तो बहुत खुश होता है।  लेकिन बाद में यह शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाता है। यह सेक्स की क्षमता पर असर डालता है। महिलाओं में इससे बांझपन होने के खतरे बढ़ जाते हैं। यह अन्य नशीले पदार्थों की तरह, diacetylmorphine दोनों एक एनाल्जेसिक और एक मनोरंजक दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है लगातार और नियमित प्रशासन सहिष्णुता और शारीरिक निर्भरता, जो लत में विकसित हो सकता है के साथ जुड़ा हुआ है

कोकीन

कोकेन (Benzoylmethylecgonine) एक क्रिस्टलीय ट्रोपेन उपक्षार है, जो कोका पौधे की पत्तियों से प्राप्त होता है। यह नाम कोका से आया है। जिसमें उपक्षार का प्रत्यय- ine लगाने से यह कोकेन बन गया। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का एक उत्तेजक और क्षुधा मारक है। विशेष रूप से यह एक सेरोटोनिन-नोरेपिनेफ्राइन-डोपामिन रीअपटेक प्रावरोधक है। जो बाहरी केटकोलामाइन ट्रांसपोर्टर लिगेंड जैसे कार्य क्षमता की मध्यस्थता करता है। क्योंकि जिस तरह से यह मेसोलिम्बिक रिवार्ड पाथवे को प्रभावित करता है।

कोकेन व्यसनकारी है। आपको बात कि यह खतरनाक और नशे करने वाले लोगो का बहुत प्रिय पार्टी ड्रग है। इसके रसायन सीधे दिमाग पर असर डालते हैं जिससे आपकी याद रखने की क्षमता कम हो जाती है। इस ड्रग को लेते ही इंसान के दिमाग की संरचना बदलने लगती है।

गैर-औषधीय और सरकार द्वारा गैर-मंजूर प्रयोजनों में इसे रखना, उपजाना और वितरण करना दुनिया के लगभग सभी हिस्सों में अवैध है। हालांकि इसका स्वतंत्र व्यावसायीकरण अवैध है और लगभग सभी देशों में गंभीर दंड वाला अपराध है, कई सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यक्तिगत माहौल में इसका इस्तेमाल दुनिया भर में व्यापक है।

गांजा

भांग के पौधे के फूल, आसपास की पत्तियों एवं तनों को सुखाकर बनने वाला गांजा सबसे सामान्य है। गांजा का सेवन करने पर व्यक्ती की उत्तेजना बढ जाती है। गांजे मे मिलाई जाने वाली तम्बाकू मिरजी कर्करोग का प्रमुख कारण है। गांजा व्यसनी लोगों के चेहरे पर काले दागपड जाते है। गांजा के पौधे के औषध से मनोरुग्ण का ईलाज किया जाता है। फ्रान्स के लोग आत्मविश्वास बढाने के लिए गांजा का सेवन करते है। दुनिया का सबसे बेहतरीन गांजा मलाना हिल्स हिमाचल में ऊगता है। इसके उपयोग से लोगो को बहुत आनंद आता है। हालांकि इसे लंबे समय तक लेने से आपको अवसाद और फेफड़े की बीमारी हो सकती है।

एलएसडी

लीसर्जिक एसिड डाईएथिलेमाइड (LSD) एक अर्धसंश्लेषित औषधि है जो मनोवैज्ञानिक प्रभाव देती है। यह एक शक्तिशाली साइकेडेलिक ड्रग है। लीसर्जिक एसिड डैथ्यलामैड इगोट फंगस में पाया जाता है और यह LSD-25 के नाम से भी जाना जाता है। यह रंगहीन, स्वाधीन एवम गंधहीन क्र्यस्तालीय पदार्थ होता है जो की पानी और अल्कोहल में आराम से घुल जाता है। यह औषधि बैटरी एसिड, डॉट्स, बैरल्स, घोस्ट आदि नामों से भी जानी जाती है। भारत में भी इसका चलन लगातार बढ़ रहा है। यह इतना खतरनाक होता है कि इसका नशा करीब 12 घंटे तक होता है। ये आपके दिमाग पर असर डालता है। इसको खाने से व्यक्ति अपना संतुलन खो देता है और आस-पास के वातावरण से बिलकुल ही अलग हो जाता है।

शराब

दुनिया में हर तीसरे इंसान को शराब की लत है। यह मादक पदार्थ अन्य नशीले पदार्थो की तुलना में सबसे ज्यादा खतरनाक होती है। ये धीरे-धीरे आपकी किडनी और लीवर को सीधा नुकसान पहुंचाती है।

तम्बाकू

तम्बाकू ऐसा नशा है जो कि गांजे से भी ज्यादा खतरनाक है। इसकी लत छुड़ाने पर भी नहीं छूटती है। ये सीधे आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। ये जानलेवा नशा है और भारत में अधिकतर लोग इस नशे की लत से परेशान रहते है।

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