सदगुरु गौ सेवा केन्द्र के नवीनीकृत प्रकल्प को पूज्य मोरारी बापू ने किया लोकार्पित


  • नवीनीकरण के साथ अब 1500 गौ-वंश का हो सकेगा संरक्षण

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

चित्रकूट। परमहँस संत श्री रणछोड़दास जी महाराज के कर कमलों द्वारा चित्रकूट के जानकीकुंड में स्थापित नेत्रयज्ञ एवं सेवाकार्यो के लिए ख्यातिलब्ध संस्थान श्री सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट में संचालित अनेकों समाजसेवा के प्रकल्पों में एक प्रकल्प गौ-सेवा का भी संचालित है, जिसमें चित्रकूट अंचल एवं आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में से वृद्ध, बीमार, निराश्रित देशी गौ-वंश के संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य संचालित होता है। इस केन्द्र की स्थापना आज से लगभग 24 वर्ष पूर्व 1997 में ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं उद्योगपति स्व.सेठ श्री अरविंद भाई मफतलाल की पावन प्रेरणा एवं प्रयास से हुआ था।


सेठ अरविंद भाई चित्रकूट के ग्रामीण अंचलों में जाकर वहां व्याप्त अशिक्षा,गरीबी एवं व्यसन के कुचक्र से लोगों को मुक्त करने के विविध कार्यक्रम संचालित करते थे, तभी उनकी दृष्टि वहां के गौ-वंश की अवस्था पर पड़ी। बीमार और वृद्धावस्था के कारण तथा जनउपेक्षा की वजह से गौवंश स्थिति बहुत दयनीय थी, अतएव उन्होंने ने यह निर्णय लिया कि, जिस गौ-माता को जगत माता का दर्जा प्राप्त है, उस गौ माता की सेवार्थ भी एक प्रकल्प ट्रस्ट में निरन्तर संचालित होना चाहिए।तब से अध्यक्षा श्रीमती उषा बी.जैन के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में गौ-सेवा केन्द्र संचालित है, जिसमें गौ माता की सेवा– सुश्रुषा के साथ उनके हराचारा, भूसा, पौष्टिक आहार,पानी, चिकित्सा आदि का समुचित प्रबन्ध किया गया है।


गौ सेवा केन्द्र के सञ्चालन में गौ वंश की क्रमश: वृद्धि होती गयी एवं सीमित क्षमता होने के कारण और अधिक संख्या में गौ वंश के संरक्षण के लिए क्षमता का विस्तारीकरण आवश्यक हो गया। गौ-सेवा केन्द्र को गुजरात के सुप्रसिद्द गौशालाओं (पांजरापोल) की तर्ज पर विकसित कर आधुनिक एवं नवीनीकृत किया गया, जिससे वर्तमान में 900 गायों की क्षमता वाले इस गौ सेवा केंद्र में अब 1500 गायों की सेवा संभव हो सकेगी। रामकथा के प्रसिद्द वक्ता पूज्य मोरारी बापू ने अपने चित्रकूट प्रवास के समय इस गौसेवा केन्द्र में पदार्पण किया एवं यहाँ हो रही गौ माता की सेवा-सुश्रुषा देखकर हृदयपूर्वक प्रसन्नता व्यक्त की एवं इस प्रकल्प से जुड़े ट्रस्ट के सभी कार्यकर्ताओं एवं गौ-सेवकों को अपना साधुवाद सह आशीर्वाद भी प्रदान किया।
 
पूज्य मोरारी बापू ने अपने कर-कमलों से गौ-सेवा केन्द्र के नवनिर्मित शेड एवं द्वार का लोकार्पण पट्टिका के अनावरण एवं गौ-पूजन के साथ किया। सदगुरु गौ सेवा केन्द्र के इस नवीनीकरण में प्रमुख सहयोग गौ-प्रेमी परिवार श्रीमती कंचनबेन छबीलभाई जोबनपुत्रा की स्मृति में श्री ललितभाई-रीटाबेन जोबनपुत्रा परिवार मुम्बई, श्री अरविन्दभाई-सुशीलाबेन एवं पद्मनाभ अ. मफतलाल की स्मृति में श्री विशदभाई मफतलाल परिवार मुम्बई तथा श्री के.मोतीराम की सदप्रेरणा श्री प्रवीणभाई-चिरायुशभाई वकील परिवार मुम्बई का विशेष रूप से सहयोग रहा, साथ ही अनेकों गुरुभाई-बहनों ने गौ सेवा के कार्य में पूरे मनोयोग से सहयोग प्रदान किया।
 
इस पावन अवसर पर पूज्य मोरारी बापू के साथ ट्रस्टी डॉ.बी.के. जैन,डॉ. विष्णुभाई जोबनपुत्रा, डॉ.इलेश जैन, श्रीमती उषा बी.जैन, श्रीमती भारती जोबनपुत्रा, सुश्री दमयंती बेन सेजपाल आदि गौ प्रेमी सीमित संख्या में उपस्थित रहे।


वक्तव्य उषा बी.जैन, अध्यक्षा- सदगुरु गौ सेवा केन्द्र
 
गौ सेवा हमारी संस्कृति का सदा से ही अभिन्न अंग रहा है, वर्तमान में लोगों की उपेक्षा के कारण गौ-माता की दशा दयनीय हो रही है। गौ मात्र पशु नहीं समाज की परिजन है, दूध ना देने की स्थिति के कारण अथवा वृद्धावस्था में गौ का परित्याग करने की कुप्रथा बंद होनी चाहिए। हमारा पूरा प्रयास है कि, अधिक से अधिक गौ-माता की सेवा,संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य इस नवीन गौशाला के माध्यम से हो।आधुनिकता की इस दौड़ में हमें गौ सेवा जैसी हमारी पुरातन परम्परा को नहीं भूलना चाहिए।

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