चिलकहर प्रमुख के चुनाव में आदित्य गर्ग के पक्ष में सहानुभुति लहर


  • कारण पिछले साल इनके परिवार के तीन लोगों की असामयिक मृत्यु

जयराम अनुरागी

बलिया। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना के बढते संक्रमण के चलते ब्लाक प्रमुख के चुनाव को फिलहाल टाल दिया है। पहले ये चुनाव 15 से 20 मई के बीच होने वाला था , लेकिन अब ये चुनाव 15 जून के बाद होने की उम्मीद है। इसके बावजूद भी प्रमुख का चुनाव लडने वालो ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी है और बीडीसी सदस्यो को अपने पक्ष मे करने के लिए दिन-रात एक कर दिया है।

देखा जाये तो चिलकहर ब्लाक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां इस पद के लिए सबसे सशक्त प्रत्याशी पूर्व मंत्री स्व० घूरा राम के छोटे पुत्र आदित्य गर्ग उर्फ सूर्यकान्त है, जो  दो सीटो से चुनाव जीत चुके है। गुरवा से जहां निर्विरोध चुनाव जीते है। वही पचहुआं से चुनाव लडकर जीते है। किस सीट पर बने रहेंगे और किस सीट को छोडेगे, अभी तो ये तय नही कर पाये है। 

एक बात जरूर है कि एक तरह से उनका पूरा परिवार, रिश्तेदार व मित्र पूरी ताकत से जनसम्पर्क मे लग गये है। खास बात जो देखने को मिल रही है कि गांवों मे जाने के बाद केवल बीडीसी सदस्य ही नही, बल्कि अन्य प्रभावशाली लोग भी इनके पक्ष मे लामबंद होते दिख रहे है। इससे यही लगता है कि चिलकहर मे इनके विरूद्व लडने वाला कोई सशक्त प्रत्याशी नही दिख रहा है। 

हालांकि एक-दो नाम कभी-कभी चर्चा मे आ जा रहे है, लेकिन उनमे कोई खास दम नहीं दिख रहा है। इसके पीछे जो खास कारण दिख रहा है, वह यह है कि इस परिवार के मुखिया रहे पूर्व मंत्री घूरा राम, उनके छोटे भाई सुभाषचंद्र और सुभाषचंद्र के नौजवान पुत्र की पिछले साल कोरोना काल मे असामयिक  मृत्यु हो गयी थी। देखा जाये तो यह परिवार एक तरह से उजड़ सा गया है।

यही कारण है कि इस ब्लाक के लोग इस बार जाति, धर्म और दल से ऊपर उठकर घूरा राम के पुत्र आदित्य गर्ग उर्फ सूर्यकान्त  को जीताने का संकल्प सा ले चुके हैं। इन लोगों का कहना है कि इस परिवार के पिछले साल की सभी दिवंगत आत्माओ के प्रति सच्ची श्रंद्धाजलि यही होगी कि घूरा राम के पुत्र को निर्विरोध ब्लाक प्रमुख बना दिया जाये या बम्पर मतो से जिताकर एक मिशाल पेश किया जाये, क्योंकि ये समय राजनीति करने का नही है।

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