- 22 नवंबर से 7 दिसंबर तक चला अभियान
- छूटी आबादी के लिए चलेगा मापअप राउंड
- जनपद में 5.35 लाख दवा से रहे गए वंचित
बांदा। फाइलेरिया को जड़ से खत्म करने के लिए जनपद 22 नवंबर से 7 दिसंबर तक महाभियान चला। 71 टीमों ने घर-घर जाकर 12.49 लाख यानी 70 फीसद आबादी को डीईसी और एल्बेंडाजॉल की गोलियां खिलाईं। दवा से वंचित लोगों के लिए स्वास्थ्य विभाग मापअप राउंड चलाएगा। यह 13 से 18 दिसंबर तक चलेगा। जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) पूजा अहिरवार ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) में 2785 कर्मचारी और 306 सुपरवाइजर लगाए गए। अभियान में 17.85 लाख आबादी को दवा खिने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसके सापेक्ष 70 फीसद यानी 12.49 लाख लोगों को दवा खिलाई गई। 5.35 लाख लोग घरों में न मिलने की वजह से फाइलेरिया की दवा खाने से रह गए।
डीएमओ ने बताया कि जूम मीटिंग के जरिए शासन से ऐसे लोगों के लिए मापअप राउंड चलाने के निर्देश मिले हैं। जनपद में 13 से 18 दिसंबर तक मापअप रांउड चलाया जाएगा। इसमें स्वास्थ्य टीमें चिन्हित लोगों के घर जाकर दवा खिलाएंगी। डीएमओ ने बताया कि परजीवी क्यूलेक्स फैंटीगंस मादा मच्छर से यह रोग फैलता है। यह मच्छर आसपास गंदे पानी के भराव से पनपते हैं। तेज बुखार, हाथ-पैर की नसों का फूलना, दर्द, जांघ में गिलटी, हाथ-पैर में सूजन आदि इसके लक्षण हैं।
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी वाले मरीजों को यह दवा नहीं खिलाई गई। शहर के नवोदय पिद्यालय में बृहस्पतिवार को छात्रों को फाइलेरिया की दवा खिलाई। टीम मे बायलाजिस्ट भावना वर्मा, सीनियर लैब टेक्नीशियन बृज बिहारी व पाथ संस्था के डा. रवि राज सिंह शामिल रहे।
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