👉 डाक्टर के इस कार्य की हर कोई कर रहा है प्रशंसा
बांदा। हमारे देश मे डाक्टर को भगवान का रूप माना जाता है, भले ही कुछ लोगों ने डाक्टरों के कार्य को बदनाम किया हो लेकिन आज भी बहुत से ऐसे डाक्टर हमारे अस्पतालों में मौजूद हैं जो मरीज की जान बचाने के लिए अपने शरीर का खून तक देने में पीछे नहीं हटते । ऐसा ही एक मामला बाँदा जनपद के मेडिकल कॉलेज से सामने आया है जहां गायनी डिपार्टमेंट की स्त्री रोग विशेषग डाक्टर नीलम सिंह ने मरीज की जान बचाने के लिए अपने शरीर का खून देकर इंसानियत की मिसाल पेश की है ।
डाक्टर नीलम सिंह ने अपनी मरीज को बचाने के लिए ना सिर्फ इमानदारी से उसका इलाज किया बल्कि जरूरत पड़ने पर अपना खून भी दे दिया । आपको बता दें कि बांदा मेडिकल कालेज में 6 अक्टूबर की रात एक महिला मीना देवी निवासी मर्का बाँदा को प्रसव पीड़ा होने पर मेडिकल कालेज बाँदा में भर्ती कराया गया था, मीना देवी की डिलीवरी सामान्य रूप से नहीं हो पाई इसलिए उसका आपरेशन करना पड़ा, आपरेशन के बाद बच्चा प्रीमेच्योर होने के कारण बच्चे को प्रयागराज रेफर कर दिया गया।
जबकि मां का इलाज बांदा मेडिकल कालेज में ही चलता रहा, कुछ जांचों में गड़बड़ी पाए जाने के बाद मीना देवी को ओ पॉजिटिव ब्लड की व्यवस्था करने को कहा गया तो उसके पास कोई डोनर नहीं था, उसके सारे परिजन बच्चे के इलाज के लिए प्रयागराज गए हुए थे बांदा मेडिकल कॉलेज में मीना देवी की देख रेख उसके बुजुर्ग पिता कर रहे थे, जो खून देने की स्थिति में नहीं थे ऐसी स्थिति में मीना देवी को खून देने के लिए जब कोई रिश्तेदार नातेदार समय पर उपलब्ध नहीं हो सका तो मरीज की जान बचाने के लिए डाक्टर नीलम सिंह जो मीना देवी का इलाज कर रही थी उन्होंने अपना खून दे कर मरीज की जान बचाई।
0 टिप्पणियाँ
Please don't enter any spam link in the comment Box.