जिंदगी की आखिरी सांस तक किसानों की लड़ाई रहेगी जारी : राकेश टिकैत


  • मौदहा की जनसभा में शामिल होने के लिए बांदा होकर गुजरे टिकैत

बांदा। दिल्ली हरियाणा और मुजफ्फरनगर से निकलकर किसान नेता राकेश टिकैत बुंदेलखंड में पहुंचे हैं। रविवार की सुबह बांदा पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने बुंदेलखंड में किसानों के हालात बेरोजगारी और बदहाल व्यापारियों की समस्या को उठाया। और कहा कि उनकी लड़ाई पूरे देश के किसानों के लिए है। जिसे जारी रखा जाएगा। बता दें कि आज हमीरपुर के मौदहा कस्बे में राकेश टिकट को जनसभा संबोधित करना था। इससे पहले वह उत्तर प्रदेश संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से बांदा पहुंचे। बांदा से सैकड़ों किसानों के साथ हमीरपुर जाएंगे। 

बांदा में प्रेस वार्ता करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि बुंदेलखंड का किसान आत्महत्या कर रहा है। बुंदेलखंड के किसान की हालत किसी से छिपी नहीं है। किसान संगठन की सरकार से जो मांग है उसमें पूरे देश के किसानों का हित होगा। संसद में पारित किसान बिल के तीन बिंदुओं को हटाया जाए। एमएसपी रेट की गारंटी तय की जाए। और सरकार जिस तरह से तमाम सरकारी संस्थाओं का निजीकरण कर रही है उसको रोका जाए। निजीकरण करने से बेरोजगारी बढ़ेगी। 

बुंदेलखंड का युवा पहले से ही बेरोजगार है। यहां का युवा दिल्ली और सूरत जाकर कमाने को मजबूर है। यदि सरकार निजी करण नहीं रुकेगी तो बेरोजगारी और ज्यादा बढ़ेगी। बड़ा व्यापारी किसान से सस्ते दामों पर माल लेकर एमएसपी पर बेचता है। यहां के किसान को लगातार ठगा जा रहा है। वहीं चुनाव से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सरकार का नजरिया है कि वह आंदोलन को किस नजर से देखती है। उनका आंदोलन किसी प्रदेश के लिए नहीं है बल्कि पूरे देश के किसानों के लिए है। और जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती वह इसी तरह देश के हर कोने में घूम घूम कर किसानों और युवाओं को जागरूक करते रहेंगे।

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