BANDA NEWS : असंगठित मजदूर मोर्चा ने पुण्यतिथि पर स्वामी अग्निवेश को किया यादव


बांदा। विश्व विख्यात मानव अधिकारों के प्रहरी, आर्य समाजी, विश्व शांति सद्भावना एकता के पक्षधर एवं बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष, आजीवन सन्यासी जीवन बिताने वाले हमारे मार्गदर्शक मजदूरों के शोषण के खिलाफ अपनी जान की बाजी लगाने वाले। लाखों बंधुआ मजदूरों को मुक्त करा कर जीवन की मुख्यधारा से जोड़ने वाले। 

स्वामी अग्निवेश की प्रथम पुण्यतिथि शनिवार को आजाद नगर कालू कुआं बांदा में स्थित असंगठित मजदूर मोर्चा के कार्यालय में मनाई गई। जिस पर बुंदेलखंड आजाद सेना बंधुआ मुक्ति मोर्चा असंगठित मजदूर मोर्चा एवं नारी इंसाफ सेना के कार्यकर्ताओं ने स्वामी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह कार्यक्रम बंधुआ मुक्ति मोर्चा के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष एवं असंगठित मजदूर मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दल सिंगार के आवाहन पर पूरे प्रदेश में प्रेरणा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। 

दल सिंगार का कहना है कि हमारा संगठन स्वामी जी के अधूरे पड़े सपनों को पूरा करेगा। असंगठित मजदूर मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं बुंदेलखंड आजाद सेना के अध्यक्ष प्रमोद आजाद ने स्वामी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि स्वामी जी का सानिध्य हमें हमेशा मिलता रहा है स्वामी जी ने बुंदेलखंड के बंधुआ एवं बाल मजदूरों को मुक्त कराकर उन्हें जीवन की एक नई दिशा दी।

स्वामी अग्निवेश जी का जीवन परिचय 

स्वामी अग्निवेश जी का जन्म 21 सितंबर 1939 को आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम के एक रूढ़िवादी हिंदू ब्राह्मण परिवार में श्री बेपाश्याम राव के घर हुआ था। 4 साल की उम्र में ही उनके पिताजी का देहांत हो गया जिससे उनका लालन-पालन उनके नाना के घर छत्तीसगढ़ के शक्ति में हुआ था। 1968 में स्वामी जी आर्य समाज के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए और 2 वर्ष बाद सांसारिक मोह माया को त्यागकर स्वामी अग्निवेश बन गए। आपातकाल के दौरान 1975 ईस्वी में स्वामी जी को भूमिगत भी होना पड़ा फिर सहयोगियों के साथ गिरफ्तार हो गए। 14 महीने तक जेल में बिताए 1977 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में स्वामी जी विधायक चुने गए इसके बाद चौधरी भजन लाल जी के मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री भी बने।

इसी दौरान फरीदाबाद के औद्योगिक बस्ती में पुलिस फायरिंग के दौरान लगभग 10 मजदूरों की हत्या हो जाने के बाद अपनी ही सरकार के खिलाफ स्वामी जी ने बिगुल फूंक कर मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। 1980 के दशक में बंधुआ मजदूरों के मुद्दे को उठाया और विश्व में ख्याति अर्जित की स्वामी जी का संरक्षण हमें हमेशा प्राप्त होता रहा है। 11 सितंबर 2020 में स्वामी जी का दिल्ली के आईएलबीएस वसंत कुंज स्थित अस्पताल में लिवर की बीमारी के कारण देहांत हो गया। 

स्वामी जी दुनिया में हमेशा हमेशा के लिए अमर रहेंगे।असंगठित मजदूर मोर्चा के कार्यकर्ता श्री ज्ञानेश्वर प्रसाद ने कहा कि स्वामी जी नशा, जातिवाद, सामंतवाद के विरुद्ध हमेशा संघर्ष करते रहे हैं स्वामी जी के सपनों को साकार हम लोग करेंगे। इस मौके पर असंगठित मजदूर मोर्चा, बुंदेलखंड आजाद सेना, नारी इंसाफ सेना, बंधुआ मुक्ति मोर्चा के दर्जनों कार्यकर्ताओं में ललित कुमार यादव, अनिल यादव बहनों के साथ बर्मा सत्यम यादव, राम लखन, पुष्पेंद्र कुमार, हेमराज वर्मा, शिव कुमार विमल, अनिल, कल्लू भैया, जय प्रकाश, आदि ने स्वामी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर। दो मिनट का मौन रखा एवं उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।



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