- चुनाव कवरेज पर पत्रकार को CDO ने सारेआम मारपीट कर अपमानित किया
- डीएम को फोन किया तो जबाब मिला साहब 15 मिनट बाद करेगे आखिर CUG नं कौन लिये था : जनरल सेकेट्री (ईरा)
अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ
उन्नाव, उत्तर प्रदेश। देश में चार स्तंभ हैं जिसमें चौथा स्तंभ मीडिया का है अगर देश में मीडिया नहीं रहेगी तो देश की जनता को देश संबंधी योजनाओं और देश में क्या हो रहा है इसकी जानकारी नहीं मिल पाएगी मीडिया के द्वारा आप अपनी जन समस्याओं को प्रशासन के सामने रखते हैं और आशा करते हैं कि हमारी समस्या समय रहते मीडिया के द्वारा हल हो जाएगी लेकिन कहीं कहीं पर मन बढ़े प्रशासन के लोग हैं वह लोग देश के चौथे स्तंभ मीडिया को दरकिनार करने की कोशिश कर कर रहे हैं और जारी भी है ; लेकिन देश के चौथे स्तंभ मीडिया को गिराना इन मन बढ़े प्रशासन के पद पर जो बैठे हैं लोग उनके लिए असंभव है।
अगर हमारे देश का पत्रकार किसी भी समस्या को लेकर जब अपने एरिया में न्यूज़ कवरेज करने के लिए जाता है तो उसका यह कर्तव्य बनता है कि जो प्रताड़ित है उसको न्याय दिलाया जाए और जो अन्याय कर रहा है उसके विरुद्ध कार्यवाही कराई जाए, इसी के तहत पत्रकार बंधु फील्ड में कवरेज करने के लिए जाते हैं और कड़वी सच्चाई को अपने समाचार पत्र में उजागर करते हैं। लेकिन प्रशासन के पद पर बैठे हुए कुछ लोगों को यह हजम नहीं हो पा रहा है क्योंकि यह लोग स्वयं गलत कार्यों में संलिप्त हैं और उनको हमेशा डर रहता है कि कहीं हमारी कमी किसी भी समाचार पत्र में उजागर ना हो जाए ; इसलिए यह लोग पत्रकार बंधुओं को कवरेज करने के दौरान परेशान करने की कोशिश करते हैं।
पुलिस अधीक्षक, उन्नाव |
इसी के तहत उन्नाव जिले में जब मीडिया कर्मी कैमरामैन के साथ न्यूज़ कवरेज करने के लिए गया था ब्लॉक प्रमुख पद के चुनाव के दौरान तो उन्नाव जिले के सीडीओ ने खुद हाथ में बेत लेकर पत्रकार को मारने के लिए दौड़ पड़ते हैं और जब यह पहल करते हैं तो उनके साथ रह रहे जो सुरक्षाकर्मी और पुलिसकर्मी हैं वह भी पत्रकारों के पीछे डंडा लेकर दौड़ पड़ते हैं |अब यह बताइए कि आखिर कौन सा अपराध पत्रकार कर रहा है वह तो केवल न्यूज़ कवरेज कर रहा है और अगर आपसे कुछ पूछ भी लिया है तो उसमें आपको बहस करने की आवश्यकता नहीं है।
लेकिन कमी जब लोगों में होती है तो वह मीडिया से मुखातिब होने में डरते हैं इसी कमी को दूर करने के लिए यह लोग अपने हथकंडे का इस्तेमाल करते हैं तथा अन्याय और अत्याचार पूर्ण कार्य करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं कि मौका मिल जाए और अपना हाथ साफ कर लिया जाए लेकिन यह नहीं जानते हैं कि जब देश के पत्रकार बंधु जब अपने पर उतर आएंगे तो शायद प्रशासन भीगी बिल्ली बन जाएगा क्योंकि इनके भागने का जो रास्ता है वह बंद हो जाएगा इसलिए माननीय मुख्यमंत्री योगी जी के द्वारा कहा गया है कि अगर किसी भी पत्रकार को शासन या प्रशासन के किसी भी अधिकारी के द्वारा प्रताड़ित किया जाता है तो उसके ऊपर 24 घंटे के अंदर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाए जब हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री इतने कठोर हैं तो फिर हम किस लिए डरें।
