भ्रष्टाचार और अवैधानिक कार्यों का अड्डा बना बांदा डिपो

  • संविदा कर्मियों की संविदा अचानक समाप्त किए जाने पर बवाल
  • संविदा कर्मियों ने शुरू किया अनिश्चित कालीन अनशन
  • संविदा कर्मियों ने सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक पर लगाए गंभीर आरोप

बांदा। प्रदेश की योगी सरकार में रोजगार को लेकर पहले ही मारा मारी मची है ऊपर से उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम बांदा डिपो द्वारा संविदा कर्मियों की बिना कारण बताए बिना नोटिस दिए संविदा समाप्त कर देना अवैधानिक है। संविदा कर्मियों में इस अकारण कार्यवाही से भारी आक्रोश है। लगभग एक दर्जन से भी अधिक संविदा कर्मियों ने सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जो संविदा कर्मी इनकी जेब गरम करता है तथा इनको मासिक  घूस देता है उनको ये काम पर रखते हैं अन्यथा काम से निकालते हुए संविदा समाप्त कर देते हैं।

गौरतलब ये भी है कि संविदा समाप्त हुआ कर्मी यदि सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक की जेब गरम कर देता है तो उसकी संविदा बहाल कर दी जाती है। संविदा कर्मियों ने क्षेत्रीय प्रबंधक चित्रकूट धाम क्षेत्र से इस प्रकरण में दखल देते हुए संविदा अविलंब बहाल करते हुए संविदा कर्मियों को कार्य पर वापस रखने की मांग की है। दैनिक प्रचंड शक्ति के जिला संवाददाता ने जब इस प्रकरण में सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक से अपना पक्ष रखने के लिए उनके मोबाइल न. 9415501938 पर बात करनी चाही तो इस विषय में कोई भी उत्तर देना उन्होंने मुनासिफ नही समझा और फोन काट दिया।

खास बात यह है कि बांदा डिपो भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के चलते हमेशा सुर्खियों में रहता है। बड़ी संख्या में बसें खराब प्रबंधन के चलते डिपो में ही खड़ी रहती है। चालक/परिचालक अपने घरों से ड्यूटी के लिए आते जरूर हैं परंतु उनको ड्यूटी पर भेजा नही जाता। बांदा डिपो के खराब प्रबंधन के चलते डग्गामार वाहनों की चांदी है तथा यात्रियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।





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