बेरोजगारी व पलायन बुंदेलखण्ड की सबसे बड़ी समस्या : कुलपति

  • कृषि विश्वविद्यालय में पांच दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण 16 अगस्त से

बांदा। प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र विभिन्न प्राकृतिक विषमताओं अनिश्चित मानसून, सूखा व फसली क्षेत्र में आवारा जानवरों के आक्रमण से प्रभावित है। बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय बांदा के कुलपति डा0 यू0एस0 गौतम ने बताया कि बुंदेलखंड में विदित वर्तमान समस्यांए प्राकृतिक विषमताएं, बेरोजगारी व पलायन, ग्रामीण क्षेत्रो में महिलाओं व बच्चों में कुपोषण और गरीबी लोंगो की कम आय इत्यादि के निराकरण मे मशरूम उत्पादन व्यवसाय एक प्रमुख भूमिका निभा सकता हैं। मशरूम का उत्पादन कर लघु व सीमांत किसान भी कम लागत और अल्प अवधि में ज्यादा लाभान्वित हो सकते है। डा0 गौतम ने यह भी बताया कि मशरूम, फसल विविधीकरण और लोगों के पोषण व आय सुरक्षा में सुधार के लिए उपलब्ध महत्वपूर्ण विकल्पों में से एक हैं। 

इसी क्रम में विश्वविद्यालय में स्थापित मशरूम अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण केंद्र के द्वारा महिला किसानो व अन्य महिलाओं के लिए शुल्क आधारित पांच दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण का आयोजन माननीय कुलपति डॉ. यु. एस. गौतम के मार्गदर्शन में दिनांक 16 से 20 अगस्त 2021 तक किया जायेगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं में मशरूम उद्यम के प्रति तकनीकी एवं व्यावसायिक जागरूकता पैदा करना है। इस कार्यक्रम में बाँदा व बुंदेलखंड के अन्य क्षेत्रों की महिलाएं 14 अगस्त तक बाँदा कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित मशरूम इकाई में पहुँच कर अपना पंजीकरण करा कर मशरूम प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग करके इसका लाभ उठा सकते हैं। बांदा कृषि एवं प्रौधोगिक विश्वविद्यालय युवाओं व उत्पादकों के लिए नियमित रूप से मशरूम की खेती और इसके बीज तैयार करने के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। 

विश्वविद्यालय के मशरूम इकाई के प्रभारी व इस कार्यक्रम के सचिव डॉ. दुर्गा प्रसाद ने बताया की इस कार्यक्रम में प्रतिभागिओं को मशरूम व्यवसाय से सम्बंधित समस्त पहलुओं जैसे उत्पादन प्रक्षेत्र की संरचना, संवर्धन एवं संरक्षण, स्पान उत्पादन तकनीक, प्रमुख खाद्य व औषधीय मशरुम की उत्पादन तकनीक, मशरूम के प्रमुख रोग, कीट एवं विकार के लक्षण एवं रोकथाम, विभिन्न व्यंजन, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन व विपणन इत्यादि पर सम्बंधित विशेषज्ञों के द्वारा सैद्धांतिक व्याख्यान के साथ साथ प्रायोगिक प्रशिक्षण भी दिया जायेगा तथा मशरूम प्रशिक्षण पुस्तिका व प्रमाणपत्र वितरित किया जायेगा 

इस कार्यक्रम के समन्यवक व विभागाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया की प्रशिक्षण के बाद जो प्रशिक्षणार्थी मशरूम उद्यम में अपना करियर बनाना चाहेंगी या इसे व्यवसाय के रूप करना चाहेंगी उन्हें विस्तृत रूप से तकनीकी प्रशिक्षण देकर इस योग्य बनाया जायेगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रायोगिक सुविधाओं को देखते हुए प्रशिक्षणार्थिओं की संख्या सिमित होगी अतः जो भी व्यक्ति को इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहता है वो जल्द से जल्द कृषि विश्वविद्यालय में संपर्क करके अपना पंजीकरण करना सुनिश्चित कर ले। इस कार्यक्रम से सम्बंधित अन्य जानकारी हेतु मशरूम यूनिट के प्रभारी डा. दुर्गा प्रसाद या विभागाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र कुमार सिंह (मोब. न. 8858095324) से सम्पर्क किया जा सकता है।



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