- प्रो0 सुरेन्द्र दूबे कुलपति की अध्यक्षता में कोर्स कामन के संबध में किया जा रहा है विचार
- शिक्षा जगत में किसी भी प्रकार का नही होना चाहिए भेदभाव
- अधिक परिश्रम करके अच्छे अंक लाए, जिससे उन्हे आगे चलकर के अपने देश के भागीदारी में महत्वपूर्ण योगान दे सके
- जीवन में क्रान्तिकारी बदलाव लाकर अपने देश को बढ़ा सकते है आगे
- चार साल में चार लाख से अधिक युवाओं को दी गई है सरकारी नौकरी
- स्नरातक एवं स्नातकोत्तर में कुल 34 छात्र/छात्राओं को स्वर्ण पदक एवं प्रशस्ति पत्र देकर किया गया सम्मानित
संवाददाता, राजेश शास्त्री
सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश सिद्धार्थनगर संवाददाता राजेश शास्त्री क्राइम पॉइन्ट न्यूज शासन द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राज्यपाल/मा0 कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल तथा मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा एवं विशिष्ठ अतिथि मा0 बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 सतीश चन्द्र द्विवेदी का आगमन सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर में विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किए गए चतुर्थ दीक्षान्त समारोह में उपस्थित होकर विश्वविद्यालय की गरिमा को बढ़ाकर गौरवान्वित किया गया।
आनन्दी वेन पटेल, कुलपति प्रो0 सुरेन्द्र दूबे, उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा और मा0 बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 सतीश चन्द्र द्विवेदी द्वारा मां शारदा के चित्र पर माल्यार्पण किया गया तथा वहां उपस्थित अतिथि गण ने चतुर्थ दीक्षान्त समारोह के अवसर पर प्रकाशित उत्कर्ष स्मारिका का विमोचन किया गया। इसके पश्चात छात्र/छात्राओं द्वारा वंदे मातरम गीत तथा सरस्वती वन्दना गीत की प्रस्तुति की गयी। उसके बाद समारोह के मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा एवं विशिष्ठ अतिथि मा0 बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डा0 सतीश चन्द्र द्विवेदी, कुलपति सिद्धार्थ विश्वविद्यालय प्रो0 सुरेन्द्र दुबे को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि सभी छात्र/छात्राएं आगे बढ़े। अपने देश/प्रदेश को आगे बढ़ाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि शिक्षा जगत में किसी भी प्रकार का भेदभाव नही होना चाहिए। विश्वविद्यालय द्वारा दीक्षान्त समारोह के अवसर पर कुल 34 अवार्ड दिये गये है जिसमें मात्र 10 छात्र है। उन्होंने शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि आप सभी लोगों की भागीदारी शिक्षा प्राप्त करने में छात्राओं से बहुत पीछे है।
इसमें सभी छात्रों को अधिक परिश्रम करके अच्छे अंक लाए, जिससे उन्हे आगे चलकर के अपने देश के भागीदारी में महत्वपूर्ण योगान दे सके। देश की आजादी के आन्दोलन में सभी स्वतंत्रता सेनानियो द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है। नयी पीढ़ी को जागरूक करने के लिए इतिहास की जानकारी बहुत जरूरी है। भारत विश्वगुरू बने। महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह आन्दोलन चलाया था। यह आन्दोलन एक साल तक चला।
आपको बता दें कि हमारे देश को 1947 में आजादी मिली। आजादी के आन्दोलन में उत्तर प्रदेश में 75 घटनायें घटित हुई है। 75 अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। राष्ट्र के समक्ष चुनौतियां बहुत है अपने जीवन में क्रान्तिकारी बदलाव लाकर अपने देश को आगे बढ़ा सकते है।
