जनपद में 80 प्रतिशत मरीजों ने होम आइसोलेशन में रहकर कोरोना को दी मात

  • घर पर रहकर तेजी से ठीक हो रहे कोरोना मरीज 
  • अस्पतालों में भर्ती होने पर ‘बीमार होने’ का पड़ता है मनोवैज्ञानिक दबाव

अरविंद श्रीवास्तव 

बांदा। जनपद में होम आइसोलेशन में रहकर कोरोना से जंग लड़ रहे मरीज बड़ी तेजी से ठीक हो रहे हैं। 7511 मरीज होम आइसोलेशन में रहकर इलाज कराया, जिनमें  से 6311 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ  हो चुके हैं। वर्तमान में करीब 1200 मरीज होम आइसोलेशन में रहकर इलाज करा रहे हैं। 

वहीं 1786 को तबियत बिगड़ने पर  कोविड अस्पतालों में भर्ती कराया जा चुका है। जनपद में कोरोना संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है, उससे भी अधिक तेजी से लोग कोरोना को मात देकर स्वस्थ भी हो रहे है। जिन लोगों में कम लक्षण हैं, उन्होंने अस्पताल के बजाय होम आइसोलेशन को चुना और उनका फैसला सही साबित भी हुआ। 

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बृहस्पतिवार तक जनपद में 9417 मरीज मिल चुके हैं। इनमें 7779 मरीज पूरी तरह स्वस्थ्य हो गए हैं। कोविड अस्पतालों में भर्ती होकर 1468 ठीक हुए हैं, जबकि घर पर इलाज ले रहे 6311 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। इस तरह करीब 80 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में कोरोना को मात दे चुके हैं। इन मरीजों को घर पर ही मेडिसिन किट मुहैया कराई गई है। 

बृहस्पतिवार को 318 मरीज अस्पताल और 1200 मरीज घर पर उपचाराधीन रहे, जबकि 1518 मरीज एक्टिव हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एनडी शर्मा बताते हैं कि अस्पतालों में भर्ती होने पर लोगों पर ‘बीमार होने’ का एक मनोवैज्ञानिक दबाव पड़ता है। कई बीमार लोगों में यह ज्यादा नकारात्मक भाव पैदा करता है जो उनके स्वस्थ होने में समस्याएं पैदा करता है। कई बार स्वस्थ हो जाने पर भी वह मानसिक स्तर पर बीमार बने रहते हैं। 

जबकि घर में आइसोलेशन में रहने पर उन्हें इस तनाव से मुक्ति मिल जाती है। घर में परिवार के लोगों की संवेदनाएं उन्हें बेहतर और आरामदेह स्थिति में होने का आभास कराती हैं जो उनके स्वास्थ्य के लिए ज्यादा बेहतर अनुभव कराता है। 

इन बातों को भी रखें ख्याल 

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एनडी शर्मा ने बताया कि होम आइसोलेशन के दौरान दवा के साथ निम्न बातों का भी विशेष ख्याल रखें। सोशल मीडिया पर चलने वाली हर निगेटिव सूचनाओं से दूर रहे। किताबें पढ़ें, गाने और भजन सुने। खुद को व्यस्त रखें। पसंद के काम किए। रोजाना नियमित व्यायाम और योग करें। बिल्कुल घबराएं नहीं, बल्कि धैर्य रखें। डॉक्टर के संपर्क में रहें और कोरोना प्रोटोकाल का लगातार पालन करें।


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