- बाबा बलखण्डीनाथ से बाबा सैदनाथ तक वीआईपी की बाइक रैली
जयराम अनुरागी
बलिया। बिहार में राजग गठबंधन की अभिन्न अंग विकासशील इंसान पार्टी उत्तर प्रदेश में तेजी से अपना पैर पसार रही है। 2 जुलाई को वीआईपी संस्थापक सह बिहार सरकार के पशुधन व मत्स्य संसाधन मंत्री सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी ने पार्टी की प्रदेश की राजधानी में वीआईपी लॉन्चिंग करने के बाद 25 जुलाई को फूलन देवी की 20वीं पुण्यतिथि के अवसर पर उत्तर प्रदेश के 18 जनपदों में फूलन देवी की 18 फ़ीट ऊंची प्रतिमा लगवाने की घोषणा कर प्रदेश सरकार को पशोपेश में डाल दिया। प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने फूलन की प्रतिमाओं को पुलिस से जब्त करा लिया। बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री मुकेश सहनी को बाबतपुर एयरपोर्ट पर नजरबन्द करने के बाद उन्हें कलकत्ता की जहाज में बैठाकर वापस भेज दिया।
उत्तर प्रदेश सरकार के इस निर्णय से उत्तर प्रदेश सहित देश के निषाद, बिन्द, कश्यप, लोधी, मांझी, मछुआरा समाज में भाजपा सरकार के प्रति आक्रोश की भावना पैदा हो गयी।वीआईपी के उत्तर प्रदेश में आने से राजनीतिक समीकरण में काफी उलटफेर होता दिख रहा है। उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सामाजिक न्याय के अक्खड़ चौ. लौटनराम निषाद को दी गयी है, जो समाजवादी पार्टी में पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में काफी चर्चा में रहे। उत्तर में निषाद जातियों की राजनीतिक उलटफेर में अहम भूमिका रहती है।कारण कि निषाद मछुआरा जातियों को उत्तर प्रदेश में अच्छी खासी संख्या है और प्रदेश की लगभग आधी विधानसभा क्षेत्रों में निर्णायक हैं।
विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजाराम बिन्द व प्रदेश अध्यक्ष चौ.लौटनराम निषाद के नेतृत्व में 6 अक्टूबर को बाँसडीह विधानसभा क्षेत्र में बाइक रैली निकाली गई।जो बाबा बलखण्डीनाथ से शुरू होकर बाँसडीह, सहतवार, रेवती, भोज छपरा, जयनगर, मनियर, बेरुआरबारी, कैथवली, मैरिटार, हालपुर होते हुए बाबा सैदनाथ के स्थान पर खत्म हुई। प्रदेश अध्यक्ष लौटनराम निषाद ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि निषाद जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण, अधिकार दिलाना व जातिगत जनगणना कराना वीआईपी पार्टी का मुख्य उद्देश्य है। आरक्षण नहीं तो मिशन 2022 में भाजपा को समर्थन व उससे गठबंधन नहीं। राज्य व केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है।
भाजपा ने आरक्षण की विसंगति को दूर कर या क्षेत्रीयता समाप्त कर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड के निषाद-मल्लाह, केवट, बिन्द, धीवर, कश्यप, कहार, गोड़िया, तुराहा, माँझी, रैकवार, राजभर, नोनिया आदि को अनुसूचित जाति का आरक्षण चुनाव से पूर्व देने का राजपत्र व शासनादेश जारी कर दिया तो बिना सीट की मांग के भाजपा को सहयोग व समर्थन दिया जाएगा।आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं,यही वीआईपी का नारा है। अब वादा नहीं आरक्षण अधिक्कार का राजपत्र व शासनादेश चाहिए।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजाराम बिन्द ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली का मल्लाह(केवट, माँझी, धीमर, धीवर, कहार, तुरहा, कश्यप, झीवर, झीमर आदि), पश्चिम बंगाल का मल्लाह, केवट, बिन्द, चाईं, तियर, कैवर्ता आदि व उड़ीसा के माँझी, डेवर, धीवर, धीबरा, जलकेउट, कैवर्ता आदि अनुसूचित जाति में हैं। यही नहीं उत्तर प्रदेश में मझवार, तुरैहा, गोंड़, खैरहा, खोरोट, बेलदार, पनिका आदि अनुसूचित जाति में हैं और इन्ही की पर्यायवाची उपजातियाँ मल्लाह, बिन्द, केवट, धीवर, कहार, रैकवार, माँझी आदि अन्यपिछड़े वर्ग में हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर में 16.5% से अधिक निषाद जातियों की आबादी है और 169 विधानसभा क्षेत्रों में 40 हजार से 1.20 लाख निषाद मतदाता हैं। भाजपा ने अनुसूचित जाति का आरक्षण अपने वायदे अनुसार नहीं दिया तो वीआईपी सामाजिक न्याय आधारित राजनीतिक दलों से गठबंधन कर या अकेले अपने बलबूते नाव चुनाव पर चुनावी समर में उतरेगी।
बालू मोरंग खनन, मत्स्यपालन, मत्स्याखेट व शिकारमाही निषाद मछुआरा जातियों का परम्परागत पुश्तैनी पेशा है। वर्तमान में इनके पुश्तैनी पेशों पर बालू माफियाओं, मत्स्य माफियाओं व नदी माफियाओं के कब्जा हो जाने से निषाद समाज बेकरी व बदहाली की स्थिति में पहुँच गया है। श्रीराम की नैया को गंगा पार कराने वाले निषाद राज के वंशजों की नैया मंझधार में फँसी है। रामभक्त बनने वाली भाजपा निषाद समाज को नैया को पार नहीं लगाया तो मिशन 2022 में भाजपा की खैर नहीं।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से मण्डल अध्यक्ष मानिकचन्द साहनी, जिलाध्यक्ष हरेराम साहनी, युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र बिन्द, निषाद विकास संघ के जिलाध्यक्ष सियाराम बिन्द, युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव अखिलेश कुमार बिन्द, जिला प्रभारी रामबिलास बिन्द, गुलाब निषाद, देवब्रत निषाद, सुधीर कुमार बिन्द, विनोद साहनी, दिलीप निषाद, रवि शंकर साहनी प्रधान, रोहित साहनी प्रधान, संजय निषाद प्रधान, दिनेश बिन्द प्रधान, अर्जुन बिन्द, प्रेमचंद राजभर आदि शामिल रहे।
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