दीक्षान्त समारोह में उपस्थित छात्र/छात्राओ को सम्बोधित करते हुए बताया कि आपकी डिग्री जो मिली है वह कागज का टुकड़ा नही है। इसके महत्व के लिए आप सभी लोगो को संकल्प लेना होगा तभी आप सभी आगे जाकर देश में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकेगे। भारत में आप किसी भी पद पर जिम्मेदारी निभाने के लिए पूरी ईमानदारी के साथ कार्य करेंगे।
पीएम मोदी ने टीवी मुक्त भारत बनाने का संकल्प लिया है। इस उद्देश्य में सहभागिता निभाने के लिए उ0प्र0 के सभी विश्वविद्यालयो ने 05-05 गांव टीवी मुक्त बनाने के लिए गोद लिया है। गोद लिये हुए गांव में कोई भी व्यक्ति टीवी का रोगी न रहे। इसके लिए सभी लोग संकल्प ले। अपने सम्बोधन में उपस्थित सभी लोगों को शुभकामनाएं दी।
वहीं, उपमुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने चतुर्थ दीक्षान्त समारोह के अवसर पर उपस्थित शिक्षा जगत के आचार्य, प्राचार्य, छात्र एवं छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतवर्ष के शिक्षामंत्री द्वारा लागू की गयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश स्तरीय टास्क फोर्स का गठन कर दिया गया है। इस पर नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए कार्य किया जा रहा है। उ0प्र0 की कमेटी में प्रो0 सुरेन्द्र दूबे कुलपति की अध्यक्षता में कोर्स कामन के संबध में विचार किया जा रहा है। एक विश्वविद्यालय से दूसरे विश्वविद्यालय में छात्र/छात्राओ को प्रवेश लेने में आसानी होगी।
उन्होंने कहा कि आज 'आत्मनिर्भर भारत' दुनिया को दिख रहा है। प्रधानमंत्री की दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने कोरोना जैसी महामारी से निजात के लिए दो स्वदेशी वैक्सीन तैयार की है। शिक्षा, स्वास्थ्य औद्यौगिक विकास बिजली सड़क कृषि क्षेत्र में प्रदेश में विकास हो रहा है। आज यू0पी0 आई0टी0 के क्षेत्र में बेंगलुरु जैसे शहरों को टक्कर दे रहा है। चार साल में चार लाख से अधिक युवाओं को पारदर्शी तरह से सरकारी नौकरी दी गई है।
आज यूपी बोर्ड की परीक्षा सबसे कम समय में सम्पादित कराई जाती है और सबसे पहले परीक्षा परिणाम आता है। परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण भी ऑनलाइन ही किया जाता है। यह अब एक बदला हुआ प्रदेश है। सरकार ने 197 राजकीय हाईस्कूल और 51 बालिका छात्रावासों का निर्माण पूर्ण कराया है। 193 इंटर कालेजों का संचालन आरंभ कराया गया है। संस्कृत भाषा को प्रोत्साहन के लिए 1075 संस्कृत माघ्यमिक विद्यालयों में 97.42 छात्र छात्राओं को संस्कृत शिक्षा दी जा रही है।
सरकार प्रयासरत है कि अब विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक विश्वस्तरीय शिक्षा भारत में ही मिल सके। इसके लिए उन्हे बाहर नहीं जाना पडे। क्षेत्रीय भाषा के साथ विदेशी भाषा के अध्यापन का कार्य सभी विश्वविद्यालयों में शुरू हो सके। प्रदेश में स्मार्टक्लास की शुरुवात की गई है। प्रदेश के 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना कराई जा रही है। सरकार ने अपराध के खिलाफ जीरों टालरेन्स की नीति अपनाई जिसके परिणाम अब सबके सामने हैं।
विकास की सीढियों को चढ़ने के समय में भी सरकार पर्यावरण संरक्षण के अपने दायित्व को नहीं भूली है। आने वाली पीढी को बेहतर वातावरण देने के लिए 25 करोड़ पौधों का रोपण किया गया जोकि एक रिकार्ड है। प्रदेश अब तेजी से सूचना प्रौद्योगिकी का हब बनने की ओर भी अग्रसर है। आपको बता दें कि करीब 200 करोड से आईटी पार्क की स्थापना के साथ ही इलेक्ट्रानिक मैन्यूफैक्चरिंग नीति के तहत 40 हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। सड़के विकास की रफ्तार को कई गुना बढा देती है।
