तीसरी लहर में बच्चों को इलाज में नहीं होगी दिक्कत - संयुक्त निदेशक


  • पिड्रियाट्रिक कोविड केयर का प्रशिक्षण शुरू
  • 30-30 के बैच बनाकर दो दिवसीय दिया जाना है प्रशिक्षण 
बांदा। तीसरी लहर का बच्चों पर सर्वाधिक असर पड़ने की आशंका है, बच्चों के इलाज में किसी तरह की दिक्कत न आए, इसके लिए शासन ने पहले ही सभी जिलों के स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है। बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बाल रोग विशेषज्ञ समेत अन्य स्टाफ को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। जिला महिला अस्पताल के हौसला प्रशिक्षण हाल में 30-30 के बैच बनाकर कोविड-19 प्रबंधन में बाल चिकित्सा देखभाल का प्रशिक्षण शुरू किया गया है।
 
चित्रकूटधाम मंडल के संयुक्त निदेशक डा. एनएस तोमर ने बताया कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के दृष्टिगत जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पीकू ( पिडियाट्रिक आईसीयू) वार्ड तैयार किए गए हैं। इसके अलावा जिला अस्पताल में भी पिडियाट्रिक वार्ड बनकर तैयार हो गया है। इन सभी वार्डा में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर इत्यादि लगाए गए हैं। सभी जरूरी सामान भी पहुंचाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अब प्रशिक्षण देकर आखिरी तैयारी हो रही है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एनडी शर्मा ने कहा कि 30-30 के बैच में दो दिवसीय 7 व 8 जुलाई, 9 व 10 तथा 12 व 13 जुलाई तक होगा। एसीएमओ डा. मनोज कौशिक को प्रशिक्षण के पर्यवेक्षण का जिम्मा सौंपा गया है। सीएमओ ने गंभीरता के साथ प्रशिक्षण लेने की नसीहत दी।
 
लखनऊ से आए प्रशिक्षक डा. वीके श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। जिस प्रकार से कोरोना संक्रमण अपना स्वरूप बदल रहा है वह बच्चों के लिए बहुत घातक साबित हो सकता है। बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए अभी से तैयारी कर ली गई हैं। उन्होंने बच्चे संक्रमित होने पर उसे पिड्रियाट्रिक वार्ड में भर्ती करने और उपचार के टिप्स दिए। प्रशिक्षक डा. सौरभ ने बच्चे की स्थिति गंभीर होने पर आईसीयू व वेंटीलेटर में इलाज की विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षक नर्स मेंटर सुनीता ने भी टिप्स दिए। प्रशिक्षण में सीएमएस डा.यूबी सिंह, महिला सीएमएस डा. चारू गौतम सहित बाल्य रोग चिकित्सक, स्टाफ नर्स, कम्युनिटी हेल्थ आफीसर उपस्थित रहे।



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