गृह उद्योग के रूप में इस्तेमाल करें केचुआ खाद : डा. एसके सिंह

  • ‘‘जैविक खेती हेतु केंचुआ खाद का उत्पादन एवं महत्व’’ विषय पर गोष्ठी का आयोजन

बांदा। बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा के कृषि महाविद्यालय के मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग द्वारा जिला मिशन प्रबन्ध इकाई, उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, बाँदा के संयुक्त तत्वावधान में महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के अंतर्गत ‘‘जैविक खेती हेतु केंचुआ खाद का उत्पादन एवं महत्व’’ विषय पर विकास खंड- बड़ोखर खुर्द, बाँदा की कृषि एवं पशु सखियों हेतु पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिनाँक 22 सितम्बर से 26 सितम्बर, 2021 तक विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 यू0 एस0 गौतम के निर्देशन एवं डिप्टी कमिश्नर, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, बाँदा कृष्ण करुणाकर पांडेय के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, कुलसचिव डा0 एस0 के0 सिंह ने बुंदेलखंड में जैविक कृषि में केंचुआ खाद के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रतिभागियों को समूह में गृह उद्योग के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डा0 नरेंद्र सिंह, सह निदेशक प्रसार ने प्रतिभागियों द्वारा कार्य को स्वयं करके सीखने पर जोर देते हुए कहा कि आप सभी अपने क्षेत्र के अग्रणी महिलाएं हैं जो आज प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने क्षेत्र के विकास में सहायक सिद्ध होंगी। 

प्रशिक्षण के आयोजक सचिव एवं कोर्स डायरेक्टर डॉ0 देव कुमार ने बताया कि जनपद के सभी आठ विकास खण्डों की कृषि एवं पशु सखियों का प्रशिक्षण विभिन्न चरणों में किया जाना है, जिसमें से प्रथम चरण में बड़ोखर खुर्द की 72  का प्रशिक्षण कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दो बैच में कराना निश्चित किया गया है। प्रथम बैच के प्रशिक्षण में 35 प्रतिभागियों द्वारा सहभागिता की गई। पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को केंचुआ खाद उत्पादन की तकनीकियों, उत्पादन विधि, पोषण वाटिका की स्थापना, बीज उपचार से रोग एवं पोषण प्रबंधन, पशु पाठशाला, पशु आहार, आवास एवं चारा प्रबंधन, पशु रोग एवं स्वास्थ्य प्रबंधन, एकीकृत कृषि प्रणाली, तरल बायो उर्वरक निर्माण, जैविक खेती का महत्व पोषक तत्व प्रबंधन, केंचुआ खाद विपरण, मृदा स्वास्थ्य आदि पर विस्तृत प्रशिक्षण प्रायोगिक स्तर पर दिया गया। प्रशिक्षणार्थियों ने पांच दिवसीय प्रशिक्षण की विभिन्न गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया एवं केंचुआ खाद उत्पादन, प्रयोग एवं विपरण की बारीकियों को सीखा।

प्रशिक्षणार्थियों उर्मिला एवं कमलेश ने अपने विचार प्रकट किए। जिला मिशन प्रबंधक, आजीविका, बाँदा श्री सुनील कुमार सिंह ने प्रशिक्षणार्थियों को सीखी गयी तकनीकों को उद्यम के रूप में अपनाकर आय सृजन के लिए प्रेरित किया। श्री मोहन सिंह ने उच्चस्तरीय प्रशिक्षण के आयोजन के लिए विश्वविद्यालय धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ0 जी0 एस0 पवार, विभागाध्यक्ष, मृदा विभाग डा0 जग्गनाथ पाठक, विभागाध्यक्ष, कृषि प्रसार डॉ0 भानु मिश्रा, मृदा विज्ञान विभाग के डा0 जे0 के0 तिवारी, डा0 आनंद चौबे, डा0 अरविंद कुमार गुप्ता, गृह विज्ञान महाविद्यालय से डा0 सौरभ, डा0 दीप्ति भार्गव, डा0 प्रज्ञा ओझा तथा एन0 आर0 एल0 एम0, बाँदा से श्री अमित कुमार चौहान, श्री प्रभात कुमार, बी0 एम0 एम0, आजीविका, प्रभास कुमार, मो0 हामिद, प्रेम कुमार, अशोक का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन डा0 अमित मिश्रा द्वारा किया गया। सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रमाणपत्र एवं केंचुआ उत्पादन प्रारम्भ करने के लिए केंचुआ का कल्चर बैग भी दिया गया।



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