Child health nutrition month started : बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाएगा विटामिन ‘ए’

  • हर बच्चे के लिए अलग डिस्पोजेबल चम्मच का हो रहा प्रयोग
  • जनपद में 2.31 लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य
  • पहले दिन 1200 बच्चों को मिली खुराक 

बांदा। बच्चों को कुपोषण से दूर रखने के लिए विटामिन ए जरूरी है। 9 महीने से 5 साल तक के बच्चों को हर छह माह के अंतराल पर विटामिन-ए की खुराक दी जाती है। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह बातें जिला अस्पताल के पीपीसी सेंटर में बाल स्वास्थ्य पोषण की शुरूआत करते हुए स्वास्थ्य संयुक्त निदेशक डा. एनएस तोमर ने कहीं। संयुक्त निदेशक ने कहा कि कोरोना के समय में शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए भीड़ नहीं होने दी जाएगी। पोषण माह में बच्चों को विटामिन ए की खुराक नियमित टीकाकरण के दौरान बुधवार और शनिवार को पिलाई जाना है। कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना के तहत यह विटामिन ए बच्चों को दिया जाना बहुत जरूरी है। बताया कि विटामिन ए देने के लिए हर बच्चे के लिए अलग डिस्पोजेबल चम्मच का प्रयोग होगा। 

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. वीके तिवारी ने कहा कि पोषण माह का उद्देश्य बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने, रतौंधी से बचाव, छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण, आयोडीन नमक का उपयोग बढ़ाने और बच्चों में मानसिक दिव्यांगता को रोकना है। वीएचएनडी (ग्रामीण स्वास्थ्य पोषण दिवस) और यूएचएनडी (शहरी स्वास्थ्य पोषण दिवस) पर एएनएम दवा पिलाई जा रही है। पोषण माह में 231894 बच्चों को दवा पिलाई जाना है। 

पहले दिन लगभग 1200 बच्चों को विटामिन की दवा पिलाई गई। इससे नौ माह से पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है। इससे पांच वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु दर में कमी आएगी। इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एमसी पाल, डब्ल्यूएचओ एसएमओ डा. मीनाक्षी, यूनिसेफ जिला समन्वयक राहुल सिंह, आरआई राधा शर्मा सहित स्टाफ उपस्थित रहा।


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