काली देवी मंदिर में दूर्गा वाहिनी ने किया शस्त्र पूजन

काली देवी मंदिर में दूर्गा वाहिनी ने किया शस्त्र पूजन

👉विजयादशमी की पूर्व संध्या पर हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयेजन

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

बांदा। नारी जाति के लगातार हो रहे उत्पीड़न के विरोध में महिलाओं को सशक्त और मजबूत बनाने के उद्देश्य से प्रशासन के द्वारा महिला सशक्तिकरण जैसी बड़ी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही विश्व हिन्दू परिषद की मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी की कर्मठ नेत्रियों के द्वारा आज शहर के कंचनपुरवा काली देवी मंदिर में विजयादशमी की पूर्व संध्या पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गौरतलब हो कि महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण के लिये विश्व हिन्दू परिषद की मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी के द्वारा जिले भर में जागरूकता व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये भरसक प्रयास किया जा रहा है।

आज दुर्गा वाहिनी की नेत्रियों के द्वारा शहर के कंचनपुरवा काली देवी मंदिर प्रांगण में सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिये महिलाओं को सशक्त और मजबूत बनाने पर बल दिया गया। इसके साथ ही कार्यक्रम के दौरान युवा नेत्रियों के द्वारा हांथों में शस्त्र लेकर सांस्कृतिक कर यह संदेश दिया गया कि आज नारी अबला नहीं है। वह अपने आप का बचाव खुद करने में पूरी तरह से सक्षम हैं। युवा नेत्रियों के द्वारा हांथों में शस्त्र लेकर जिस समय मंदिर प्रांगण में नृत्य किया जा रहा था उसको देखकर ऐसा लग रहा था कि मानो रण में चण्डिका प्रकट हो गयी हो, और असुर रूपी दानवों का संहार करने को आतुर हो। 

विश्वहिन्दू परिषद के जिलाध्यक्ष द्वारा बताया गया कि शारदीय नवरात्रि में हर वर्षों की भांति इस वर्ष भी शस्त्र पूजन का कार्यक्रम हुआ। इसमें मातृशक्ति संयोजिका सुबोधिनी भटनागर, दुर्गावाहिनी की संयोजिका करूणा रैकवार व सहसंयोजिका निधि धुरिया व बहनों ने भाग लिया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर दैनिक बुन्देलखण्ड  समाचार पत्र के सम्पादक व जिला योजना समिति के पूर्व सदस्य के आई हुई बहनों को सम्मानित करते हुये कहा कि आज समाज में नारियों का उत्पीड़न काफी बढ़ गया है। 

जिसको देखते हुये महिलाओं और बहनों को अपनी आत्मरक्षार्थ हेतु मजबूती के साथ खड़ा रहना जरूरी है। इसके लिये उनको आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा, विश्वहिन्दू परिषद की मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी के द्वारा चलाये जा रहे इस कार्यक्रम से नारियों में जागरूकता की लहर दौड़ रही है और वह आगे बढ़कर देश और समाज का नाम रोशन कर रही है। आज की नारी चाहे खेल का मैदान हो या फिर देश की सेवा सबमें बढ़कर हिस्सा ले रही है जो हमारे समाज के लिये गौरव की बात है।

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