गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के दिन से सतयुग की किरण धरती पर पड़ जाएगी : उमाकान्त जी महाराज

  • भारत का अनुसरण अन्य देश करते हुए गौ हत्या बंद कर देंगे

कलयुग में सतयुग आने के युग परिवर्तन की बेला में अधिक से अधिक जीवों को बचाने के लिए अथक प्रयासरत इस समय के पूरे सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 6 सितबर 2021को देवगढ़, राजस्थान में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर प्रसारित संदेश में बताया कि देखो प्रेमियों! सतयुग का आने के संकेत लिंग पुराण के सूरसागर में लिखा भी है, जगन्नाथ पुरिया किताब में लिखा है, गुरु महाराज का हमारे यह बराबर कहना रहा कि कलयुग में कलयुग जाएगा और कलयुग में सतयुग आएगा तो सतयुग तो ऐसे नहीं आएगा। या तो कलयुगी लोगों की सफाई करेगा या तो सतयुग देखने के लायक लोग बन जाएंगे।

  • बराबर हमारा अभियान यही चल रहा है, सतयुग देखने के लायक लोग बन जाए

बराबर हम लोगों का प्रयास तो यही चल रहा है कि सतयुग देखने के लायक लोग बन जाएं क्योंकि ज्यादा लोग मर ही जाएंगे तो सतयुग आकर ही क्या करेगा? उसका आनंद कौन लेगा? इसलिए प्रयास यही है कि लोग शाकाहारी, नशा मुक्त हो जाएं, जीव हत्या बंद हो जाए। हमारा तो अभियान यही चल रहा है गाय को राष्ट्रीय पशु बनाओ, धरती पर सतयुग ले आओ, सुख-शांति का बिगुल बजाओ। यह तो हमारा अभियान चल ही रहा है।

  • प्रेमियों ने लाखों चिठ्ठियां भेजी, गऊ हत्या बंद कराने के लिए

लाखों चिट्ठियां भेजी गई, लेकिन वह लोग अब नहीं कर पा रहे हैं। कुछ समस्याएं हैं, यह तो हम समझ रहे हैं क्या है। लेकिन प्रेमियों यह बता कर जाता हूं आज की एक दिन देश में गऊ हत्या बंद हो जाएगी।

  • जिस दिन गाय को राष्ट्रीय पशु ये लोग घोषित करेंगे उसी दिन से सतयुग की किरण इस धरती पर पड़ जाएगी

आप यह समझ लो जिस दिन गऊ हत्या बंद होने की घोषणा होगी, जिस दिन गाय को राष्ट्रीय पशु बनाएंगे लोग, कोई भी बना दे, श्रेय कोई भी ले ले लेकिन होगा। जिस दिन गऊ हत्या बंद होने का ऐलान हुआ उस दिन समझ लो सतयुग की किरण इस धरती पर पड़ जाएगी। और भारत में जब गऊ हत्या बंद हो जाएगी तब विदेशों के भी लोग मन बना लेंगे गऊ हत्या बंद कराने का। उसी समय से कई देशों में बंद होने लग जाएगा

  • गऊ हत्या और जीव हत्या ये लोग स्वत: बंद नहीं करेंगे तो कुदरत बंद करा देगी

यह भी आपको बता दे, चाहे स्वत: लोग जीव हत्या बंद करें, चाहे प्रशासन के द्वारा दवाव पर बंद करें, चाहे कुदरत बंद कराए लेकिन जीव हत्या बंद हो जाएगी क्योंकि सतयुग में जीव हत्या नहीं होती थी। सतयुग में हिंसा-हत्या नहीं होती थी। आज की तरह से ठगी, झूठ फरेब, झूठ, हिंसा-हत्या, व्यभिचार लोग नहीं करते थे। लोग सब योगी-विज्ञानी थे। योग साधना करते थे। आंख बंद करते थे और ऊपर लोको में चले जाते थे। तो सतयुग में यह लोग ही रहेंगे और बुरे लोगों का होगा खात्मा।

  • एक साथ दो-दो देवता सजा देने के लिए तैयार हैं, बचने का उपाय खोज लो

प्रकृति के नियम के खिलाफ आदमी काम करने में संकोच नहीं कर रहा है। यही जो जीवन दाता है, जल, पृथ्वी, अग्नि, वायु और आकाश- यह देवता नाराज हो रहे हैं। एक साथ दो-दो देवताओं का कहर चलेगा जैसे बरसात भी तेज होने लग जाए और पवन देवता तूफान चला दे तो लोगों के घर उजाड़ते चले जाएंगे। 

यदि तूफान के साथ आग लग जाए और हवा भी तेज चल जाए तो आग कहां तक जाएगी, कोई ठिकाना नहीं है। आप समझो समुंदर देवता अगर समुंद्र की तूफानी लहरें धरती की सफाई के लिए, धरती माता का आंचल जो लोगों ने अपने पाप कर्मों से गंदा कर दिया और पवन देवता उसको तूल दे दे तो कहां तक तूफान जाएगा कुछ पता है? धरती हिल जाए तो सारा खेल खत्म हो जाएगा। तो आप यह समझो बहुत तकलीफे आएंगी। उस तकलीफ से बचना है और लोगों को बचाना है।

  • प्रेमियों अपने-अपने स्तर से लोगों को समझाओ कि सतयुग लायक लोग बन जाय

अभी तक तो आप देव भक्ति करते रहे। देवी- देवता को मानते रहे हो तभी आप लोग यहां पर आए हो, धर्म-कर्म का संदेश सुनने के लिए। तो देव भक्ति करो और मानव को भी समझाओ। मानवता यही कहती है कि लोगों को बताओ-समझाओ, अच्छा बनाओ। तो जो भी अपने-अपने स्तर से जितना काम कर सकते हो, आप प्रेमियों करो।



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