- छात्र-छात्राओं का पुस्तकों से ज्ञान अर्जित करना आवश्यक : कुलसचिव
बांदा। बुधवार को बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा में राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल की अनोखी पहल के अन्तर्गत ‘‘पढ़े बाँदा -बढ़े बाँदा’’ कार्यक्रम का आयोजन कुलसचिव कार्यालय एवं विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा उद्यान महाविद्यालय के बहुउद्देशीय हॉल में किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से 50 ग्रामीण छात्र-छात्राओं को पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा0 एस0के0 सिंह ने प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुऐ कहा कि छात्र-छात्राओं को पुस्तक के माध्यम से ज्ञान अर्जित करना आवश्यक है। कुलसचिव ने बच्चों को स्वाध्याय का महत्व बताते हुये कहा कि पुस्तकें ही हमारी सच्ची साथी होती है जो जीवन भर हमारा मार्गदर्शन करती है जिससे हम अपने उज्जवल भविष्य की नींव रख सकते हैं।
उद्यान महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा0 एस0वी0 द्विवेदी ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुये कहा कि शिक्षा विकसित समाज का मूल आधार है, बच्चों में शिक्षा के प्रति अभिरूचि उत्पन्न करते हुए उन्होनें बच्चों को पुस्तकें पढ़ने के लिये प्रेरित किया। माननीय राज्यपाल की इस अनूठी पहल पर प्रकाश डालते हुए कुषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा0 जी0एस0 पंवार ने कहा कि आज की पीढ़ी के बच्चे ही भविष्य में देश और समाज की दिशा एवं दशा का निर्धारण करेंगे इस लिए हमारा कर्तव्य है कि हम इनको पुनः किताबों की ओर वापस लायें। जिससे इंटरनेट के कुप्रभाव से नयी पीढ़ी बची रह सकें।
बाँदा जिला विद्यालय निरिक्षक श्री विनोद कुमार सिंह ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को पुस्तक अध्ययन के महत्व को बताते हुए कहा कि माननीय राज्यपाल महोदया, उत्तर प्रदेश की प्रेरणा से ‘‘पढ़े बाँदा-बढ़े बाँदा’’ कार्यक्रम का सफलता पूर्वक आयोजन किया गया है, जिससे आज के इंटरनेट के युग में भी बच्चे पुस्तकों के महत्व को भूल न जायें। राष्ट्रीय सेवा योजना, बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा द्वारा अंगीकृत ग्रामों से छात्र-छात्राओं ने इस कार्यक्रम में प्रतिभागिता की।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में वानिकी महाविद्यालय के सह-अधिष्ठाता, डा0 संजीव कुमार, समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना एवं प्रध्यापक डा0 आनन्द चौबे, गृहविज्ञान महाविद्यालय की इंचार्ज सह-अधिष्ठाता, डा0 सौरभ, एन0एस0एस0 के कार्याक्रम अधिकारी, सहायक प्राध्यापक, डा0 ओम प्रकाश, डा0 मुकेश कुमार मिश्रा एवं डा0 चंद्रकांत तिवारी, डा0 दीक्षा गौतम एवं अन्य का विशेष सहयोग रहा।
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