भक्तिमान पांडेय
बाराबंकी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आकाश पटेल (रुद्रा) ने मंगलवार की शाम को अभाविप बाराबंकी के जिला कार्यालय पर महान क्रांतिकारी और राष्ट्रवाद के प्रेरणास्रोत शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को उनके "शहादत दिवस" पर याद करते हुए श्रद्धांजलि दी और कहा की मां भारती के इन महान सपूतों का बलिदान देश की हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा।
जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण कैसे मातृभूमि को अर्पित कर सकते हैं उसकी उत्कृष्ट प्रतिमूर्ति भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के रूप में इस देश ने देखी। राष्ट्रप्रेम और मातृभूमि के लिए समर्पण की इस अनोखी मिसाल ने वर्षों से देश के युवाओं को प्रेरित किया है और आगे भी करते रहेंगे। देश की आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले इन महान बलिदानियों के हम देशवासी सदैव ऋणी रहेंगे।
शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। विभाग सह प्रमुख पी.जे पाण्डेय ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जब भगत सिंह की उम्र मात्र 12 साल थी उन्होंने अंग्रेजी शासन के खिलाफ लड़ने की कसम खाई थी। विभाग सह संयोजक सर्वेश अवस्थी ने कहा कि शहीद भगत सिंह पराक्रमी होने के साथ-साथ विद्वान और चिंतक भी थे।
जिला संयोजक निशांत द्विवेदी ने कहा कि भगत सिंह जी के लिए कभी व्यक्तिगत गौरव महत्वपूर्ण नहीं रहा। वह जब तक जिए एक मिशन के लिए जिए और उसी के लिए अपना बलिदान दे दिया। वह मिशन था भारत को अन्याय और अंग्रेजी शासन से मुक्त कराना। नगर अध्यक्ष रजनीश मिश्रा ने कहा कि हम भगत सिंह बन पाए या ना बन पाए लेकिन उनके जैसा देशप्रेम और उसके लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा जरूर हम सब के दिलों में होना चाहिए। शहीद भगत सिंह को यही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
उल्लेखनीय है कि 23 मार्च का दिन भारत के स्वतंत्रता इतिहास में बेहद खास महत्व रखता है। 1931 में आज ही के दिन महान क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गयी थी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विभाग संगठन मंत्री अंशुल, जिला संगठन मंत्री अमन मिश्रा, आदर्श सिंह, अवंतिका रावत, शशिकान्त वर्मा, पुनीत रावत, विशाल सिंह, उत्कर्ष सिंह, हर्ष, सुमित आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।



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