22वें मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन को राष्ट्रपति मानक प्रदान किया गया


नई दिल्ली/पीआईवी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 8 दिसंबर, 2021 को मुंबई स्थित नौसेना के डॉकयार्ड में आयोजित एक प्रभावशाली अधिकृत परेड में 22वें मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन को राष्ट्रपति मानक से सम्मानित किया है। इसे भारतीय नौसेना के किलर्स स्क्वाड्रन के रूप में भी जाना जाता है। इस अवसर पर डाक विभाग द्वारा निर्मित एक विशेष दिवस आवरण और एक स्मारक डाक टिकट जारी किया गया। इस समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोशियारी, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एडीसी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, एवीएसएम, वीएसएम, पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह और कई अन्य नागरिक व सेना के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। 22वें मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन मुंबई में स्थित है। इसमें प्रबल, प्रलय, नाशक, निशांक, विपुल, विभूति, विनाश और विद्युत मिसाइल वेसल शामिल हैं।

किलर्स स्क्वाड्रन के रूप में इसका जन्म उस समय हुआ था, जब 1971 के युद्ध के समय ओएसए I क्लास मिसाइल बोट को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। इसे पूर्ववर्ती सोवियत संघ से प्राप्त किया गया था। इसने ऑपरेशन ट्राइडेंट और पाइथन में हिस्सा लिया। ये ऑपरेशन भारतीय नौसेना को अरब सागर में संचालन के लिए प्रमुख शक्ति बनाने में निर्णायक साबित हुए थे। इन दो ऑपरेशनों के दौरान पाकिस्तान की नौसेना इकाइयों और कराची बंदरगाह पर हुए हमलों ने पाकिस्तानी नौसेना की युद्ध क्षमता को प्रभावी ढंग से समाप्त कर दिया। इसके बाद इन मिसाइल वेसल्स को 'किलर्स' नाम दिया गया। 

साल 2021 में 1971 के युद्ध में जीत की 50वीं वर्षगांठ है, साथ ही यह किलर्स स्क्वाड्रन का 50वां वर्ष भी है। यह स्क्वाड्रन अभी भी पश्चिमी समुद्री तट पर भारत की समुद्री रक्षा के लिए अग्रिम मोर्चे पर तैनात है। राष्ट्रपति के मानक समारोह में एक बिना किसी गलती के अधिकृत परेड निकाली गई। इसकी शुरुआत नौसेना के सशस्त्र गार्ड द्वारा राष्ट्रपति को अस्त्रों की सलामी देने के साथ हुई। इस समारोह का समापन नौसेना के कर्मियों की एक अखंड ड्रिल और मार्कोस व नौसेना हेलीकॉप्टरों के एक परिचालन प्रदर्शन के साथ हुआ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