- आठ माह बाद खाते में वापस आये 4.60 लाख रूपये
- राजस्थान की कम्पनी के सिक्योरिटी मनी जब्त कर कराई भरपाई
बांदा। महिला से आनलाइन धोखाधड़ी करके खाते से निकाले गये 4.60 लाख रूपये की रकम को आईजी के प्रयासों से सफलता पूर्वक पीड़ित महिला के खाते में वापस आ गई है। पुलिस महानिरीक्षक के. सत्यनारायाणा ने बताया कि मुकदमा अपराध संख्या 320/20 धारा 419, 420 भादवि. व 66सी आईटी एक्ट का मुकदमा जोकि थाना कबरई में पंजीकृत किया गया था। इस मुकदमें में विवेचना आईजी के निर्देशन में क्राइम ब्रांच कबरई साइबर थाना रेंज चित्रकूट धाम के द्वारा की जा रही थी।
जिसमें आईजी द्वारा जनपद बांदा के आईजीआरएस शाखा के हेड कांस्टेबल महितोश मिश्र को भी अपराध के खुलासे तथा आनलाइन फ्राड की रकम लगभग 4,60,000 को पीड़िता को वापस कराने और अपराधियों को चिन्हित करने के अभियान पर लगाया गया था। उसमें टीम ने बड़ी सफलता प्राप्त करते हुए वादिया राजकुमारी के ससुर नत्थू पुत्र प्रेमा के खाते में उसकी फ्राड में गई रकम लगभग 4,60,000 अपने प्रयासों से घटना के 8 महीने बाद वापस कराई गई है।
मामले की जानकारी देते हुए पीड़ित महिला ने बताया कि उसके द्वारा जन सुविधा केंद्र कबरई जनपद महोबा से आधार कार्ड, अंगूठा लगाकर 29 सितम्बर को 10000 रूपये निकाला था। उसके बाद वादिया के खाते से लगातार 45 दिनों तक 10-10 हजार करके पैसा ट्रांसफर होता रहा जिसकी सम्बंध में वादिया द्वारा 25 मई 2021 को पुलिस महानिरीक्षक आईजी के सामने प्रस्तुत होकर कार्यवाही हेतु प्रार्थना पत्र दिया गया था।
उक्त प्रकरण की विवेचना थाना कबरई जनपद महोबा द्वारा की जा रही थी। आईजी ने तत्काल प्रभाव से विवेचना ट्रांसफर करके क्राइम ब्रांच महोबा निरीक्षक राजकुमार को विवेचना करने के लिए आदेशित किया गया एवं सहयोगी के रुप में रेंज के साइबर थाने के प्रभारी फहीम अख्तर जनपद बांदा के आइजीआरएस, साइबर सेल में नियुक्त हेड कांस्टेबल महितोष मिश्र को प्रकरण के खुलासे के लिए नियुक्त किया गया।
इन लोगों ने अपने निरंतर प्रयासों से राजस्थान की कंपनी फिनके, मेन केयर जनार्दन कंपनी के इंचार्ज दीपक अग्रवाल एक्सल वन स्टाप साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, साफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क आफ़ इंडिया, साइबर पार्क जोधपुर राजस्थान तथा न्यू महादेव इंटरप्राइज बाड़मेर राजस्थान के अकाउंट में रिटेलर/सब रिटेलर ने उपरोक्त धनराशि को 35 पेटीएम अकाउंटो में 4,52,900 रू0 अलग-अलग पेटीएम अकाउंट में पैसा भेजा गया।
दीपक अग्रवाल ने आईसीआईसी बैंक से साफ्टवेयर टूल्स का रजिस्ट्रेशन कराया था। जिसकी सिक्योरिटी मनी 2600000 रुपए जमा किया गया था, जिसको साइबर टीम द्वारा जप्त करा लिया गया था, उसी क्रम में वादिया का 460000 वापस कराया गया जो रेंज स्तर से सबसे बड़ी बरामदगी है। अपराधियों की गिरफ्तारी अति शीघ्र की जाएगी। आईजी द्वारा उक्त प्रकरण का खुलासा करने वाली पूरी टीम को बधाई दी गई एवं टीम को प्रशस्ति पत्र और इनाम देने की घोषणा की गई है।
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