उन्नाव प्रकरण का मामला इरा एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ने लिया संज्ञान में
राशिद अली, प्रदेश अध्यक्ष, इंडियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन |
इंडियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राशिद अली उन्नाव में शरेआम पत्रकार को सीडीओ द्वारा पिटे जाने के प्रकरण को गंभीरता से लिया है इस संबंध में उन्नाव के जिलाधिकारी से वार्ता करने का प्रयास किया तो पी आर ओ से फोन उठवा खुद बात करने से कतराए तो ईरा प्रदेश अध्यक्ष ने उन्नाव पुलिस अधीक्षक से पत्रकार के पीटे जाने के सन्दर्भ में स्थानीय पुलिस द्वारा क्या कार्रवाही की गई ली जानकरी, उन्नाव पुलिस अधीक्षक ने इरा प्रदेश अध्यक्ष को जानकारी देते हुए बताया, पीटे गए पत्रकार के द्वारा तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया, पर सीडीओ पर क्या कार्रवाही हुई पूछने पर बताया वो बड़े अधिकारी हैं। इसकी पूरी जानकारी हमारे पास नहीं हैं उन्नाव पुलिस अधीक्षक ने टालते हुए डीएम से बात करने को कहा मौके पर उपस्थित रहे पुलिस क्षेत्राधिकारी ने भी फोन नही उठाया।
ईरा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नौकरशाही राष्ट्र के चौथे स्तंभ पर हावी होने का प्रयास कर रही है मगर ऐसा होने नही दिया जाएगा पत्रकार एकता क्या है ऐसे अधिकारियों को बताया जाएगा और जब तक सीडीओ उन्नाव को गिरफ्तार करके जेल नही भेजा जाएगा तब तक इंडियन रिपोर्टस एसोसिएशन खामोश नही बैठेगा पीड़ित पत्रकार को न्याय दिलाकर ही मानेंगे जरूरत पड़ती है तो उन्नाव जाकर स्थानीय प्रशासन के विरुद्ध आंदोलन करने में भी पीछे नही हटा जाएगा; प्रशासन ने पत्रकारों को किसी पार्टी का कार्यकर्ता समझ रखा है जो खुलेआम उनके साथ मे मारपीट करके अपमानित किया जा रहा है।
वहीं, ईरा के जनरल सेकेट्ररी अरबिन्द श्रीवास्तव ने उन्नाव के जिला अधिकारी से इस मामले पर कार्यवाही की जानकारी लेनी चाही तो जिलाधिकारी जबाब देने से बचते नजर आ रहे है उन्हें जब फोन किया गया तो वहां से जवाब मिला साहब 15 मिनट बाद बात करेंगे।
अरबिंद श्रीवास्तव, जनरल सेक्रेटरी, इंडिया रिपोर्टर्स एसोसिएशन |
आखिर सरकारी मोबाइल कौन लिये था और उसने क्यों नही बात करवायी। आखिर जिलाधिकारी क्यो नहीं बात करना चाहते। उन्नाव प्रशासन ये भली भांति जान ले यदि पीड़ित पत्रकार को न्याय नही मिला संगठन ईट से ईट बजा देगा और किसी भी दशा में पत्रकारों के साथ अभ्रदता वर्दाश्त नही की जायेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ उन्नाव पत्रकार मामले में मौन क्यो साधे हुए है? क्यो नही करते छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश जैसा कार्यवाही? आपको याद हो कि लॉकडाउन उल्लंघन के दौरान कलेक्टर ने एक आम नागरिक को थप्पड़ मार दिया था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर कलेक्टर पर कार्रवाई करने को लेकर आक्रोश उठा और सीएम ने तत्काल प्रभाव से कलेक्टर पर कार्यवाही कर दी थी। वैसे ही उन्नाव के CDO ने पत्रकार पर जानबूझ कर हमला किया और सरकार को तत्काल कार्यवाही करनी चाहिये?
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