- हजारों ग्रामीणों तक पहुंची चलित कोविड वैन
अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ
चित्रकूट। वर्तमान में पूरे देश की भांति ही चित्रकूट के क्षेत्र में भी कोरोना केस की संख्या में निरंतर कमी आ रही है, लेकिन यह परिस्थिति लगभग एक माह पूर्व नहीं थी जब चित्रकूट म.प्र. एवं उ.प्र. निकटवर्ती जिलों में प्रतिदिन तीन सौ से चार सौ केस निकल रहे थे तब स्थिति बड़ी भयावह थी। ऐसे में जब शासन प्रशासन द्वारा राज्य स्तर पर लॉकडाउन लगाया गया तब, चित्रकूट के आसपास के ग्रामीण आदिवासी अंचलों में बढ़ रहे संक्रमण की रोकथाम हेतु श्री सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट,जानकीकुंड द्वारा इसकी रोकथाम हेतु एक नूतन प्रकल्प आरम्भ किया गया जिसका नाम है-
“सदगुरु कोविड अरोग्यम्”
इस कार्यक्रम के अंतर्गत सर्वप्रथम ग्रामीण इलाकों में फ़ैल रहे संक्रमण की जाँच एवं स्क्रीनिंग हेतु दो विशेष कोविड वें तैयार की गयी जिनमें 6-8 प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ की टीम प्रतिदिन क्षेत्र के विभिन्न गाँवों में जाकर कोरोना के प्राथमिक लक्षण वाले ग्रामीणों की स्क्रीनिंग एवं निःशुल्क एंटीजेन कोरोना जाँच करना आरम्भ किय। हल्के लक्षण के साथ जाँच में पोजीटीव पाए जाने वाले ग्रामीणों को उनके ही घरों में आइसोलेट कर बाकि ग्रामीणों और परिजनों में संक्रमण फैलने से बचाया गया साथ ही आइसोलेट किये गए कोरोना मरीजों को निःशुल्क दवाई की किट उपलब्ध करायी गयी, साथ ही उनकी मोनिटरिंग भी समय-समय पर अस्पताल की टीम फोन द्वारा करती रही। परिणाम यह हुआ कि बिना जाँच के कोरोना मरीज अनजाने में संक्रमण फैला सकते थे जिसकी त्वरित रोकथाम हुई और कोरोना की चेन ग्रामीण इलाकों में टूट गयी जिससे गाँव के अन्य ग्रामवासी संक्रमित होने से बच गए।
इसी के साथ कोविड आरोग्यम् कार्यक्रम के अंतर्गत कोविड आइसोलेशन सेन्टर भी जानकीकुंड चिकित्सालय में आरम्भ किया गया जिसमें आक्सीजन की सप्लाई उपलब्ध कराने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ कंसंट्रेटर मशीनों की भी पर्याप्त व्यवस्था सुचारू रूप से की गयी। साथ ही इस केंद्र में कुशल चिकित्सकों की देखरेख में मरीजों के लिए दवाई, जाँच के साथ संतुलित आहार एवं साफ-सफाई की उत्तम व्यवस्था है। इस कोविड आरोग्यम् कार्यक्रम में प्रोजेक्ट O2 सिंगापुर, मिशन फॉर विजन, सोना शाह हार्ट फाउन्डेशन अमेरिका जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थान का पूर्ण सहयोग मिला। इस सेंटर में वर्तमान तक 2600 से अधिक कोविड टेस्ट किये गए एवं 400 से अधिक रोगियों को उपचार कर निगेटिव किया गया।
वक्तव्य डॉ. इलेश जैन (ट्रस्टी एवं प्रशासक) सदगुरु नेत्र चिकित्सालय
हमारा यह पूर्ण प्रयास था कि अचानक आई इस दूसरी लहर में चित्रकूट अंचल का कोई भी आदिवासी-ग्रामीण, साधु-संत तथा रहवासी चिकित्सा के अभाव में असमर्थ ना हो। जानकीकुंड चिकित्सालय में जाँच के साथ पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन, दवाएं आदि की समुचित व्यवस्था की गयी एवं अनेकों लोगों को इस उपचार का लाभ भी मिला। शासन-प्रशासन, आंगनवाडी-आशा कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्रीय जनमानस के सहयोग से गाँव-गाँव जाकर कोरोना जाँच और जागरूकता अभियान से कोविड चेन तोड़ने में हम काफी हद तक सफल हुए।
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