प्रतीकात्मक चित्र |
- दो दिन लिया जिला पुरुष व महिला अस्पताल का जायजा
- राज्य स्तरीय कायाकल्प टीम ने किया असेसमेंट
बांदा। जिला अस्पताल में मरीजों के लिए उपलब्ध कराई जा रहीं सुविधाओं का फायदा उन तक पहुंच रहा है या नहीं, इसका जायजा लेने के लिए कायाकल्प की टीम ने मुआयाना किया। दो दिवसीय असेसमेंट में जिला पुरुष अस्पताल और जिला महिला अस्पताल का कायाकल्प योजना के तहत मूल्यांकन किया गया। टीम ने आठ बिदुओं पर अलग अलग जांच कर अपनी रिपोर्ट तैयारी की। इस दौरान टीम ने कई कमियां भी पाईं। जिसको दुरुस्त कराने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य स्तरीय तीन सदस्यीय टीम ने बारीकी से निरीक्षण किया।
एक्सटर्नल असेसमेंट के अंतर्गत यहां जिला पुरुष व महिला अस्पताल में मुआयना करने आई राज्य स्तरीय कायाकल्प की टीम के डा. राजेश त्रिपाठी (मंडलीय सलाहकार, प्रयागराज) ने सभी वार्डों में जाकर सुविधाओं को परखा व असेसमेंट अंक दिए। उन्होंने इमरजेंसी वार्ड, आयुष्मान भारत वार्ड में जानकारी ली। ऑपरेशन थिएटर, सीटी स्कैन, लेबर रूम, डायलिसिस यूनिट का भी जायजा लिया। डा. त्रिपाठी ने दस्तावेजों का मुआयना किया। सफाई, कर्मचारियों के व्यवहार, सुविधाओं और बाहरी एरिया में मिलने वाली व्यवस्थाओं समेत आठ बिदुओं की जांच की। टीम में डा. विमल चौरसिया (फतेहपुर) व दुर्गेश मिश्र (कानपुर) भी शामिल थे।
जिला क्वालिटी मैनेजर डा. सत्येंद्र कुमार ने बताया कि पहले के मुआयने में जिला पुरुष व महिला अस्पताल को 80 फीसद से ज्यादा अंक मिले थे। उसी के बाद अब एक्सटर्नल असेसमेंट किया गया है। हर स्टेप पर अच्छे परफार्मेंस के आधार पर अस्पताल की सुविधाओं को और बेहतर करने के लिए सरकार से ईनाम मिलेगा। इस मौके पर सीएमएस डा. सुनीता सिंह, हास्पिटल मैनेजर डा. प्रमोद सिंह, डा. चारू गौतम सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
राज्य स्तरीय टीम ने जिला प्रशासन को दिए सुझाव
राज्य स्तरीय कायाकल्प की टीम के डा. राजेश त्रिपाठी ने महिला अस्पताल की भीड़ कम करने के लिए जिला प्रशासन से महिला अस्पताल का एक और गेट नए ब्लाक से जोड़ने का सुझाव दिया। अस्पताल परिसर में खड़ी एंबुलेंस को हटाकर यहां प्ले ग्राउंड और प्रसूताओं के लिए टहलने के लिए पार्क बनाने के सुझाव रखे। उन्होंने जिला महिला अस्पताल में पुनः आपरेशन शुरू होने पर सीएमएस डा. सुनीता को सराहा।
असेसमेंट में इन चीजों पर रहा विशेष फोकस
जिला क्वालिटी मैनेजर ने बताया कि असेसमेंट में चिकित्सालय का रखरखाव, साफ सफाई, बॉयो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण, सहयोगी सेवाएं, स्वच्छता को बढ़ावा देना, अस्पताल के चहारदीवारी के आस-पास का एरिया समेत कई क्षेत्रों का जायजा लिया गया। इसमें आठ बिदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई।
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