सचिवों की तानाशाही किसानों पर पड़ रही भारी, खाद की किल्लत से जूझ रहे किसान

सचिवों की तानाशाही किसानों पर पड़ रही भारी, खाद की किल्लत से जूझ रहे किसान
प्रतिकात्मक चित्र

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

कमासिन/बांदा। आज नवंबर माह का अंतिम पखवारा चल रहा है। लेकिन देश का अन्नदाता खाद के लिए मारा मारा घूम रहा है और खाद वितरण के जिम्मेदार समिति सचिव घरों में पांव पसार कर खर्राटे मार रहे हैं।जब समिति सचिव के कारनामों से किसानों का साहस टूट गया तो उन्होंने ने जमरेही नाथ चौराहे पर इकट्ठा होकर जाम लगा दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार सारा प्रकरण कमासिन ब्लाक अंतर्गत सांडा सानी साधन सहकारी समिति का है जिसमें तैनात सचिव भूपत यादव के कार्य कलापों से समिति के किसानों में भारी आक्रोश है समिति से जुड़े गांवों साडसानी अंदौरा लाखीपुर मनकंहडी बछौंधा सानी तथा बंथरी के लगभग तीन सैकडा से ज्यादा किसानों जमरेही नाथ चौराहे पर इकट्ठा होकर जाम लगा दिया लगभग एक घंटे तक जाम लगा रहा।

सूचना पर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जाम खुलवाने का प्रयास किया किन्तु आक्रोशित किसान किसी भी कीमत पर मानने को तैयार नहीं थे। किसान सिर्फ खाद दिलाने की मांग पर अड़े थे जब मौके पर मौजूद कार्य वाहक थाना प्रभारी सुरेन्द्र सिंह यादव द्वारा किसानों को कानून अपने हाथ में न लेने और सचिव को अबिलंब बुलाकर खाद वितरण कराने का आश्वासन दिया तब जाकर कहीं किसानों ने जाम खोला।अंदौरा के जगदीश दीक्षित लाखीपुर के पप्पू द्विवेदी बछौंधासानी के विपुल सिंह बंथरी के सेवानिवृत्त फोजी सोहगौरा जी सहित उपस्थिति किसानों ने अपनी व्यथा बयां करते हुए बताया कि यहां कार्य रत सचिव भूपत यादव द्वारा समिति में पूरी खाद नहीं उतारी जाती है आधी अधूरी खाद ही समिति में उतारी जाती और आधी खाद उसी ट्रक से अपने कमासिन स्थित किसी स्थान पर उतार कर अपने चहेतों को बुला कर दस-दस, बीस-बीस बोरी उठवा दी जाती है।

साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सचिव द्वारा घूम-घूम कर अंगूठा लगवा कर खाद खारिज कर दी जाती है। साथ ही यह भी बताया कि सचिव भूपत यादव जिला पंचायत सदस्य का वार्ड संख्या एक से चुनाव लड़ें थे और हम लोगों से वोट न देने की खुन्नस निकल रहे हैं।हम लोग दो महीने से खाद के लिए समिति के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन हम लोगों को खाद नहीं दी जा रही है जबकि हम लोगों को अपने खेतों को दुबारा सींचना पड़ा है। उपस्थित किसान समूह ने एक स्वर से कहा कि यदि हम लोगों को अविलंब खाद उपलब्ध कराते हुए सचिव के कारनामों की जांच कर दण्डित नहीं किया जाता तो हम अपनी व्यथा जिलाधिकारी बांदा को बताते हुए कार्य वाही की मांग करेंगे।

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