यही वजह है कि सरकार प्रदेश में पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड, गंगा, गोरखपुर लिंक व बलिया लिंक एक्सप्रेस वे बनवा रही है। यह एक्सप्रेस-वे से आने वाले समय में विकास को नई रफ्तार मिलेगी। जेवर में बनने वाला एयरपोर्ट प्रदेश में तरक्की का नया द्वार खोलेगा। इसी प्रकार कुशीनगर का एयरपोर्ट पर्यटन को चार चांद लगा देगा।
वहीं, विशिष्ठ अतिथि मा0 बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 सतीश चन्द्र द्विवेदी द्वारा चतुर्थ दीक्षान्त समारोह के अवसर पर स्नातको एवं परास्नातको के छात्र/छात्राओं को आर्शीवचन दिया गया। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा के जुड़े छात्रों को इस कार्यक्रम में सम्मिलित कराकर उनका मनोबल बढ़ाया गया है। राज्यपाल ने इस विश्वविद्यालय के सानिध्य को जगाया है। दीक्षान्त समारोह भारतीय परम्परा समाज और राष्ट्र के प्रति बोध कराता है। उन्होंने कहा कि आत्म निर्भर भारत के निर्माण में सभी छात्र/छात्राएं अपना योगदान दे।
कुलपति सिद्धार्थ विश्वविद्यालय प्रो0 सुरेन्द्र दुबे ने बताया कि वर्तमान में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में 30 शिक्षक शिक्षण कार्य कर रहे है इस विश्वविद्यालय में कुल 500 छात्र/छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे है। कुलपति ने बताया कि अगले सत्र में बी0एड0, बी0ए0एल0एल0बी0, फिजियोथिरेपी का शिक्ष्क्षण कार्य अगले सत्र से शुरू किया जायेगा। चतुर्थ दीक्षान्त समारोह कार्यक्रम के अवसर पर आनन्दी वेन पटेल जी द्वारा स्नरातक एवं स्नातकोत्तर में कुल 34 छात्र/छात्राओं को स्वर्ण पदक एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। उच्च प्राथमिक विद्यालय बर्डपुर, बूड़ा के 50 छात्रो को बैग मा0 कुलाधिपति द्वारा प्रदान किया गया। बैग में बच्चो के पढ़ने के लिए हितोपदेश की कहानियां, पेन्सिल, कापी और फल प्रदान किया गया। इस अवसर पर 223 करोड़ की लागत से महिला छात्रावास, बहुमंजिला शिक्षक/कर्मचारियो का आवास, बैंक व पोस्ट ऑफिस, महामाया द्वारा का लोकार्पण मा0 कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल द्वारा किया गया। इसके अलावा आपको बता दें कि वी0वी0आई0पी0 गेस्ट बनकर लगभग तैयार हो चुका है।
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर में आयोजित चतुर्थ दीक्षान्त समारोह में कुलपति प्रो0 सुरेन्द्र दूबे द्वारा मा0 कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल, उपमुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा तथा उपस्थित सभी का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन डा0 शिवम शुक्ला, वाणिज्य विभाग द्वारा किया गया। इस दीक्षान्त समारोह में मा0 विधायक कपिलवस्तु श्यामधनी राही, शोहरतगढ़ चौधरी अमर सिंह, मा0 सदस्य विधान परिषद ध्रुव कुमार त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष भाजपा गोविन्द माधव, पुलिस महानिरीक्षक बस्ती परिक्षेत्र बस्ती अनिल कुमार राय, जिलाधिकारी दीपक मीणा, पुलिस अधीक्षक राम अभिलाष त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) सीताराम गुप्ता, कुल सचिव राकेश कुमार, उपजिलाधिकारी नौगढ़ विकास कश्यप तथा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षान्त समारोह के आयोजन समिति के सदस्य तथा कार्य परिषद के सदस्य तथा सिद्धार्थ विश्व विद्यालय से सम्बद्ध समस्त महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित रहे।
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