साधु-संतों के आश्रमों में रघुबीर मन्दिर आश्रम ने दिया मासिक राशन


  • लॉकडाउन में अन्न सेवा के बाद ट्रस्ट ने चित्रकूट के साधुओं को जाकर दिया एक महीने का राशन  

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

चित्रकूट। चित्रकूट में परम पूज्य संत श्री रणछोड़दास जी महाराज के पावन कर-कमलों द्वारा जानकीकुंड में स्थापित श्री रघुबीर मन्दिर ट्रस्ट (बड़ी गुफा) द्वारा लॉकडाउन के समय में गत वर्ष की भाँती इस वर्ष भी साधु-संतों एवं अभ्यागतों की सेवार्थ भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मंदिर परिसर में प्रतिदिन 200 भिजन पैकेट वितरित किये जा रहे हैं। इसी क्रम में चित्रकूट के विभिन्न मंदिरों एवं आश्रमों में रहकर जो साधु-संत ताप-साधना इत्यादि कर रहे हैं, लॉकडाउन में उनकी साधना अबाध रूप से निर्विघ्न चलती रहे इसके लिए उनके सुदूर आश्रमों में जा-जा कर रघुबीर मंदिर की ओर से ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं द्वारा सभी संतों के लिए एक माह का राशन वितरित किया जा रहा है।


उल्लेखनीय है कि चित्रकूट में विगत एक माह से भी अधिक समय से लागू लॉकडाउन की वजह से अनेकों संतों को आवागमन के साधन बंद होने से तथा उनके आश्रमों में अमावस्या आदि के अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं की कमी के कारण आश्रमों में संचालित होने वाले सेवाएं विशेषकर साधु-पंगत आदि पर विपिरीत प्रभाव पड़ा है। साथ ही चित्रकूट के अनुसुइया, टाठीघाट, हनुमानधारा, कोटतीर्थ देवांगना, कामदगिरी परिक्रमा एवं जानकीकुंड आदि के क्षेत्र में अनेकों ऐसे आश्रम हैं, जिनमें अनेकों सिद्ध तपस्वी सन्त निस्वार्थभाव से अपनी साधना में लीन रहते हैं।


उनकी सेवार्थ ट्रस्ट प्रबन्धन ने यह निर्णय लिया है कि, ऐसे आश्रमों में जाकर पूज्य सन्तों की सुश्रुषा हेतु, उन्हें एक-महीने का राशन जिसमें उनके लिए उपयोगी वस्तुएं, पूजन सामग्री, फलाहार एवं कच्चा अनाज, तेल,घी इत्यादि के साथ संक्रमण से बचाव हेतु मास्क उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इस माह लगभग 350 जितने संतों तक यह राशन पहुँचाया जा रहा है। 

वक्तव्य डॉ.बी.के.जैन (अध्यक्ष, श्री रघुबीर मन्दिर ट्रस्ट)

श्री रघुबीर मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ.बी.के.जैन ने बतलाया कि, चित्रकूट के संतों महंतों का सान्निध्य एवं आशीर्वाद हम सभी को सदैव प्राप्त होता है तथा इस कठिन समय में हम सभी का दायित्व है कि, उनकी सेवा में हमारी तरफ से जो भो यथाशक्ति बन सके वह हम करें। हमारे संस्थापक परम पूज्य गुरुदेव का स्पष्ट कथन था कि, “अन्नदान तलवार है, राम नाम की ढाल, भवरिपु मारन को ‘बना’,यही पुरानी चाल”। 


गुरुदेव ने सदैव साधु-संतों की सेवा का बहुत महत्त्व बतलाया है एवं वह स्वयं भी अपने समय में (बड़ीगुफा) में अभ्यागत साधु-सन्तों के लिए नियमित भण्डारा करते थे। उस पावन परम्परा को ट्रस्ट के भूतपूर्व अध्यक्ष स्व. श्री अरविन्द भाई मफतलाल एवं ट्रस्टी स्व.श्री रामभाई गोकाणी ने अनवरत चालू रखा, एवं उनके पश्चात भी आज तक रघुबीर मंदिर में यह साधु सेवा अनवरत संचालित होती आ रही है।

श्री रघुबीर मन्दिर में धार्मिक अनुष्ठानों, पूजन, पाठ, संकृत शिक्षण आदि के साथ सन्त सेवा भी हमारा एक प्रमुख उद्देश्य है। वर्तमान में ट्रस्ट के द्वारा अभ्यागतों की सेवा में दो सौ भोजन के पैकेट मन्दिर प्रांगण से प्रतिदिन वितरित किये जा रहे हैं। सौ से अधिक संत साधू पंगत में भोजन पा रहे हैं।

साथ ही, इस क्रम में हमने पिछले साल भी लॉकडाउन में संतों के आश्रमों तक राशन पहुँचाया था एवं इस वर्ष भी जब तक यह लॉकडाउन रहेगा रघुबीर मन्दिर द्वारा यह सेवा निरन्तर चलती रहेगी, ताकि पूज्य संतों को तेजी से फ़ैल रहे इस कोरोना संक्रमण के समय में अपने सुरक्षा घेरे से बाहर ना आना पड़े तथा उनका आरोग्य-स्वस्थ्य बना रहे।  

श्री रघुबीर मंदिर द्वारा राशन पहुंचाएं जाने पर संतों ने अत्यधिक प्रसन्नता प्रकट की एवं इस नेक कार्य के लिए ट्रस्ट के प्रबंधन की भूरी-भूरी प्रशंसा की साथ ही आशीर्वाद भी प्रदान किया।

जब भी हम संतों पर कोई समस्या होती है तब रघुबीर मंदिर बड़ी गुफा के प्रबंधन ने एक सेवाभावी संस्थान के रूप में आगे आकर सदैव आगे आकर हमारी सहायता की है। पिछले साल भी ऐसी सामग्री हमें उपलब्ध कराई थी और इस वर्ष भी बिना आग्रह के यह सेवा हम तक पहुंचाई, इसके लिए हमारे हृदय से आशीर्वाद हैं।

- श्री जगपाल दास जी महाराज, पुजारी हनुमान जी मन्दिर, अनुसुईया

बस्ती से दूर घनघोर जंगलों में हमें आकर कोरोनाकाल में यह राशन सामग्री दे रहे हैं, यह भगवद्कार्य के लिए रणछोड़दास जी महाराज की दैवीय प्रेरणा से संस्था के लोग यह कार्य कर रहे हैं। मैं आशीर्वाद देता हूँ इसी प्रकार संतों की सेवा में लगे रहें। 

- श्री गजाननदास जी महाराज, टाठीघाट, चित्रकूट

गरीब, दीन, दु:खी और साधु संतों की सेवा का कार्य ट्रस्ट बहुत सुन्दर तरीके से कर रहा है। आज हमारे यहाँ भोजन सामग्री की व्यवस्था कर दी गयी। हमारे बहुत -बहुत आशीष हैं, सेवा कार्य के लिए साधुवाद।


- श्री पक्का बाबा जी महाराज, नर्मदा आश्रम, अनुसुईया

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