रामकथा में वक्ताओं ने बहाई ज्ञान और भक्ति की धारा

रामकथा में वक्ताओं ने बहाई ज्ञान और भक्ति की धारा

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

तिंदवारी (बांदा)। कस्बे के गणेश तालाब के पास स्थित संकट मोचन आश्रम कुटी प्रांगण में  जल कलश यात्रा से प्रारंभ प्रति वर्ष की भांति आयोजित पांच कुंडीय हनुमते महायज्ञ अंतर्गत संगीतमय रामकथा एवं संत सम्मेलन में बृहस्पतिवार को वक्ताओं ने ज्ञान और भक्ति की गंगा बहाई। संकटमोचन आश्रम के महंत स्वामी उद्धव दास जी महाराज के सानिध्य में आयोजित उक्त कार्यक्रम अंतर्गत प्रस्तुत राम कथा ने सभी को भावविभोर कर दिया। इस अवसर पर रेखा रामायणी ने कहा की श्री राम हमारे इतिहास के सबसे आदर्श पुरुषों में गिने जाते हैं। पुराणों में उन्हें श्रेष्ठ राजा बताया गया है। उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। 

वह मनुष्य रूप में जन्मे और ऋषि विश्वामित्र से  विद्योपर्जन के उपरांत पृथ्वी पर उन्होंने आशांक राक्षसों का संहार किया। सत्य, धर्म, दया और मर्यादाओं पर चलते हुए राज किया। उसे रामराज कहा गया है। हमारी संस्कृति और सदाचार की जब भी बात होती है तो राम का नाम लिया जाता है। बड़े बुजुर्ग कहते दिख जाते हैं बेटा हो तो राम जैसा, राजा हो तो राम जैसा, चरित्र हो तो राम जैसा। यहां जगदीश त्रिवेदी रामायणी, चंद्रशेखर शास्त्री, छेदीलाल पाठक द्वारा भी रामकथा पर प्रवचन किया गया।

रामकथा में वक्ताओं ने बहाई ज्ञान और भक्ति की धारा

इस अवसर पर गजोधर द्विवेदी, पृथ्वी पति तिवारी, शिवपूजन दीक्षित, सत्यनारायण द्विवेदी, गौरी शंकर गुप्ता, ओम प्रकाश मिश्रा, रामबली दीक्षित, बिंदा प्रजापति, प्रकाश शुक्ला, सोहन विश्वकर्मा, धर्मेंद्र शुक्ला, अतुल दीक्षित, मोहन विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु व भक्तजन उपस्थित रहे।

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